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छात्रा का आरोप, मासिक धर्म के कारण टीचर ने पौधा लगाने से रोका - Nashik Girl student

महाराष्ट्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि मासिक धर्म (menstrual period) के कारण उसे टीचर ने पौधा लगाने से रोक दिया.

Shocking Girl student not allowed to plant a tree due to her menstrual period
पौधा लगाने से रोका
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Published : Jul 25, 2022, 4:50 PM IST

नासिक : देश जहां एक तरफ आधुनिक तकनीक की तरफ बढ़ रहा है वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास देखने को मिल रहा है. इसी तरह की घटना त्र्यंबकेश्वर तालुक के देवगांव स्थित सरकारी बालिका आश्रम स्कूल में हुई. आरोप है कि टीचर ने एक छात्रा के पौधा लगाने का मज़ाक उड़ाया क्योंकि उसे मासिक धर्म हो रहा था. छात्र ने इसकी शिकायत 'ईटीवी भारत' से की है.

छात्रा लावण्या (Lavanya) ने आरोप लगाया कि 'स्कूल परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान शिक्षक आरटी देवारे ने कहा कि मासिक धर्म वाली लड़कियों को पौधे नहीं लगाने चाहिए.' टीचर के व्यवहार पर सभी ने आश्चर्य जताया है.

दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई अंधविश्वास देखने को मिलते हैं जैसे जादू-टोना, दरवाजे पर नींबू और काली मिर्च डालना, सांप को मारकर उसका मुंह काटना, रात में नाखून नहीं काटना, मनोकामना पूर्ति के लिए नदी में पैसा फेंकना, कब्रिस्तान से आने के बाद स्नान करना अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है.

छात्र का कहना है कि 'पिछले साल हमने स्कूल में पौधे लगाए, लेकिन नहीं बचे. अब हम फिर से पौधे लगा रहे हैं, लेकिन इस साल जिन लड़कियों को मासिक धर्म हो रहा है, उन्हें पौधे लगाने से रोका गया.' लावण्या ने बताया कि 'उन्होंने हमें पौधे लगाने से रोका. 12वीं की परीक्षा में कम अंक देने के लिए धमकाया. आश्रम के स्कूल में बहुत दिक्कत है. नाश्ता और दोपहर का भोजन अच्छा नहीं है.'

पढ़ें- मासिक धर्म स्वच्छता योजना के तहत ओडिशा को सबसे अधिक केंद्रीय धन मिला : केंद्र

नासिक : देश जहां एक तरफ आधुनिक तकनीक की तरफ बढ़ रहा है वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास देखने को मिल रहा है. इसी तरह की घटना त्र्यंबकेश्वर तालुक के देवगांव स्थित सरकारी बालिका आश्रम स्कूल में हुई. आरोप है कि टीचर ने एक छात्रा के पौधा लगाने का मज़ाक उड़ाया क्योंकि उसे मासिक धर्म हो रहा था. छात्र ने इसकी शिकायत 'ईटीवी भारत' से की है.

छात्रा लावण्या (Lavanya) ने आरोप लगाया कि 'स्कूल परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान शिक्षक आरटी देवारे ने कहा कि मासिक धर्म वाली लड़कियों को पौधे नहीं लगाने चाहिए.' टीचर के व्यवहार पर सभी ने आश्चर्य जताया है.

दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई अंधविश्वास देखने को मिलते हैं जैसे जादू-टोना, दरवाजे पर नींबू और काली मिर्च डालना, सांप को मारकर उसका मुंह काटना, रात में नाखून नहीं काटना, मनोकामना पूर्ति के लिए नदी में पैसा फेंकना, कब्रिस्तान से आने के बाद स्नान करना अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है.

छात्र का कहना है कि 'पिछले साल हमने स्कूल में पौधे लगाए, लेकिन नहीं बचे. अब हम फिर से पौधे लगा रहे हैं, लेकिन इस साल जिन लड़कियों को मासिक धर्म हो रहा है, उन्हें पौधे लगाने से रोका गया.' लावण्या ने बताया कि 'उन्होंने हमें पौधे लगाने से रोका. 12वीं की परीक्षा में कम अंक देने के लिए धमकाया. आश्रम के स्कूल में बहुत दिक्कत है. नाश्ता और दोपहर का भोजन अच्छा नहीं है.'

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