नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 2 जनवरी से देशभर में कोविड वैक्सीन के लिए ड्राई रन चलाने का फैसला किया है. भारत के शीर्ष दवा नियामक डीसीजीआई के शुक्रवार को SII, भारत बायोटेक और फाइजर के वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग के लिए अंतिम फैसला लेने की संभावना है. यह निर्णय चार राज्यों में आयोजित किए गए पिछले ड्राई रन की सफलता के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है.
इसके अलावा सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे वैक्सीन के लिए प्रभावी प्राथमिकता सुनिश्चित करें. भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य), एनएचएम एमडी और राज्य और केंद्र सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ पूरे परिदृश्य की समीक्षा की.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ड्राई रन गतिविधि को सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम तीन प्वाइंट तय किए जाएंगे. राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं, जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है.
महाराष्ट्र और केरल के प्रमुख शहरों और उनकी राजधानी में ड्राई रन के कार्यक्रम शुरू होने की संभावना है.
राज्यों के साथ हाईलेवल मीटिंग के बाद हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बताया कि इस मेगा ड्रिल का मकसद कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के अलावा पूरी मशीनरी की तैयारियों को परखना है.
गौरतलब है कि तीनों सेशन साइट से संबंधित चिकित्सा अधिकारी प्रभारी 25 परीक्षण लाभार्थियों (स्वास्थ्य हेल्थ केयर्स) की पहचान करेंगे.
राज्यों और केंद्र शसित राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि इन लाभार्थियों का डेटा अपलोड किया जाए.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी प्रस्तावित स्थलों की रसद व्यवस्था, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षा आदि के लिए भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
वैक्सीनेशन के लिए लगभग 96,000 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया गया है. प्रशिक्षकों के राष्ट्रीय प्रशिक्षण में 2,360 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है और 719 जिलों में जिला स्तर के प्रशिक्षण में 57,000 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि माइक्रो प्लानिंग, सेशन साइट मैनेजमेंट और ऑनलाइन डेटा सिक्योर करने जैसी कई चीजों का परीक्षण होगा.
इसके अलावा टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं AEFI यानी एडवरस इफेक्ट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन के प्रबंधन पर ड्राई रन का एक महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी ड्राई रन की समीक्षा के लिए टास्क फोर्स गठित करने को कहा गया है. इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो जिलों में 28-29 दिसंबर को असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात और पंजाब सहित चार राज्यों में दो दिवसीय ड्राई रन चलाया था.
अधिकारियों ने कहा कि सभी राज्यों ने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए जारी किए गए दिशानिर्देशों और आईटी प्लेटफॉर्म पर विश्वास जताया है.
इस बीच, भारत में कोविड 19 वैक्सीन का उल्लेख करते हुए, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. वीजी सोमानी ने वैक्सीन डेवलपमेंट पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि नए साल में भारत के पास कुछ होगा.
ड्रग नियामक शुक्रवार को तीन फार्मा दिग्गजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर शुक्रवार को उनकी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी देगा.
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सोमानी ने कहा, 'टीकाकरण में एक चुनौती है कि आपातकालीन उपयोग के तहत टीका उपलब्ध होने के बाद परीक्षण में भाग लेने के लिए लोगों को इच्छुक नहीं किया जा सकता है. हालांकि, यह अगले 3-4 महीनों तक कोई समस्या नहीं होगी.'
वेबीनार में भाग लेते हुए, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक (आरएंडडी) उमेश शालिग्राम ने कहा कि उनकी कंपनी के पास ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 75 मिलियन खुराक मौजूद है और जनवरी के पहले सप्ताह तक इसकी 100 मिलियन खुराक उपलब्ध होगी.
उन्होंने कहा कि भारत एकलौता ऐसा देश है, जिसके पास वैक्सीन का इतनी भंडार मौजूद है.
कोविड-19 वैरिएंट का जिक्र करते हुए, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव रेणु स्वरूप ने कहा कि 4,000 से 5,000 नमूनों में हमने अब तक अनुक्रम किया है. इनमें हमें भारतीय संस्करण नहीं मिला है.
इस संबंध में प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने कहा कि मामूली म्यूटेशन वैक्सीन को प्रभावित नहीं करेंगे.
बता दें कि यूके में एक नए सार्स-कोव-2 म्यूटेशन ने दुनिया भर में व्यापक चिंता पैदा की है.