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'वन नेशन वन राशन कार्ड' का टेंडर दिलाने का झांसा देकर की लाखों की ठगी, STF ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार - STF ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

वन नेशन वन राशन कार्ड का टेंडर दिलाने और पीएमओ का अधिकारी बताकर (Three fraudsters arrested from UP) लोगों से लाखों की ठगी के मामले में एसटीएफ ने दिल्ली, जौनपुर और प्रयागराज से तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है. फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपियो की तलाश जारी है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 11:28 AM IST

लखनऊ : केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़े का एक और चौंकाने वाला मामला (Three fraudsters cheated lakhs) सामने आया है. एसटीएफ ने दिल्ली, जौनपुर और प्रयागराज से तीन जालसाजों कों गिरफ्तार किया है. जालसाज प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव होने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे.


फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश जारी है. एसटीएफ ने पौढ़ी गढ़वाल निवासी संतोष कुमार सेमवाल, प्रयागराज निवासी माया तिवारी और जौनपुर के अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया है. इनके पास से मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के जाली टेंडर से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन व आधार कार्ड बरामद हुए हैं. इन लोगों के पास से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नाम पर जारी एक फर्जी चिट्ठी और शिकायतकर्ता का पैन कार्ड, तीन मोबाइल और आधार कार्ड भी बरामद हुआ है. मास्टरमाइंड संतोष कुमार को नई दिल्ली से, माया तिवारी को जनपद प्रयागराज और अभिषेक तिवारी को जनपद जौनपुर के रहने वाले हैं. एसटीएफ ने इनके पास से उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेजों की छाया प्रतियां बरामद कीं.

झांसा देकर की लाखों की ठगी
झांसा देकर की लाखों की ठगी



जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से प्राप्त पत्र के क्रम में उप कुल सचिव के नाम से वन नेशन वन राशन कार्ड का कूट रचित टेंडर आर्डर जारी कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के विरूद्व नियमानुसार विधिक कार्यवाही के लिए एसटीएफ यूपी को निर्देशित किया गया था, जिसके बाद से ही आरोपियों की तलाश की जा रही थी. एसटीएफ के मुताबिक, संतोष गिरोह का मास्टर माइंड है. उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, बाकी दो को उनकी रिहाइशी वाले शहरों से ही पकड़ा गया. तीनों आरोपितों को जौनपुर पुलिस को सौंप दिया गया है. पूछताछ में संतोष ने एसटीएफ को बताया कि साल 2020 में उसकी मुलाकात अनुज कुमार, माया तिवारी और राकेश अग्रवाल से हुई. राकेश ने उसे अरुण रावत से मिलवाया और बताया कि अरुण पीएमओ में जॉइंट सेक्रेटरी हैं और वह केंद्र सरकार के टेंडर दिलवा सकते हैं.

संतोष के मुताबिक, अरुण ने उससे कहा कि राशन कार्ड का टेंडर निकला हुआ है. प्रति जोन दो लाख रुपये कमिशन व 3.15 लाख के डीडी पर टेंडर दिलवा सकता हूं. इस पर संतोष ने माया और अभिषेक से संपर्क किया. अभिषेक ने जौनपुर निवासी विकेश कुमार सिंह को टेंडर दिलाने का झांसा दिया. उसने विकेश के सामने माया को पीएमओ में मुख्य सचिव बताया. विकेश ने माया के खाते में दो लाख रुपये डलवा दिए. संतोष ने माया के खाते से रकम निकालकर अरुण को दे दी. अरुण ने विकेश को वेस्ट जोन के टेंडर मिलने का फर्जी लेटर बनाकर मेल कर दिया. मेल आईडी में पीएमओ का इस्तेमाल किया गया था. अभिषेक ने विकेश से बताया कि माया प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव है, वो टेंडर दिला सकती है. इसके बाद उसे लेकर दिल्ली भी आया, वहां माया से मुलाकात कराई और दो लाख भी माया के अकाउंट में डलवाया. कुछ समय में जालसाजों ने विकेश से टेंडर के नाम पर करीब 55 लाख रुपये ले लिए. काफी दिनों तक कुछ नहीं हुआ तो विकेश ने पड़ताल करनी शुरू की. जानकारी मिली कि ऐसा कोई टेंडर निकला ही नहीं था. गिरोह ने छह से ज्यादा लोगों को ऐसे ही चूना लगाया. माया ने एसटीएफ को इनके नाम बताए हैं.'

यह भी पढ़ें : ATM Machine Tampered कर निकाल लेता था रुपये, वीडियो में देखें जालसाज की करतूत

यह भी पढ़ें : NGO रजिस्ट्रेशन और विदेशी फंडिंग के नाम पर ज्वेलर्स से 64 लाख ठगने वाला एक और जालसाज गिरफ्तार

लखनऊ : केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़े का एक और चौंकाने वाला मामला (Three fraudsters cheated lakhs) सामने आया है. एसटीएफ ने दिल्ली, जौनपुर और प्रयागराज से तीन जालसाजों कों गिरफ्तार किया है. जालसाज प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव होने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे.


फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश जारी है. एसटीएफ ने पौढ़ी गढ़वाल निवासी संतोष कुमार सेमवाल, प्रयागराज निवासी माया तिवारी और जौनपुर के अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया है. इनके पास से मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के जाली टेंडर से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन व आधार कार्ड बरामद हुए हैं. इन लोगों के पास से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नाम पर जारी एक फर्जी चिट्ठी और शिकायतकर्ता का पैन कार्ड, तीन मोबाइल और आधार कार्ड भी बरामद हुआ है. मास्टरमाइंड संतोष कुमार को नई दिल्ली से, माया तिवारी को जनपद प्रयागराज और अभिषेक तिवारी को जनपद जौनपुर के रहने वाले हैं. एसटीएफ ने इनके पास से उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेजों की छाया प्रतियां बरामद कीं.

झांसा देकर की लाखों की ठगी
झांसा देकर की लाखों की ठगी



जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से प्राप्त पत्र के क्रम में उप कुल सचिव के नाम से वन नेशन वन राशन कार्ड का कूट रचित टेंडर आर्डर जारी कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के विरूद्व नियमानुसार विधिक कार्यवाही के लिए एसटीएफ यूपी को निर्देशित किया गया था, जिसके बाद से ही आरोपियों की तलाश की जा रही थी. एसटीएफ के मुताबिक, संतोष गिरोह का मास्टर माइंड है. उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, बाकी दो को उनकी रिहाइशी वाले शहरों से ही पकड़ा गया. तीनों आरोपितों को जौनपुर पुलिस को सौंप दिया गया है. पूछताछ में संतोष ने एसटीएफ को बताया कि साल 2020 में उसकी मुलाकात अनुज कुमार, माया तिवारी और राकेश अग्रवाल से हुई. राकेश ने उसे अरुण रावत से मिलवाया और बताया कि अरुण पीएमओ में जॉइंट सेक्रेटरी हैं और वह केंद्र सरकार के टेंडर दिलवा सकते हैं.

संतोष के मुताबिक, अरुण ने उससे कहा कि राशन कार्ड का टेंडर निकला हुआ है. प्रति जोन दो लाख रुपये कमिशन व 3.15 लाख के डीडी पर टेंडर दिलवा सकता हूं. इस पर संतोष ने माया और अभिषेक से संपर्क किया. अभिषेक ने जौनपुर निवासी विकेश कुमार सिंह को टेंडर दिलाने का झांसा दिया. उसने विकेश के सामने माया को पीएमओ में मुख्य सचिव बताया. विकेश ने माया के खाते में दो लाख रुपये डलवा दिए. संतोष ने माया के खाते से रकम निकालकर अरुण को दे दी. अरुण ने विकेश को वेस्ट जोन के टेंडर मिलने का फर्जी लेटर बनाकर मेल कर दिया. मेल आईडी में पीएमओ का इस्तेमाल किया गया था. अभिषेक ने विकेश से बताया कि माया प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव है, वो टेंडर दिला सकती है. इसके बाद उसे लेकर दिल्ली भी आया, वहां माया से मुलाकात कराई और दो लाख भी माया के अकाउंट में डलवाया. कुछ समय में जालसाजों ने विकेश से टेंडर के नाम पर करीब 55 लाख रुपये ले लिए. काफी दिनों तक कुछ नहीं हुआ तो विकेश ने पड़ताल करनी शुरू की. जानकारी मिली कि ऐसा कोई टेंडर निकला ही नहीं था. गिरोह ने छह से ज्यादा लोगों को ऐसे ही चूना लगाया. माया ने एसटीएफ को इनके नाम बताए हैं.'

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