ETV Bharat / bharat

दस में से नौ लोगों को स्वच्छ हवा नसीब नहीं, नहीं सुधरे तो गंभीर होंगे नतीजे - स्वच्छ हवा नसीब नहीं

भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 70 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं. हालत इतनी बदतर है कि वैश्विक स्तर पर दस में से नौ लोगों को स्वच्छ हवा नसीब नहीं हो रही.

National Pollution Control Day
National Pollution Control Day
author img

By

Published : Dec 2, 2020, 7:30 AM IST

हैदराबाद : देश में बढ़ता प्रदूषण खतरे का कारण बनता जा रहा है. सांस संबंधी रोग से लोगों का जीना दूभर हो गया है. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, दस में से नौ लोगों को स्वच्छ हवा नसीब नहीं हो रही. हवा में मौजूद प्रदूषण के कण न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि मस्तिष्क और ह्रदय के लिए भी घातक हैं.

वायु प्रदूषण ही है जो ओजोन परत के नष्ट होने के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण के खतरे से लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है.

ताकि जागरूक हों लोग

  • औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाना.
  • औद्योगिक प्रक्रियाओं या मानवीय लापरवाही से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए.
  • प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के महत्व के बारे में लोगों और उद्योगों को जागरूक करने के लिए.

भोपाल गैस कांड ने मचाई थी तबाही

  • भोपाल गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों की याद में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है. भोपाल गैस आपदा को दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा माना जाता है और यह अत्यधिक हानिकारक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस के रिसाव के कारण हुई थी. इस त्रासदी में लगभग 3787 लोग मारे गए थे.
  • पटाखे, बम विस्फोट, औद्योगिक क्षेत्रों से जहरीली गैसों का रिसाव, वाहनों से निकलने वाला धुआं आदि प्रदूषण के कारण हैं. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं के नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाना और प्रदूषण के नियंत्रण की दिशा में प्रयास करना है. इसके साथ ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को हमारी वायु, जल और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
  • प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कानून बनाए गए हैं. हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों की ओर ध्यान देने और लोगों और मुख्य रूप से उद्योगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है.

मिलकर लड़ेंगे तभी जीतेंगे प्रदूषण से जंग

पर्यावरण से प्रदूषण कम करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है. मिल जुलकर ही बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सकता है. ऐसे में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है. उनको इस जिम्मेदारी का अहसास कराना है कि सरकार के कदम भी तभी सार्थक होंगे जब लोगों का साथ मिलेगा.

प्रदूषण से मुक्त विश्व बनाने के लिए प्रदूषण कम करने पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. हर देश को प्रदूषण मुक्त गतिविधियों के माध्यम से प्रदूषण कम करने के लिए आगे आना होगा.

प्रदूषण बढ़ाने वाली कई महत्वपूर्ण चीजों में कमी कर वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद की जा सकती है. प्रदूषण लोगों को कई चीजों से दूर करता है और जब उन्हें वह हासिल नहीं होती है, तो वे निराश हो जाते हैं.

पढ़ें-धूम्रपान से दूर रहने वालों में 5 गुना तक बढ़ी लंग कैंसर की समस्या

समय रहते उठाने होंगे कदम

  • सरकार को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए.
  • भारत में बहुत सारे लोग वाहनों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषित हो रही है. इसलिए सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह प्रदूषण नियंत्रण मामले पर ध्यान केंद्रित करे और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्रदूषण की समस्याओं को हल करे.
  • लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे कई गतिविधियों को कम करके प्रदूषण को कम करने में मदद करें.

पढ़ें- वायु प्रदूषण से खतरा : स्वास्थ्य लाभ के लिए राहुल के साथ गोवा पहुंचीं सोनिया

1 दिसंबर 2020 को भारत के सर्वाधिक प्रदूषित
शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

1 मेरठउत्तर प्रदेश342
2मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश329
3पीतमपुरादिल्ली324
4डासनाउत्तर प्रदेश322
5बवानादिल्ली316
6लोनी उत्तर प्रदेश 312
7ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश304
8धारूहेड़ा हरियाणा 292
9बुलंदशहर उत्तर प्रदेश289
10दौराला उत्तर प्रदेश283

हैदराबाद : देश में बढ़ता प्रदूषण खतरे का कारण बनता जा रहा है. सांस संबंधी रोग से लोगों का जीना दूभर हो गया है. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार, दस में से नौ लोगों को स्वच्छ हवा नसीब नहीं हो रही. हवा में मौजूद प्रदूषण के कण न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि मस्तिष्क और ह्रदय के लिए भी घातक हैं.

वायु प्रदूषण ही है जो ओजोन परत के नष्ट होने के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में बढ़ते प्रदूषण के खतरे से लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है.

ताकि जागरूक हों लोग

  • औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाना.
  • औद्योगिक प्रक्रियाओं या मानवीय लापरवाही से उत्पन्न प्रदूषण को रोकने के लिए.
  • प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के महत्व के बारे में लोगों और उद्योगों को जागरूक करने के लिए.

भोपाल गैस कांड ने मचाई थी तबाही

  • भोपाल गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों की याद में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है. भोपाल गैस आपदा को दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा माना जाता है और यह अत्यधिक हानिकारक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस के रिसाव के कारण हुई थी. इस त्रासदी में लगभग 3787 लोग मारे गए थे.
  • पटाखे, बम विस्फोट, औद्योगिक क्षेत्रों से जहरीली गैसों का रिसाव, वाहनों से निकलने वाला धुआं आदि प्रदूषण के कारण हैं. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं के नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाना और प्रदूषण के नियंत्रण की दिशा में प्रयास करना है. इसके साथ ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को हमारी वायु, जल और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
  • प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कानून बनाए गए हैं. हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों की ओर ध्यान देने और लोगों और मुख्य रूप से उद्योगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है.

मिलकर लड़ेंगे तभी जीतेंगे प्रदूषण से जंग

पर्यावरण से प्रदूषण कम करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है. मिल जुलकर ही बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सकता है. ऐसे में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है. उनको इस जिम्मेदारी का अहसास कराना है कि सरकार के कदम भी तभी सार्थक होंगे जब लोगों का साथ मिलेगा.

प्रदूषण से मुक्त विश्व बनाने के लिए प्रदूषण कम करने पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. हर देश को प्रदूषण मुक्त गतिविधियों के माध्यम से प्रदूषण कम करने के लिए आगे आना होगा.

प्रदूषण बढ़ाने वाली कई महत्वपूर्ण चीजों में कमी कर वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद की जा सकती है. प्रदूषण लोगों को कई चीजों से दूर करता है और जब उन्हें वह हासिल नहीं होती है, तो वे निराश हो जाते हैं.

पढ़ें-धूम्रपान से दूर रहने वालों में 5 गुना तक बढ़ी लंग कैंसर की समस्या

समय रहते उठाने होंगे कदम

  • सरकार को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए.
  • भारत में बहुत सारे लोग वाहनों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषित हो रही है. इसलिए सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह प्रदूषण नियंत्रण मामले पर ध्यान केंद्रित करे और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्रदूषण की समस्याओं को हल करे.
  • लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे कई गतिविधियों को कम करके प्रदूषण को कम करने में मदद करें.

पढ़ें- वायु प्रदूषण से खतरा : स्वास्थ्य लाभ के लिए राहुल के साथ गोवा पहुंचीं सोनिया

1 दिसंबर 2020 को भारत के सर्वाधिक प्रदूषित
शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

1 मेरठउत्तर प्रदेश342
2मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश329
3पीतमपुरादिल्ली324
4डासनाउत्तर प्रदेश322
5बवानादिल्ली316
6लोनी उत्तर प्रदेश 312
7ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश304
8धारूहेड़ा हरियाणा 292
9बुलंदशहर उत्तर प्रदेश289
10दौराला उत्तर प्रदेश283
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.