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पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन में बोले राष्ट्रपति, संसद की भूमिका बढ़ी

गुजरात में पीठासीन अधिकारियों के 80वें सम्‍मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनता को संबोधित किया. उन्होंने चर्चा के दौरान अनावश्यक कड़वाहट को दूर करने के लिए अध्यक्षों से सदन में स्वस्थ संवाद के अवसर उपलब्ध कराने को कहा.

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गुजरात में पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्‍मेलन आज से, राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन
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Published : Nov 25, 2020, 12:02 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 2:58 PM IST

गुजरात : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुजरात के केवड़िया में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 80वें सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की.

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति ने जनता को संबोधित किया.

जानें, राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ अहम अंशः

  • नर्मदा जिले के केवडिया गांव में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निकट टेंट सिटी में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा सदन में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल और अनुशासनहीनता से उनका चुनाव करने वाले लोगों की भावनाएं आहत होती हैं.
  • यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्मेलन, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सान्निध्य में हो रहा है. उनकी यह प्रतिमा, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यह हम सभी देशवासियों के लिए, गौरव की बात है.
  • भारत की संसद ने, जन-भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों और स्वस्थ चर्चा को प्रोत्साहित करने वाले निकाय के रूप में, लोगों के हृदय में, विशेष स्‍थान बनाया है. राज्‍यों की विधान सभाएं और विधान परिषदें भी, लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को मुखरित करने का, सशक्‍त माध्‍यम बनी हैं.
  • वर्ष 1949 में, संविधान सभा में, आज के ही दिन, संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब डॉक्टर बी. आर. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान की सफलता, भारत की जनता और राजनीतिक दलों के, आचरण पर निर्भर करेगी.

इससे पहले उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने 80 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के लिए भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के गुजरात के केवडिया पहुंचने पर उनका स्वागत किया.

बता दें कि आज से दो दिन का 80वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन शुरू हो रहा है. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष हृदय नारायण दीक्षित 'विधान मंडलों की संवैधानिक जिम्मेदारी' विषय पर अपना विचार प्रस्‍तुत करेंगे.

उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गुजरात के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी आयोजन स्थल पर पहुंचे.

बता दें कि इस सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए लोकसभा अध्‍यक्ष मंगलवार की शाम को गुजरात के लिए रवाना हो गए थे.

भारत के पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्मेलन इस बार गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा की छाया में 25 और 26 नवंबर को आयोजित होगा. इस सम्‍मेलन में राष्ट्रपति शामिल होंगे.

विज्ञप्ति के अनुसार सशक्त लोकतंत्र के लिए विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका का आदर्श समन्वय इस सम्मेलन का मुख्य विषय रखा गया है.

मोदी 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे

नरेन्द्र मोदी गुजरात के केवडिया में बुधवार से आरंभ हो रहे 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी 26 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे.

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 1921 में की गई थी. इस वर्ष पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

शताब्दी वर्ष का दो दिवसीय आयोजन गुजरात के केवड़िया में 25 और 26 नवंबर को किया जा रहा है. इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का सामंजस्यपूर्ण समन्वय - एक जीवंत लोकतंत्र की कुंजी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यानी 25 नवंबर को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला, गुजरात के राज्यपाल आचार्या देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी उपस्थित रहेंगे.

गुजरात : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुजरात के केवड़िया में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 80वें सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की.

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति ने जनता को संबोधित किया.

जानें, राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ अहम अंशः

  • नर्मदा जिले के केवडिया गांव में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निकट टेंट सिटी में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा सदन में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल और अनुशासनहीनता से उनका चुनाव करने वाले लोगों की भावनाएं आहत होती हैं.
  • यह बहुत प्रसन्नता का विषय है कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्मेलन, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सान्निध्य में हो रहा है. उनकी यह प्रतिमा, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यह हम सभी देशवासियों के लिए, गौरव की बात है.
  • भारत की संसद ने, जन-भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों और स्वस्थ चर्चा को प्रोत्साहित करने वाले निकाय के रूप में, लोगों के हृदय में, विशेष स्‍थान बनाया है. राज्‍यों की विधान सभाएं और विधान परिषदें भी, लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को मुखरित करने का, सशक्‍त माध्‍यम बनी हैं.
  • वर्ष 1949 में, संविधान सभा में, आज के ही दिन, संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब डॉक्टर बी. आर. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान की सफलता, भारत की जनता और राजनीतिक दलों के, आचरण पर निर्भर करेगी.

इससे पहले उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने 80 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के लिए भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के गुजरात के केवडिया पहुंचने पर उनका स्वागत किया.

बता दें कि आज से दो दिन का 80वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन शुरू हो रहा है. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष हृदय नारायण दीक्षित 'विधान मंडलों की संवैधानिक जिम्मेदारी' विषय पर अपना विचार प्रस्‍तुत करेंगे.

उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गुजरात के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी आयोजन स्थल पर पहुंचे.

बता दें कि इस सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए लोकसभा अध्‍यक्ष मंगलवार की शाम को गुजरात के लिए रवाना हो गए थे.

भारत के पीठासीन अधिकारियों का 80वां सम्मेलन इस बार गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा की छाया में 25 और 26 नवंबर को आयोजित होगा. इस सम्‍मेलन में राष्ट्रपति शामिल होंगे.

विज्ञप्ति के अनुसार सशक्त लोकतंत्र के लिए विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका का आदर्श समन्वय इस सम्मेलन का मुख्य विषय रखा गया है.

मोदी 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे

नरेन्द्र मोदी गुजरात के केवडिया में बुधवार से आरंभ हो रहे 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी 26 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे.

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 1921 में की गई थी. इस वर्ष पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

शताब्दी वर्ष का दो दिवसीय आयोजन गुजरात के केवड़िया में 25 और 26 नवंबर को किया जा रहा है. इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का सामंजस्यपूर्ण समन्वय - एक जीवंत लोकतंत्र की कुंजी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यानी 25 नवंबर को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला, गुजरात के राज्यपाल आचार्या देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी उपस्थित रहेंगे.

Last Updated : Nov 25, 2020, 2:58 PM IST
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