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रोड रेज केस : सिद्धू को SC से राहत नहीं, कर सकते हैं सरेंडर - सुप्रीम कोर्ट

कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) 1988 के 'रोड रेज' मामले में आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट से समय मांगा. सिद्धू ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. (road rage case Navjot Sidhu surrender). हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है.

Navjot sidhu surrender LIVE news updates
नवजोत सिंह सिद्धू , Navjot Sidhu surrender news update
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Published : May 20, 2022, 10:54 AM IST

Updated : May 20, 2022, 1:15 PM IST

नई दिल्ली/ चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सिद्धू को गुरुवार को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी 'अनुचित सहानुभूति' से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता के विश्वास में कमी आएगी. सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले को रखा और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए.

सिंघवी ने ये दिया तर्क : सिंघवी ने पीठ से कहा, 'निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे. हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए. यह 34 साल बाद है. वह अपने चिकित्सीय मामलों को देखना चाहते हैं.' पीठ ने सिंघवी से कहा कि मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है. पीठ ने कहा, 'आप यह अर्जी प्रधान न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर सकते हैं. अगर प्रधान न्यायाधीश आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई से इनकार किए जाने के बाद सिद्धू आज सरेंडर कर सकते हैं.

ये है मामला : लगभग 34 साल पहले सड़क पर हुई हाथापाई की इस घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. उस समय सिद्धू की उम्र लगभग 25 साल थी. शीर्ष अदालत ने सिद्धू को पहले इस मामले में केवल एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था. इसके खिलाफ पीड़ित परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और सिद्धू को एक वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई. कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ट्वीट किया, 'कानून का सम्मान करूंगा.'

सुरक्षा भी ली वापस: एक साल की सज़ा होने के बाद पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा वापस लेने के आदेश भी जारी हुए हैं. सिद्धू को 45 के करीब पुलिस मुलाजिमों की सुरक्षा मिली हुई थी जो अब वापस ले ली गई है.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने 1988 रोड रेज मामले में नवजोत सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई

नई दिल्ली/ चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सिद्धू को गुरुवार को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी 'अनुचित सहानुभूति' से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता के विश्वास में कमी आएगी. सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले को रखा और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए.

सिंघवी ने ये दिया तर्क : सिंघवी ने पीठ से कहा, 'निश्चित तौर पर वह जल्द ही आत्मसमर्पण करेंगे. हमें आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए. यह 34 साल बाद है. वह अपने चिकित्सीय मामलों को देखना चाहते हैं.' पीठ ने सिंघवी से कहा कि मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है. पीठ ने कहा, 'आप यह अर्जी प्रधान न्यायाधीश के समक्ष दाखिल कर सकते हैं. अगर प्रधान न्यायाधीश आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई से इनकार किए जाने के बाद सिद्धू आज सरेंडर कर सकते हैं.

ये है मामला : लगभग 34 साल पहले सड़क पर हुई हाथापाई की इस घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. उस समय सिद्धू की उम्र लगभग 25 साल थी. शीर्ष अदालत ने सिद्धू को पहले इस मामले में केवल एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था. इसके खिलाफ पीड़ित परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया और सिद्धू को एक वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई. कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ट्वीट किया, 'कानून का सम्मान करूंगा.'

सुरक्षा भी ली वापस: एक साल की सज़ा होने के बाद पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा वापस लेने के आदेश भी जारी हुए हैं. सिद्धू को 45 के करीब पुलिस मुलाजिमों की सुरक्षा मिली हुई थी जो अब वापस ले ली गई है.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने 1988 रोड रेज मामले में नवजोत सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई

Last Updated : May 20, 2022, 1:15 PM IST
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