मैसुर (कर्नाटक) : इंडिया गेट पर भव्य छत्र के नीचे स्थापित की जाने वाली सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज तराशेंगे. जनवरी 2022 में बोस की 125वीं जयंती से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि इंडिया गेट पर ग्रेनाइट से बनी बोस की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी. पीएम मोदी ने कहा था कि ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इंडिया गेट पर ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह उनके प्रति भारत की ऋणी का प्रतीक होगा. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा पूरी नहीं हो जाती, उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी. मैं 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा, जो नेताजी की जयंती है.
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5 अप्रैल को मोदी ने योगीराज से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक मूर्ति प्राप्त की. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था कि आज अरुण योगीराज से मिलकर खुशी हुई. नेताजी बोस की इस असाधारण मूर्ति को साझा करने के लिए उनका आभारी हूं. सूत्रों ने कहा कि मोदी ने योगीराज की प्रतिमा के डिजाइन को मंजूरी दी थी, जब उन्हें अप्रैल में दो फुट की प्रतिकृति भेंट की गई थी. इससे पहले, योगीराज ने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट की प्रतिमा को भी तराशा है, जिसका अनावरण 2021 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था. प्रतिमा पूर्व अमर जवान ज्योति के पीछे भव्य छत्र के नीचे स्थापित की जाएगी.
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इससे पहले, चंदवा में किंग जॉर्ज पंचम की एक मूर्ति थी, जिसे 1968 में हटा दिया गया था. एक बड़े ग्रेनाइट पत्थर का चयन किया गया है और प्रतिमा के लिए तेलंगाना से दिल्ली लाया गया है जहां काम किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि प्रतिमा का डिजाइन संस्कृति मंत्रालय के तहत नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की एक टीम द्वारा किया गया है, जिसकी अध्यक्षता इसके महानिदेशक अद्वैत गडनायक कर रहे हैं. योगीराज 1 जून को राष्ट्रीय राजधानी में आने पर विशेष रूप से प्रतिमा के चेहरे की विशेषताओं को तराशेंगे और काम 15 अगस्त तक पूरा होने की संभावना है.