नई दिल्ली : कांग्रेस का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी से जुड़ी घटना के मद्देनजर जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगा और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस प्रतिनिधिमंडल का गठन किया. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह, नगालैंड के पार्टी प्रभारी अजय कुमार, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और एंटो एंटनी शामिल हैं.
उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नगालैंड के स्थानीय कांग्रेस नेताओं के मौके का दौरा करने का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य के लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. नगालैंड, हम आपके साथ हैं.'
असंतुष्ट कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने किया बहिर्गमन
कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल का गठन गृह मंत्री अमित शाह के सोमवार को संसद के दोनों सदनों में नागालैंड की घटना पर दिए गए बयान के बाद किया गया. हालांकि, सरकार के कदम से असंतुष्ट कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बहिर्गमन किया.
इस मामले पर बोलते हुए, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर (Congress MP Manickam Tagore) ने कहा, 'यह एक बहुत छोटा भाषण था और हमें बाद में स्पष्टीकरण भी नहीं मिला इसलिए, विपक्षी दल विरोध जताने के लिए बाहर चले गए.'
कांग्रेस के एक अन्य सांसद जसबीर सिंह गिल (Congress MP Jasbir Singh Gill) ने कहा, 'उस गोलीबारी की घटना में निर्दोष लोग मारे गए थे और केंद्रीय गृह मंत्री उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाय इस कृत्य को सही ठहरा रहे थे. मुझे लगता है कि सरकार को उन परिवारों को न्याय देना चाहिए.'
लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस मामले पर बात करते हुए कहा, 'इस बयान में कोई दम नहीं है. यह नागालैंड से निकलने वाली परेशान करने वाली खबरों से संबंधित नहीं हो सकता है. हम पूछ रहे हैं कि निर्दोष नागरिकों पर गोलियां क्यों चलाई गईं और क्यों एक सैनिक को अपनी जान गंवानी पड़ी.'
इससे पहले आज कई विपक्षी सांसदों ने इस मामले पर चर्चा के लिए संसद में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया था. अपने जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे 'गलत पहचान का मामला' बताया और सदन को सूचित किया कि घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि नगालैंड के मोन जिले में गत सप्ताहांत सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी. आज कई विपक्षी सांसदों ने इस मामले पर चर्चा के लिए संसद में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया था. अपने जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए इसे 'गलत पहचान का मामला' बताया और सदन को सूचित किया कि घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.
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