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Mysterious school in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का रहस्यमयी स्कूल, यहां बेहोश हो जाती हैं छात्राएं

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Published : Jan 27, 2023, 9:10 PM IST

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का सरकारी स्कूल एक बार फिर चर्चा में है. यह रहस्यमयी स्कूल है. यहां छात्राएं खौफ के साए में पढ़ाई करती हैं. वे अचानक कभी अजीब आवाज निकालती हैं तो कभी बेहोश भी हो जाती हैं. इस स्कूल में न सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ कराया जा रहा है बल्कि तांत्रिक की मदद ली जा रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कैंप भी लगा है, लेकिन छात्राओं की परेशानी कम नहीं हो रही है.

Mysterious school in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ का रहस्यमयी स्कूल
छत्तीसगढ़ का रहस्यमयी स्कूल

बालोद: बालोद के भैंसबोड़ गांव के सरकारी मिडिल स्कूल की छात्राएं खौफ के साए में हैं. स्कूल में पिछले कई सालों से 6वीं से 12वीं तक की छात्राएं रहस्यमयी ढंग से बेहोश हो रहीं हैं. छात्रा सिद्धि ने बताया कि "हमें कुछ पता ही नहीं चलता. हमारे आसपास की छात्राएं बेहोश हो जाती हैं. कभी सार्वजनिक रूप से किसी कार्यक्रम के दौरान, तो कभी कक्षाओं में ही और जोर जोर से भी चिल्लाने लगती है. हमें डर लगता है. लोग कहते हैं यह बाहरी शक्ति है. भूत प्रेत का साया है. लेकिन हमें ऐसा कुछ महसूस नहीं होता. छात्राएं स्कूल से निकलने के बाद एकदम स्वस्थ हो जाती हैं. अब यह क्या है, इसे भगवान ही जानें."

स्कूल में बंधा हुआ है नारियल: हैरत की बात यह भी है कि स्कूल के कमरे की हर खिड़की में लाल कलर के कपड़े में झाड़ फूंक वाली चीजें बंधी हुई है. स्कूल परिसर में नारियल भी बांधा गया है. जब छात्राएं बेहोश हो जाती हैं तो गांव के ही रहने वाले हेमलाल को बुलाया जाता है. हेमलाल कहते हैं "ऐसा लगता है कि विद्यालय में कुछ अदृश्य शक्तियों का प्रकोप है, जो छात्रों को परेशान कर रही है. स्कूल की रक्षा के लिए कवच तैयार किया है, नारियल बांधे गए और हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया जा चुका है."

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अक्सर होती है बेहोशी की घटनाएं: स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि " यहां इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. जनवरी माह से लगातार छात्राओं के बेहोश होने का सिलसिला चला आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी है. स्वास्थ विभाग ने कैंप भी लगाया. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हर संभव मदद छात्राओं को की जाएगी. बोलने पर दोबारा कैंप भी लगाया जाएगा.''

छात्राओं की काउंसिलिंग: बालोद जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जे एल उइके ने बताया कि "मनोवैज्ञानिक ढंग से यहां पर छात्राएं बेहोश होती हैं. हमने कैंप भी लगाया है. 13 बच्चे बेहोश हुए थे. बच्चों का इलाज किया गया. 2 दिनों तक कैंप लगाकर छात्राओं की काउंसलिंग की गई. कुछ लोग इसे साइकोलॉजिकल थ्योरी बता रहे हैं तो कुछ इसे भूतों का प्रकोप."

यह भी पढ़ें: Budh Rashi Parivartan 2023: 07 फरवरी को बुध करेंगे मकर राशि में प्रवेश, राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव, आइए जानते हैं

स्कूल में लगाई गई मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी: स्कूल परिसर में एक अस्थाई रूप से कमरे को क्लीनिक का रूप दिया गया है. मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. एक बेड भी लगाया गया है. यहां पर मेडिकल स्टाफ ने बताया कि " गुरुवार को एक बच्चा बेहोश हुआ था. आज कोई घटना घटित नहीं हुई है. मेरी ड्यूटी यहां बच्चों की देखरेख के लिए लगाई गई है."

आखिर कब सुलझ पाएगी मिस्ट्री: सभी एक्टिविटी में विद्यालय के बच्चे है आगे: यह विद्यालय सभी एक्टिविटी में आगे हैं. कल्चरल इवेंट से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में और खेलकूद में भी यहा के बच्चे आगे हैं. यहां के शिक्षक भी काफी ख्याति प्राप्त हैं. बावजूद इसके एक समस्या इस विद्यालय की रौनक में दाग के रूप में लगी हुई है.

छत्तीसगढ़ का रहस्यमयी स्कूल

बालोद: बालोद के भैंसबोड़ गांव के सरकारी मिडिल स्कूल की छात्राएं खौफ के साए में हैं. स्कूल में पिछले कई सालों से 6वीं से 12वीं तक की छात्राएं रहस्यमयी ढंग से बेहोश हो रहीं हैं. छात्रा सिद्धि ने बताया कि "हमें कुछ पता ही नहीं चलता. हमारे आसपास की छात्राएं बेहोश हो जाती हैं. कभी सार्वजनिक रूप से किसी कार्यक्रम के दौरान, तो कभी कक्षाओं में ही और जोर जोर से भी चिल्लाने लगती है. हमें डर लगता है. लोग कहते हैं यह बाहरी शक्ति है. भूत प्रेत का साया है. लेकिन हमें ऐसा कुछ महसूस नहीं होता. छात्राएं स्कूल से निकलने के बाद एकदम स्वस्थ हो जाती हैं. अब यह क्या है, इसे भगवान ही जानें."

स्कूल में बंधा हुआ है नारियल: हैरत की बात यह भी है कि स्कूल के कमरे की हर खिड़की में लाल कलर के कपड़े में झाड़ फूंक वाली चीजें बंधी हुई है. स्कूल परिसर में नारियल भी बांधा गया है. जब छात्राएं बेहोश हो जाती हैं तो गांव के ही रहने वाले हेमलाल को बुलाया जाता है. हेमलाल कहते हैं "ऐसा लगता है कि विद्यालय में कुछ अदृश्य शक्तियों का प्रकोप है, जो छात्रों को परेशान कर रही है. स्कूल की रक्षा के लिए कवच तैयार किया है, नारियल बांधे गए और हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया जा चुका है."

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अक्सर होती है बेहोशी की घटनाएं: स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि " यहां इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. जनवरी माह से लगातार छात्राओं के बेहोश होने का सिलसिला चला आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी है. स्वास्थ विभाग ने कैंप भी लगाया. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हर संभव मदद छात्राओं को की जाएगी. बोलने पर दोबारा कैंप भी लगाया जाएगा.''

छात्राओं की काउंसिलिंग: बालोद जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जे एल उइके ने बताया कि "मनोवैज्ञानिक ढंग से यहां पर छात्राएं बेहोश होती हैं. हमने कैंप भी लगाया है. 13 बच्चे बेहोश हुए थे. बच्चों का इलाज किया गया. 2 दिनों तक कैंप लगाकर छात्राओं की काउंसलिंग की गई. कुछ लोग इसे साइकोलॉजिकल थ्योरी बता रहे हैं तो कुछ इसे भूतों का प्रकोप."

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स्कूल में लगाई गई मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी: स्कूल परिसर में एक अस्थाई रूप से कमरे को क्लीनिक का रूप दिया गया है. मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. एक बेड भी लगाया गया है. यहां पर मेडिकल स्टाफ ने बताया कि " गुरुवार को एक बच्चा बेहोश हुआ था. आज कोई घटना घटित नहीं हुई है. मेरी ड्यूटी यहां बच्चों की देखरेख के लिए लगाई गई है."

आखिर कब सुलझ पाएगी मिस्ट्री: सभी एक्टिविटी में विद्यालय के बच्चे है आगे: यह विद्यालय सभी एक्टिविटी में आगे हैं. कल्चरल इवेंट से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में और खेलकूद में भी यहा के बच्चे आगे हैं. यहां के शिक्षक भी काफी ख्याति प्राप्त हैं. बावजूद इसके एक समस्या इस विद्यालय की रौनक में दाग के रूप में लगी हुई है.

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