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Navy Day 2023 : नौसेना दिवस मनाने की क्या है वजह, जानें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 4, 2023, 3:32 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 5:01 PM IST

भारतीय सीमा की सुरक्षा में इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और इंडियन नेवी तीनों समांतर रूप से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं. नेवी डे के अवसर पर पढ़ें डॉ. रवेल्ला भानु कृष्ण किरण का लेख..Navy Day, Navy Day 2023, Navy Day History.

Navy Day 2023
नेवी डे

हैदराबाद : नौसेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नौसेना के बारे में ज्यादा जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन नौसेना की तैनाती वाले इलाकों में परेड व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था. इससे स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखा गया. इस आयोजन की सफलता के बाद हर साल नौ सेना दिवस मनाने की परंपरा शुरू हो गई. आज के समय में इस अवसर नौसेना अपने सामरिक शक्ति का भी प्रदर्शन करती है.

भारत में क्यों 4 दिसंबर को मनाया जाता है नौसेना दिवस
अंग्रेजों के समय रॉयल इंडियन नेवी की ओर से 21 अक्टूबर 1944 को नौ सेना दिवस मनाने की परंपरा को अगले ही साल बदल दिया गया. पहले साल की सफलता को देखते आयोजन के बेहतर करने के लिए 1945 में 1 दिसंबर को मनाने का निर्णय लिया गया. इस दिन वर्तमान मुंबई और कराची में वृहत पैमाने पर नौ सेना दिवस मनाया गया. इसके बाद से 15 दिसंबर को को नौसेना दिवस मनाने की परंपरा 1972 तक चला.

  • आज संध्याकाळी, राजकोट किल्ल्यावरील छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या भव्य पुतळ्याचे अनावरण करण्यात आले. pic.twitter.com/6TWKZcTBtP

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं जिस सप्ताह 15 दिसंबर पड़ता था, उसी सप्ताह, नौसेना सप्ताह का आयोजन किया जाता है. वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन मई 1972 में किया गया. इस दौरान निर्णय लिया गया कि भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैनिक के सफल योगदान को देखते हुए इस को नौसेना के कार्यों की स्मृति के रूप में 04 दिसंबर नौसेना दिवस मनाया जाए. इसके बाद से दिसंबर के पहले सप्ताह में नौसेना सप्ताह मनाया जाता है.

नौसेना की भूमिका
नौसेना सीधे तौर पर भारत की समुद्री सीमा की रखवाली करता है. देश के समुद्री इलाके में विभिन्न प्रकार के आपदाओं से निपटने और मानवीय सहायता पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. आज के समय में हमारी नौसेना के पास आधुनिक हथियार, कौशल व तकनीकि क्षमता कई विकसित देशों के बराबर है.

  • On Navy Day 2023, General Anil Chauhan #CDS extends greetings to all Naval personnel, veterans & their families.#OnPathToTransformation, the Indian Navy has always preserved & promoted our National Interests. It will continue to be a symbol of our nation's strength & resolve. pic.twitter.com/0BVjYbWMsw

    — HQ IDS (@HQ_IDS_India) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारतीय नौसेना के लिए चार मुख्य भूमिकाएं

सैन्य भूमिका: समुद्र में सैन्य भूमिका नौसेना का मुख्य काम है. दुश्मन सेना से निपटना, अपने क्षेत्र की रक्षा, अवैध व्यापार के खिलाफ आक्रामक संचालन करना, रक्षात्मक संचालन करना, सैन्य मिशनों को अंजाम देना है.

राजनयिक भूमिका: नौसेना कूटनीति में 'दोस्ती के पुल' बनाने और विदेश नीति के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भूमिका को अदा करता है. इसके अलावा संभावित विरोधियों को रोकने के लिए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन के लिए संकेत देता है.

  • On #NavyDay2023, greetings and warm wishes to our courageous Navy personnel and their families. Indian Navy epitomises resilience, diligence and bravery. Every Indian is grateful to our Navy for their outstanding service and devotion in providing maritime security to our country.… pic.twitter.com/zoMFXuIESU

    — Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांस्टेबलरी भूमिका: भारत की समुद्री सुरक्षा की सुरक्षा और संवर्धन भारतीय नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है. इसमें एक कांस्टेबुलरी तत्व शामिल है, मुख्यरूप से जहां यह उन खतरों से संबंधित है जिनमें समुद्र में बल का उपयोग शामिल है.

  • #NavyDay23!

    ⛵️🪂 Witness the prowess and versatility of the #IndianNavy as it exemplifies the age-old mantra "Jalameva Yasya, Balameva Tasya", demonstrating the crucial relevance of our indomitable #naval strength to India’s prosperity and well-being. 🇮🇳⚓

    Stay tuned for a… pic.twitter.com/LNHDH3zmm3

    — IN (@IndiannavyMedia) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सौम्य भूमिका: नौसेना 'सौम्य' भूमिका का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि इसके कार्यान्वयन में हिंसा की कोई भूमिका नहीं होती है, न ही इन ऑपरेशनों को करने के लिए बल प्रयोग की संभावना कोई आवश्यक शर्त है. सौम्य कार्यों में मुख्य रूप से मानवीय सहायता, आपदा राहत, खोज और बचाव (एसएआर), आयुध निपटान, गोताखोरी सहायता, बचाव अभियान, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण आदि शामिल हैं.

2023 में भारतीय नौसेना की मील का पत्थर उपलब्धि

भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमान वाहक : आईएनएस विक्रांत, भारतीय नौसेना ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया क्योंकि भारत के पहले स्वदेशी निर्मित विमानवाहक पोत ने पूरी तरह से परिचालन का दर्जा हासिल कर लिया. यह विकास भारत को विमान वाहक पोत के निर्माण और उन्हें तैनात करने में सक्षम देशों के 'एलिट क्लब' में रखता है. इससे पहले, भारतीय नौसेना के पास केवल एक ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य था, जो रूस से खरीदा गया था.

प्रमुख बातें

  1. भारतीय नौसेना 7800 किमी से अधिक लंबी तटरेखा के सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
  2. भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री रणनीति दस्तावेज (2004-2015) के माध्यम से अपनी भूमिका को रेखांकित करने की दिशा में कदम उठाया है.
  3. समुद्री क्षेत्र में नई दिल्ली की सबसे बड़ी चुनौती निस्संदेह बीजिंग है.
  4. चीन ने भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड पर प्रभाव डालने की कोशिश की है.
  5. भारतीय नौसेना ने समुद्री ताकत में आत्मनिर्भर बनने के लिए 2035 तक 175 जहाजी बल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है.
  6. 2021 से 2030 तक मानव रहित प्लेटफार्मों के विकास के लिए भारत ने भारतीय नौसेना के लिए एकीकृत मानव रहित रोडमैप" लॉन्च किया.
  7. भारतीय नौसेना 2022 में युद्धपोतों के लिए 40 नौसैनिक मानवरहित हवाई प्रणाली (एनयूएएस) हासिल करने के लिए एक वैश्विक निविदा लेकर आई थी.
  8. लगभग 1300 करोड़ रुपये मूल्य के 10 जहाज-जनित एनयूएएस प्राप्त करने की प्रक्रिया फास्ट ट्रैक मोड पर है.
  9. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने 28 जुलाई, 2023 को एक एयूवी लॉन्च किया जिसका उपयोग खदान का पता लगाने और पानी के नीचे सर्वेक्षण के लिए किया जा सकता है.
  10. साथ ही, नौसेना मानवरहित क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए निजी उद्योग को शामिल करने वाली परियोजनाओं का संचालन कर रही है.

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हैदराबाद : नौसेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नौसेना के बारे में ज्यादा जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन नौसेना की तैनाती वाले इलाकों में परेड व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था. इससे स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखा गया. इस आयोजन की सफलता के बाद हर साल नौ सेना दिवस मनाने की परंपरा शुरू हो गई. आज के समय में इस अवसर नौसेना अपने सामरिक शक्ति का भी प्रदर्शन करती है.

भारत में क्यों 4 दिसंबर को मनाया जाता है नौसेना दिवस
अंग्रेजों के समय रॉयल इंडियन नेवी की ओर से 21 अक्टूबर 1944 को नौ सेना दिवस मनाने की परंपरा को अगले ही साल बदल दिया गया. पहले साल की सफलता को देखते आयोजन के बेहतर करने के लिए 1945 में 1 दिसंबर को मनाने का निर्णय लिया गया. इस दिन वर्तमान मुंबई और कराची में वृहत पैमाने पर नौ सेना दिवस मनाया गया. इसके बाद से 15 दिसंबर को को नौसेना दिवस मनाने की परंपरा 1972 तक चला.

  • आज संध्याकाळी, राजकोट किल्ल्यावरील छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या भव्य पुतळ्याचे अनावरण करण्यात आले. pic.twitter.com/6TWKZcTBtP

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं जिस सप्ताह 15 दिसंबर पड़ता था, उसी सप्ताह, नौसेना सप्ताह का आयोजन किया जाता है. वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन मई 1972 में किया गया. इस दौरान निर्णय लिया गया कि भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैनिक के सफल योगदान को देखते हुए इस को नौसेना के कार्यों की स्मृति के रूप में 04 दिसंबर नौसेना दिवस मनाया जाए. इसके बाद से दिसंबर के पहले सप्ताह में नौसेना सप्ताह मनाया जाता है.

नौसेना की भूमिका
नौसेना सीधे तौर पर भारत की समुद्री सीमा की रखवाली करता है. देश के समुद्री इलाके में विभिन्न प्रकार के आपदाओं से निपटने और मानवीय सहायता पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. आज के समय में हमारी नौसेना के पास आधुनिक हथियार, कौशल व तकनीकि क्षमता कई विकसित देशों के बराबर है.

  • On Navy Day 2023, General Anil Chauhan #CDS extends greetings to all Naval personnel, veterans & their families.#OnPathToTransformation, the Indian Navy has always preserved & promoted our National Interests. It will continue to be a symbol of our nation's strength & resolve. pic.twitter.com/0BVjYbWMsw

    — HQ IDS (@HQ_IDS_India) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारतीय नौसेना के लिए चार मुख्य भूमिकाएं

सैन्य भूमिका: समुद्र में सैन्य भूमिका नौसेना का मुख्य काम है. दुश्मन सेना से निपटना, अपने क्षेत्र की रक्षा, अवैध व्यापार के खिलाफ आक्रामक संचालन करना, रक्षात्मक संचालन करना, सैन्य मिशनों को अंजाम देना है.

राजनयिक भूमिका: नौसेना कूटनीति में 'दोस्ती के पुल' बनाने और विदेश नीति के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भूमिका को अदा करता है. इसके अलावा संभावित विरोधियों को रोकने के लिए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन के लिए संकेत देता है.

  • On #NavyDay2023, greetings and warm wishes to our courageous Navy personnel and their families. Indian Navy epitomises resilience, diligence and bravery. Every Indian is grateful to our Navy for their outstanding service and devotion in providing maritime security to our country.… pic.twitter.com/zoMFXuIESU

    — Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांस्टेबलरी भूमिका: भारत की समुद्री सुरक्षा की सुरक्षा और संवर्धन भारतीय नौसेना की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है. इसमें एक कांस्टेबुलरी तत्व शामिल है, मुख्यरूप से जहां यह उन खतरों से संबंधित है जिनमें समुद्र में बल का उपयोग शामिल है.

  • #NavyDay23!

    ⛵️🪂 Witness the prowess and versatility of the #IndianNavy as it exemplifies the age-old mantra "Jalameva Yasya, Balameva Tasya", demonstrating the crucial relevance of our indomitable #naval strength to India’s prosperity and well-being. 🇮🇳⚓

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    — IN (@IndiannavyMedia) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सौम्य भूमिका: नौसेना 'सौम्य' भूमिका का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि इसके कार्यान्वयन में हिंसा की कोई भूमिका नहीं होती है, न ही इन ऑपरेशनों को करने के लिए बल प्रयोग की संभावना कोई आवश्यक शर्त है. सौम्य कार्यों में मुख्य रूप से मानवीय सहायता, आपदा राहत, खोज और बचाव (एसएआर), आयुध निपटान, गोताखोरी सहायता, बचाव अभियान, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण आदि शामिल हैं.

2023 में भारतीय नौसेना की मील का पत्थर उपलब्धि

भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमान वाहक : आईएनएस विक्रांत, भारतीय नौसेना ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया क्योंकि भारत के पहले स्वदेशी निर्मित विमानवाहक पोत ने पूरी तरह से परिचालन का दर्जा हासिल कर लिया. यह विकास भारत को विमान वाहक पोत के निर्माण और उन्हें तैनात करने में सक्षम देशों के 'एलिट क्लब' में रखता है. इससे पहले, भारतीय नौसेना के पास केवल एक ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य था, जो रूस से खरीदा गया था.

प्रमुख बातें

  1. भारतीय नौसेना 7800 किमी से अधिक लंबी तटरेखा के सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
  2. भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री रणनीति दस्तावेज (2004-2015) के माध्यम से अपनी भूमिका को रेखांकित करने की दिशा में कदम उठाया है.
  3. समुद्री क्षेत्र में नई दिल्ली की सबसे बड़ी चुनौती निस्संदेह बीजिंग है.
  4. चीन ने भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड पर प्रभाव डालने की कोशिश की है.
  5. भारतीय नौसेना ने समुद्री ताकत में आत्मनिर्भर बनने के लिए 2035 तक 175 जहाजी बल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है.
  6. 2021 से 2030 तक मानव रहित प्लेटफार्मों के विकास के लिए भारत ने भारतीय नौसेना के लिए एकीकृत मानव रहित रोडमैप" लॉन्च किया.
  7. भारतीय नौसेना 2022 में युद्धपोतों के लिए 40 नौसैनिक मानवरहित हवाई प्रणाली (एनयूएएस) हासिल करने के लिए एक वैश्विक निविदा लेकर आई थी.
  8. लगभग 1300 करोड़ रुपये मूल्य के 10 जहाज-जनित एनयूएएस प्राप्त करने की प्रक्रिया फास्ट ट्रैक मोड पर है.
  9. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने 28 जुलाई, 2023 को एक एयूवी लॉन्च किया जिसका उपयोग खदान का पता लगाने और पानी के नीचे सर्वेक्षण के लिए किया जा सकता है.
  10. साथ ही, नौसेना मानवरहित क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए निजी उद्योग को शामिल करने वाली परियोजनाओं का संचालन कर रही है.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 5:01 PM IST
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