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Door to Door campaign in Telangana : कांग्रेस ने तेलंगाना में 119 विधानसभा क्षेत्रों में चलाया डोर टू डोर कैंपेन - national Congress

कांग्रेस ने तेलंगाना में 119 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता संपर्क अभियान चलाया (Door to Door campaign in Telangana). इस अभियान में कई राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Door to Door campaign in Telangana
कांग्रेस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 7:05 PM IST

नई दिल्ली : अपनी तरह के पहले अभियान में देश भर के 119 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को चुनाव वाले राज्य तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता संपर्क अभियान चलाया (Door to Door campaign in Telangana).

मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेताओं को इसकी जिम्मेदारी रविवार को हैदराबाद के पास पार्टी की विशाल रैली के एक दिन बाद हुई. रैली में पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने मतदाताओं के लिए छह गारंटियों की घोषणा की थी.

पार्टी के रणनीतिकारों के अनुसार रविवार की विशाल रैली के बाद सोनिया गांधी के छह वादों को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए विशेष डोर टू डोर ड्राइव की योजना बनाई गई थी. छह वादों को महिलाओं, युवाओं, एससी/एसटी और किसानों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और यह मॉडल उन्हीं आश्वासनों की प्रतिकृति है, जिसकी वजह से हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली है.

किसे कहां मिली जिम्मेदारी : तेलंगाना में विशेष प्रचारकों में वारंगल पश्चिम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राजेंद्र नगर में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, नामपल्ली में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, विकाराबाद में राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा, जनगांव में एआईसीसी सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत शामिल थीं.

इसी तरह मुघोल में गुजरात इकाई के पूर्व प्रमुख जगदीश ठाकोर, खम्मम में एआईसीसी झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे, रामगुंडम में सीडब्ल्यूसी सदस्य अलका लांबा, महेश्वरम में सीडब्ल्यूसी सदस्य दीपा दास मुंशी, घनपुर स्टेशन में गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख गिरीश चोदनकर, पूर्व बिहार इकाई अरमूर में प्रमुख एमएम झा, मंचेरियल में त्रिपुरा इकाई के पूर्व प्रमुख सुदीप रॉय बर्मन, सिद्दीपेट में पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर राजा बराड़, पाटनचेरु में गुजरात सीएलपी नेता अमित चावड़ा, सिकंदराबाद में केसी जॉर्ज सहित अन्य शामिल हैं.

घर-घर अभियान के दौरान वरिष्ठ नेताओं ने मतदाताओं को छह गारंटियों का उल्लेख करते हुए पंपलेट वितरित किए और पार्टी उम्मीदवार के लिए उनका समर्थन मांगा. स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने रात भी विधानसभा क्षेत्रों में बिताई.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव रोहित चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'मैंने बहुत लंबे समय में इस तरह का डोर-टू-डोर अभियान नहीं देखा है, जहां देश भर के वरिष्ठ नेता किसी राज्य के चुनाव में सड़कों पर उतरे हों. यह वास्तव में रैली के एक दिन बाद जमीन पर हमारे अभियान की शुरुआत का प्रतीक था. देश के विभिन्न हिस्सों के शीर्ष नेताओं द्वारा विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने और स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने से कार्यकर्ता उत्साहित थे और खास महसूस कर रहे थे.'

उन्होंने कहा कि '17 सितम्बर की रैली भी बहुत सफल रही. हमने करीब 10 लाख लोगों के लिए व्यवस्था की थी लेकिन भीड़ उससे कहीं ज्यादा थी. सीडब्ल्यूसी सदस्यों सहित सभी वरिष्ठ नेता बसों में कार्यक्रम स्थल तक गए और उन्हें उस स्थान के चारों ओर 'लोगों का समुद्र' ही दिखाई दिया.'

विशेष प्रचारकों ने सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों सहित स्थानीय प्रभावशाली लोगों के साथ भी बातचीत की और स्थानीय लोगों को एकजुट करने के लिए शाम को महात्मा गांधी या डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्तियों तक मार्च निकाला.

राज्य अभियान समिति के प्रमुख मधु गौड़ यशकी ने कहा, 'विशेष प्रचारकों को भेजने के पीछे का विचार मतदाताओं को यह समझाना था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो छह वादों को 100 दिनों के भीतर तेलंगाना में लागू किया जाएगा जैसा कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हुआ था.'

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नई दिल्ली : अपनी तरह के पहले अभियान में देश भर के 119 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को चुनाव वाले राज्य तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता संपर्क अभियान चलाया (Door to Door campaign in Telangana).

मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेताओं को इसकी जिम्मेदारी रविवार को हैदराबाद के पास पार्टी की विशाल रैली के एक दिन बाद हुई. रैली में पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने मतदाताओं के लिए छह गारंटियों की घोषणा की थी.

पार्टी के रणनीतिकारों के अनुसार रविवार की विशाल रैली के बाद सोनिया गांधी के छह वादों को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए विशेष डोर टू डोर ड्राइव की योजना बनाई गई थी. छह वादों को महिलाओं, युवाओं, एससी/एसटी और किसानों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और यह मॉडल उन्हीं आश्वासनों की प्रतिकृति है, जिसकी वजह से हाल के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली है.

किसे कहां मिली जिम्मेदारी : तेलंगाना में विशेष प्रचारकों में वारंगल पश्चिम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राजेंद्र नगर में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, नामपल्ली में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, विकाराबाद में राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा, जनगांव में एआईसीसी सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत शामिल थीं.

इसी तरह मुघोल में गुजरात इकाई के पूर्व प्रमुख जगदीश ठाकोर, खम्मम में एआईसीसी झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे, रामगुंडम में सीडब्ल्यूसी सदस्य अलका लांबा, महेश्वरम में सीडब्ल्यूसी सदस्य दीपा दास मुंशी, घनपुर स्टेशन में गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख गिरीश चोदनकर, पूर्व बिहार इकाई अरमूर में प्रमुख एमएम झा, मंचेरियल में त्रिपुरा इकाई के पूर्व प्रमुख सुदीप रॉय बर्मन, सिद्दीपेट में पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर राजा बराड़, पाटनचेरु में गुजरात सीएलपी नेता अमित चावड़ा, सिकंदराबाद में केसी जॉर्ज सहित अन्य शामिल हैं.

घर-घर अभियान के दौरान वरिष्ठ नेताओं ने मतदाताओं को छह गारंटियों का उल्लेख करते हुए पंपलेट वितरित किए और पार्टी उम्मीदवार के लिए उनका समर्थन मांगा. स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने रात भी विधानसभा क्षेत्रों में बिताई.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव रोहित चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि 'मैंने बहुत लंबे समय में इस तरह का डोर-टू-डोर अभियान नहीं देखा है, जहां देश भर के वरिष्ठ नेता किसी राज्य के चुनाव में सड़कों पर उतरे हों. यह वास्तव में रैली के एक दिन बाद जमीन पर हमारे अभियान की शुरुआत का प्रतीक था. देश के विभिन्न हिस्सों के शीर्ष नेताओं द्वारा विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने और स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने से कार्यकर्ता उत्साहित थे और खास महसूस कर रहे थे.'

उन्होंने कहा कि '17 सितम्बर की रैली भी बहुत सफल रही. हमने करीब 10 लाख लोगों के लिए व्यवस्था की थी लेकिन भीड़ उससे कहीं ज्यादा थी. सीडब्ल्यूसी सदस्यों सहित सभी वरिष्ठ नेता बसों में कार्यक्रम स्थल तक गए और उन्हें उस स्थान के चारों ओर 'लोगों का समुद्र' ही दिखाई दिया.'

विशेष प्रचारकों ने सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों सहित स्थानीय प्रभावशाली लोगों के साथ भी बातचीत की और स्थानीय लोगों को एकजुट करने के लिए शाम को महात्मा गांधी या डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्तियों तक मार्च निकाला.

राज्य अभियान समिति के प्रमुख मधु गौड़ यशकी ने कहा, 'विशेष प्रचारकों को भेजने के पीछे का विचार मतदाताओं को यह समझाना था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो छह वादों को 100 दिनों के भीतर तेलंगाना में लागू किया जाएगा जैसा कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हुआ था.'

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