पुणे: तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के जांच अधिकारी रहे एस.आर. सिंह से बचाव पक्ष की जिरह मंगलवार को महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत में पूरी हो गई. सेवानिवृत्त हो चुके सीबीआई अधिकारी सिंह को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश) पी पी जाधव की अदालत में गवाह के रूप में पेश किया गया.
जिरह का संचालन बचाव पक्ष के वकील वीरेंद्र इचलकरंजीकर, प्रकाश सालसिंगिकर और सुवर्णा अवहद वास्त ने किया. नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह सुबह की सैर कर रहे थे. अदालत ने इस मामले में पांच आरोपियों वीरेंद्र तावड़े, शरद कालस्कर, सचिन अंदुरे, वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ आरोप तय किए हैं. इस साल अप्रैल में अभियोजन पक्ष के वकील प्रकाश सूर्यवंशी ने आरोपियों से पूछताछ पूरी की. इस मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होनी है.
ये भी पढ़ें- दाभोलकर हत्याकांड : सीबीआई ने समुद्र तल से तलाशा पिस्तौल, 7.5 करोड़ खर्च
बता दें कि इस हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद कर लिया गया. सीबीआई ने ठाणे के निकट समुद्र की संकरी खाड़ी से 40 फीट की गहराई से एक पिस्तौल बरामद की. जांच एजेंसी के अनुसार इस हथियार को ढूंढने में दुबई स्थित विशेषज्ञ कंपनी की मदद ली गई. अत्याधुनिक उपकरणों और यूक्रेन के गोताखोरों की मदद से समुद्र में 40 फीट की गहराई में पिस्तौल को ढूंढा. इस मामले में कथित शूटर शरद कालस्कर ने दावा किया था कि उसने सनातन संस्था के एक सदस्य के कहने पर हत्या में प्रयुक्त चार हथियारों को समुद्री खाड़ी में फेंक दिया था.
(पीटीआई-भाषा)