हैदराबाद : सभी लोगों को सुलभ कानूनी सलाह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 लाया गया था. यह 1995 में लागू हुआ था. कानूनी/विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के लागू होने का जश्न मनाने के लिए हर साल 9 नवंबर को राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस (National Legal Services Day) मनाया जाता है. इस दिन विधि विभाग व कई सामाजिक संगठनों की ओर से कानूनी साक्षरता कैंप का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा विभिन्न स्तर पर न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया जाता है. हर साल सुलह योग्य लाखों की संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है.
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This year, the Department of Posts , Karnataka Circle will release a special cancellation on 'National Legal Services Day ' on 09.11.2023. The same will be available at Bengaluru GPO and other bureaus in Karnataka Postal Circle for Philatelists and general public.
— Karnataka Postal Circle (@CPMGKARNATAKA) November 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Karnataka Postal Circle (@CPMGKARNATAKA) November 8, 2023
कानूनी सेवा दिवस आयोजन का उद्देश्य
देश भर में जरूरतमंदों को बिना किसी शुल्क के कानूनी सेवाएं प्रदान करना. इसके तहत कमजोर वर्ग के लोगों, महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, मानव तस्करी पीड़ित, प्राकृतिक आपदा पीड़ित और बच्चों को मुख्य रूप से कानूनी सलाह उपलब्ध कराया जाता है. शैक्षणिक संस्थाओं सहित अन्य जगहों पर प्रमुख कानूनों के बारे में छात्र-छात्राओं, महिलाओं को जागरूक किया जाता है.
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Om Sterling Global University is organizing a webinar on National Legal Services Day on Legal Services Authorities.
— OM Sterling Global University (@OSGUHisar) November 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Register Here - https://t.co/wdt8yVZ8fX
Date - 8th Nov. 2023,Time - 1:00 PM- 1:45 Pm#osgu #legalservicesday #legal #law #webinar #legalservices #university #hisar pic.twitter.com/EqVsYVTiDj
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एक लाख से ज्यादा मामलों का किया गया था निपटारा
साल 2021 के दौरान बड़े पैमाने पर मामलों का निपटारा किया गय. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नाल्सा) की ओर से जारी डेटा के अनुसार देश में 4 राष्ट्रीय लोक अदालतों में 12787329 मामलों का निपटारा किया गया. ये मामले कई सालों से लंबित थे. बता दें कि लोक अदालतों में सुलह योग्य मामलों का निपटारा किया जाता है, ताकि लोगों को न्याय के लिए लोगों को और अधिक इंतजार नहीं करना पड़े. लोक अदालतों में काफी कम खर्च पर दोनों पक्षों के सहमति से मामलों का निपटारा किया जाता है.
गरीबों और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित प्राधिकरणों/संस्थानों की सूची
- राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण
- सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति
- 39 उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समितियां
- 37 राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण
- 673 जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण
- 2465 तालुक कानूनी सेवा समितियां
निःशुल्क कानूनी सेवाएँ प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति
- महिलाएं और बच्चे
- एससी/एसटी के सदस्य
- औद्योगिक कामगार
- सामूहिक आपदा, हिंसा, बाढ़, सूखा, भूकंप के शिकार लोग
- दिव्यांग व्यक्ति
- हिरासत में व्यक्ति
- मानव तस्करी के शिकार
- राज्यसरकार की ओर से निम्न आय वाले लोग
बड़े पैमाने पर न्यायलयों में लंबित हैं मामले
21 जुलाई 2022 को राज्य सभा में कानून मंत्रालय की ओर से दी जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 72062 मामले (1 जुलाई 2022) लंबित थे. वहीं हाई कोर्ट में 59,45,709 मामले लंबित (15 जुलाई 2022 तक ) था. वहीं देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में 4,19,79,353 मामले लंबित बताया गया था. मंत्रालय की ओर से ये जानकारी सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रीड के वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर दिया गया है. 15 जुलाई तक जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में 24,631 न्यायिक पदाधिकारियों का पद सृजित था. वहीं 19,289 न्यायिक पदाधिकारी कार्यरत थे. कुल मिलाकर 5343 न्यायिक पदाधिकारियों का पद खाली था.