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Navratri 2023: पटना के इस गांव में दी जाती है नारियल की बलि, जानें क्या है परंपरा ? - पटना न्यूज

महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है. आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी हैं, मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है, इसलिए इन्हें नारियल की बलि (Coconut Is Sacrificed On Mahashtami In Masaurhi) दी जाती है. महाअष्टमी को पटना के मसौढ़ी के ठाकुरबाड़ी मंदिर में नारियल की बलि देने के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहा.

नारियल की बली
नारियल की बली
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 23, 2023, 9:51 AM IST

Updated : Oct 24, 2023, 1:00 PM IST

पटना के इस गांव में दी जाती है नारियल की बली

पटना: नवरात्रि के 8 वें दिन यानी अष्टमी को मां शक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में महाष्टमी के दिन बलि के रूप में नारियल की बलि देने की पुरानी परंपरा है, जिसको लेकर मसौढ़ी के ठाकुरबाड़ी मंदिर में सुबह से ही नारियल फोड़ने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. यहां सैकड़ों की संख्या में भक्त कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कहा जाता है कि ठाकुरबाड़ी मंदिर में मां गौरी को बलि देने से घर में सुख-समृद्धि आती है.

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2023 : आठवें दिन हुई मां महागौरी की पूजा, थावे मंदिर में उमड़ा जनसैलाब

मां गौरी को प्रिय है नारियल का भोग: महा अष्टमी तिथि को मां गौरी की विशेष उपासना का विधान है. मां गौरी का रंग दूध के समान श्वेत और अमोघ फलदायिनी है. गौरवर्ण के कारण मां देवी महागौरी कहलाती हैं. मान्यता है कि मां देवी की पूजा से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है. यही वजह है कि मां गौरी को सफेद चीजों का भोग लगाया है. अष्टमी तिथि को मां गौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ होता है.

क्या है पौराणिक मान्यताएं: कहा जाता है कि मां पार्वती भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या कर रही थी तो उनके पूरे शरीर का वर्ण काला हो गया था, जिसे भगवान शिव ने प्रसन्न होकर गौर वर्ण कर दिया. इसीलिए यह महागौरी कहलाईं. तभी से हर कोई अपनी तपस्या को पूर्ण करने के बाद बली के रूप में एक नारियल फोड़ते हैं, जो मां गौरी को बेहद ही प्रिय है. मां शक्ति के आठवें दिन महागौरी सिद्धि योग के तहत श्रद्धालु सिद्धि पाने के लिए बलि के रूप में नारियल चढ़ाते हैं.

नारियल की बली देने के लिए पहुंचे श्रद्धालु
नारियल की बली देने के लिए पहुंचे श्रद्धालु

"जो भी श्रद्धालु नवरात्र की महाअष्टमी के दिन महागौरी को नारियल की बलि चढ़ाते हैं, मां उनका भेंट स्वीकार कर लेती है. नारियल फोड़ने से घर में सुख-समृद्धि, बाल वृद्धि के साथ-साथ कन्या विवाह का दोष मिट जाता है. वहीं नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति होती है."- गोपाल पांडे, पुजारी

पटना के इस गांव में दी जाती है नारियल की बली

पटना: नवरात्रि के 8 वें दिन यानी अष्टमी को मां शक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में महाष्टमी के दिन बलि के रूप में नारियल की बलि देने की पुरानी परंपरा है, जिसको लेकर मसौढ़ी के ठाकुरबाड़ी मंदिर में सुबह से ही नारियल फोड़ने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. यहां सैकड़ों की संख्या में भक्त कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कहा जाता है कि ठाकुरबाड़ी मंदिर में मां गौरी को बलि देने से घर में सुख-समृद्धि आती है.

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2023 : आठवें दिन हुई मां महागौरी की पूजा, थावे मंदिर में उमड़ा जनसैलाब

मां गौरी को प्रिय है नारियल का भोग: महा अष्टमी तिथि को मां गौरी की विशेष उपासना का विधान है. मां गौरी का रंग दूध के समान श्वेत और अमोघ फलदायिनी है. गौरवर्ण के कारण मां देवी महागौरी कहलाती हैं. मान्यता है कि मां देवी की पूजा से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है. यही वजह है कि मां गौरी को सफेद चीजों का भोग लगाया है. अष्टमी तिथि को मां गौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ होता है.

क्या है पौराणिक मान्यताएं: कहा जाता है कि मां पार्वती भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या कर रही थी तो उनके पूरे शरीर का वर्ण काला हो गया था, जिसे भगवान शिव ने प्रसन्न होकर गौर वर्ण कर दिया. इसीलिए यह महागौरी कहलाईं. तभी से हर कोई अपनी तपस्या को पूर्ण करने के बाद बली के रूप में एक नारियल फोड़ते हैं, जो मां गौरी को बेहद ही प्रिय है. मां शक्ति के आठवें दिन महागौरी सिद्धि योग के तहत श्रद्धालु सिद्धि पाने के लिए बलि के रूप में नारियल चढ़ाते हैं.

नारियल की बली देने के लिए पहुंचे श्रद्धालु
नारियल की बली देने के लिए पहुंचे श्रद्धालु

"जो भी श्रद्धालु नवरात्र की महाअष्टमी के दिन महागौरी को नारियल की बलि चढ़ाते हैं, मां उनका भेंट स्वीकार कर लेती है. नारियल फोड़ने से घर में सुख-समृद्धि, बाल वृद्धि के साथ-साथ कन्या विवाह का दोष मिट जाता है. वहीं नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति होती है."- गोपाल पांडे, पुजारी

Last Updated : Oct 24, 2023, 1:00 PM IST
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