नई दिल्ली : भाजपा सरकार की सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने गृह मंत्री अमित शाह पर नागालैंड में सुरक्षा बलों द्वारा 14 नागरिकों की हत्या को लेकर संसद में 'गलत तथ्य' रखने का आरोप लगाया है.
बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के एनपीएफ सांसद डॉ. लोरहो एस फोज़े (Dr Lorho S Pfoze) ने कहा, गृह मंत्री ने संसद में कुछ गलत तथ्य बताए जो बहुत ही अनुचित थे. घटना से जुड़े सही तथ्यों को संसद के सामने रखा जाना चाहिए और फायरिंग की घटना के दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.'
डॉ. फोजे ने कहा, 'गृह मंत्री ने संसद में बताया कि हमला गलत पहचान के कारण हुआ है, लेकिन अगर हम घटना को देखें तो पता चलता है कि नागरिकों को सामने से गोली मारी गई थी. एक वीडियो में सामने आया कि सुरक्षा बलों बिना रुके सीधे सामने से गोली मार दी.'
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग करते हुए डॉ. फोजे ने कहा कि ये नागालैंड और मणिपुर जैसी जगहों पर बिल्कुल आवश्यक नहीं है.
डॉ. फोजे ने कहा, 'इन क्षेत्रों में राज्य कई वर्षों से तुलनात्मक रूप से शांतिपूर्ण हैं. ऐसे में जब पिछले 25 सालों से नागालैंड में उग्रवाद नहीं है, तो AFSPA क्यों.' राज्य सरकार द्वारा बुलाए गए नागालैंड विधानसभा के विशेष सत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 'मेरा मानना है कि केंद्र को आवश्यक सिफारिशें करना विशेषाधिकार है. केंद्र को सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए.'
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डॉ. फोजे ने कहा कि 'हो सकता है कि 60 और 70 के दशक की शुरुआत में इस तरह के एक अधिनियम की आवश्यकता थी. अब कई विद्रोही समूहों के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मेरा मानना है कि केंद्र सरकार को विवादास्पद अधिनियम को रद्द करने के लिए संवेदनशील रूप से सोचने का समय है.' एनपीएफ सांसद ने कहा, सरकार को यह समझना चाहिए कि पूरे क्षेत्र में तुलनात्मक रूप से शांति है और अधिनियम को निरस्त करना सही है.
नागालैंड के मोन जिले में नागरिकों की हत्या की घटनाओं के बाद से पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने अफ्सपा को निरस्त करने की मांग की है.
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