मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित किडनी कांड की पीड़िता सुनीता को करीब सात महीने बाद डोनर मिल (Muzaffarpur kidney victim Sunita got donor ) गया है. पिछले सात महीने से लगातार डायलिसिस के सहारे अपनी जिंदगी जी रही सुनीता को शनिवार को जीने की नई उम्मीद मिल गई है. सुनीता अपना गर्भाशय का ऑपरेशन कराने गई थी, लेकिन डाॅक्टर ने उसकी दोनों किडनी ही निकाल ली थी. यह मामला सुर्खियों में रहा है. एनएचआरसी ने भी इस पर संज्ञान लिया था और जल्द से जल्द सरकार को सुनीता के उचित इलाज की बात कही थी.
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पंखाटोली का नसीम देगा सुनीता को किडनीः जिले के शहरी क्षेत्र के पंखा टोली के रहने वाले मोहम्मद नसीम ने सुनीता को किडनी दान करने का साहस दिखाया है. नसीम ने बताया कि काफी दिनों से सुनीता की समस्या को सुन रहा था. बहुत सोचने के बाद वह इस निर्णय पर पहुंचा कि एक किडनी दान करके भी एक किडनी से स्वस्थ्य जिंदगी जी सकता हूं. इसके बाद सुनीता को किडनी देने का निर्णय लिया. इसके लिए डीएम से बातचीत हो गई. उन्होंने पहले स्वास्थ्य जांच कराने की बात कही. उसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी.
सुनीता के लिए नसीम फरिश्ताः जिले के सकरा थाना क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों ने सुनीता की किडनी निकाल ली थी.अब ऐसे में किडनी देने के लिए सामने आया नसीम सुनीता के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं है. किडनी निकल जाने के बाद से सुनीता काफी कष्ट में है. नसीम से सुनीता का यही कष्ट नहीं देखा गया और उसने इतना बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया. नसीम ने बताया कि उसे किडनी डोनेट करने की प्रेरणा नरेंद्र मोदी की अपील से मिली, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंग दान करना चाहिए.
"रोज दिन पेपर में पढ़ते थे कि यहां धरना प्रदर्शन हो रहा है. वहां विरोध हो रहा है. महिला डायलिसिस पर जिंदा है. महिला की खराब स्थिति को देखकर भी थोड़ा बुरा लगता था. एक दिन पेपर में पढ़े थे कि पीएम मोदी कहे हैं कि अंगदान करना चाहिए. इस पर हम यही सोचे की आधा जीवन तो हमलोग जी चुके हैं. अगर मेरे एक किडनी दे देने से महिला की जिंदगी बच जाती है तो इसमें क्या आपत्ति है. मैं बिना कोई दबाव और निःस्वार्थ भाव से किडनी दान कर रहा हूं. मैंने सिर्फ अपनी पत्नी को समझाया कि मैं अगर एक किडनी दे भी देता हूं तो कोई समस्या मुझे नहीं होगी"- नसीम, किडनी डोनर
क्या है मामलाः 3 सितंबर 2022 को मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र के मथुरापुर निवासी सुनीता देवी के पेट में दर्द होने पर बरियारपुर के एक क्लीनिक में उसका ऑपरेशन किया गया. उसके बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी. SKMCH में जब जांच कराई गई तो पता चला कि सुनीता की दोनों किडनियां डाॅक्टर ने निकाल ली है. इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारी ने जांच शुरू की.
अब भी फरार है मुख्य आरोपी डाॅक्टरःसुनीता के किडनी निकाले जाने के मामले में अबतक मुख्य आरोपी फरार है. वहीं जिस क्लीनिक में सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ था. क्लीनिक संचालक पवन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार संचालक ने ऑपरेशन के लिए बाहर से आए डाॅक्टर को इस मामले में आरोपी बताया था. पवन की गिरफ्तारी भूटान भागने के दौरान हुई थी. उसने पुलिस के समक्ष यह बताया था कि डाॅ आरके सिंह ने यह ऑपरेशन किया था. अब तक ऑपरेशन कर किडनी निकालने वाला डाॅक्टर पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
NHRC ने लिया था संज्ञानः इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया. इसके बाद इस पूरे मामले में कार्रवाई की पूरी डिटेल एनएचआरसी ने मांगी और सरकार से इस मामले में पीड़िता को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की बात भी कही गई. एनएचआरसी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इस मामले में नोटिस भेजा था. उसके बाद भी आयोग की ओर से मामले का अपडेट लिया गया और महिला के इलाज को लेकर भी निर्देश दिया गया था.