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National Women Day 2023 : इसलिए राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है सरोजिनी नायडू का जन्मदिन - भारत की पहली महिला राज्यपाल

तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के कहने पर सरोजनी नायडू को उत्तर प्रदेश की जब पहली महिला राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया, लेकिन वह इस पद खुश नहीं थीं, जानिए क्यों....

National Women Day 2023 Nightingale of India Sarojini Naidu birthday
सरोजनी नायडू का जन्मदिन (सौ. से सोशल मीडिया)
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Published : Feb 13, 2023, 1:03 PM IST

नई दिल्ली : आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की सशक्त महिला क्रांतिकारी सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला कहा जाता है. इसलिए उनके जन्मदिन को हमारे देश में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. सरोजिनी नायडू न सिर्फ एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राजनेता थीं, बल्कि उन्होंने एक प्रसिद्ध कवि और गीतकार के रूप में अपनी खास पहचान बनायी थी.

ऐसा कहा जाता है कि सरोजिनी नायडू ने महज 12 साल की उम्र में अपने लेखन की शुरुआत कर दी थी. अपनी लिखने की कला के जरिए उन्होंने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था. कहा जाता है कि एक बार जब लंदन में एक सभा को संबोधित करना था तो वहां पर सरोजिनी नायडू ने धाराप्रवाह अंग्रेजी में अपना भाषण देकर सबका दिल जीत लिया था.

Sarojini Naidu Pics
सरोजनी नायडू की तस्वीरें (सौ. से सोशल मीडिया)

बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्म
तेलुगु राज्य के शहर हैदराबाद में रहने वाले बंगाली ब्राह्मण परिवार में अघोरनाथ चट्टोपाध्याय के घर में 13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था. अपने 8 भाई बहनों में सबसे बड़ी सरोजिनी नायडू को बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक था. उनके पिता निजाम कॉलेज के प्रिसिंपल थे तो उनकी मां बंगाली भाषा में कविताएं लिखा करती थीं. पिता का प्रभाव शिक्षा दीक्षा में और मां का प्रभाव कविताओं में दिखता है. वह केवल 12 साल की उम्र में ही मेट्रिकुलेशन की परीक्षा पास करने के बाद 16 साल की उम्र में लंदन चली गयीं, जहां पर कैंब्रिज में पढ़ायी की. सरोजिनी नायडू ने को पेशे से चिकित्सक और अंतर्जातीय युवक डॉ. पदिपति गोविंदराजुलू से प्रेम हो गया था. दोनों की मुलाकात लंदन में ही हुयी थी. 1898 में केवल 19 साल की उम्र में उन्होंने डॉ. पदिपति गोविंदराजुलू से शादी कर ली.

सरोजिनी नायडू का देश की आजादी में योगदान व उनकी काबिलियत को सराहने के लिए उनके जन्मदिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women Day 2023) के रूप में मनाया जाता है. उन्हें नाइटेंगल आफ इंडिया (Nightingale of India) भी कहा जाता है.

Sarojini Naidu with Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी के साथ सरोजनी नायडू (सौ. से सोशल मीडिया)

पहली महिला राज्यपाल बनकर भी खुश नहीं थीं
आपको बता दें कि देश में आजादी के बाद सरोजनी नायडू को उत्तर प्रदेश की जब पहली महिला राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया तो वह इस तरह की संवैधानिक कुर्सी पा कर भी खुश नजर नहीं आ रही थीं. उन्होंने इस पद को ग्रहण करने के बाद यह कह डाला कि वह राजभवन में एक जंगल के पक्षी की कैद होकर रह गयी हैं. सरोजिनी नायडू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की इच्छा के अनुसार न चाहते हुए भी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पदभार संभाला था.

सरोजिनी नायडू की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा एनी बेसेंट के साथ गहरी दोस्ती थी. दोनों महात्मा गांधी की प्रिय शिष्याओं में एक थीं. आपको बता दें कि सरोजनी नायडू को हिंदी के अलावा अंग्रेजी, बांग्ला और गुजराती भाषा का ज्ञान था. सरोजिनी नायडू का 2 मार्च 1949 को लखनऊ के गवर्नर हाउस में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था.

नई दिल्ली : आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की सशक्त महिला क्रांतिकारी सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला कहा जाता है. इसलिए उनके जन्मदिन को हमारे देश में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. सरोजिनी नायडू न सिर्फ एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राजनेता थीं, बल्कि उन्होंने एक प्रसिद्ध कवि और गीतकार के रूप में अपनी खास पहचान बनायी थी.

ऐसा कहा जाता है कि सरोजिनी नायडू ने महज 12 साल की उम्र में अपने लेखन की शुरुआत कर दी थी. अपनी लिखने की कला के जरिए उन्होंने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था. कहा जाता है कि एक बार जब लंदन में एक सभा को संबोधित करना था तो वहां पर सरोजिनी नायडू ने धाराप्रवाह अंग्रेजी में अपना भाषण देकर सबका दिल जीत लिया था.

Sarojini Naidu Pics
सरोजनी नायडू की तस्वीरें (सौ. से सोशल मीडिया)

बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्म
तेलुगु राज्य के शहर हैदराबाद में रहने वाले बंगाली ब्राह्मण परिवार में अघोरनाथ चट्टोपाध्याय के घर में 13 फरवरी 1879 को सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था. अपने 8 भाई बहनों में सबसे बड़ी सरोजिनी नायडू को बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक था. उनके पिता निजाम कॉलेज के प्रिसिंपल थे तो उनकी मां बंगाली भाषा में कविताएं लिखा करती थीं. पिता का प्रभाव शिक्षा दीक्षा में और मां का प्रभाव कविताओं में दिखता है. वह केवल 12 साल की उम्र में ही मेट्रिकुलेशन की परीक्षा पास करने के बाद 16 साल की उम्र में लंदन चली गयीं, जहां पर कैंब्रिज में पढ़ायी की. सरोजिनी नायडू ने को पेशे से चिकित्सक और अंतर्जातीय युवक डॉ. पदिपति गोविंदराजुलू से प्रेम हो गया था. दोनों की मुलाकात लंदन में ही हुयी थी. 1898 में केवल 19 साल की उम्र में उन्होंने डॉ. पदिपति गोविंदराजुलू से शादी कर ली.

सरोजिनी नायडू का देश की आजादी में योगदान व उनकी काबिलियत को सराहने के लिए उनके जन्मदिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women Day 2023) के रूप में मनाया जाता है. उन्हें नाइटेंगल आफ इंडिया (Nightingale of India) भी कहा जाता है.

Sarojini Naidu with Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी के साथ सरोजनी नायडू (सौ. से सोशल मीडिया)

पहली महिला राज्यपाल बनकर भी खुश नहीं थीं
आपको बता दें कि देश में आजादी के बाद सरोजनी नायडू को उत्तर प्रदेश की जब पहली महिला राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया तो वह इस तरह की संवैधानिक कुर्सी पा कर भी खुश नजर नहीं आ रही थीं. उन्होंने इस पद को ग्रहण करने के बाद यह कह डाला कि वह राजभवन में एक जंगल के पक्षी की कैद होकर रह गयी हैं. सरोजिनी नायडू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की इच्छा के अनुसार न चाहते हुए भी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पदभार संभाला था.

सरोजिनी नायडू की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा एनी बेसेंट के साथ गहरी दोस्ती थी. दोनों महात्मा गांधी की प्रिय शिष्याओं में एक थीं. आपको बता दें कि सरोजनी नायडू को हिंदी के अलावा अंग्रेजी, बांग्ला और गुजराती भाषा का ज्ञान था. सरोजिनी नायडू का 2 मार्च 1949 को लखनऊ के गवर्नर हाउस में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था.

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