देहरादून : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली इंटेल (Intel) कंपनी ने AI (Artificial Intelligence) में इनोवेशन के लिए उत्तराखंड के ईशान शौर्य चमोली को AI Enthusiast Global Top 10 award से सम्मानित किया है. ईशान ने इंटेल की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्लोबल इंपैक्ट फेस्टिवल (AI Global Impact Festival) में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
ईशान ने बताया कि वह अवॉर्ड पाकर काफी उत्साहित हैं. उनके जिस आइडिया को लेकर यह अवॉर्ड दिया गया है. वह वर्तमान में विश्व परिदृश्य को देखते हुए बहुत फायदेमंद होगा. इस अवॉर्ड ने मुझे इसे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके दुनिया भर में लाखों शरणार्थियों को स्थानांतरित करना मेरे दिल के बहुत करीब है. मैं इस कॉन्सेप्ट को और भी डेवलप कर निकट भविष्य में इसे व्यावहारिक उपयोग में लाने की कोशिश कर रहा हूं. मैं इसे कागज से हकीकत में बदलना चाहता हूं.
पिछले दो सालों से कोविड संक्रमण के चलते ईशान शौर्य चमोली अपने दादी दादी के साथ मसूरी में रहकर ही ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. अक्टूबर में उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्लोबल इंपैक्ट फेस्टिवल (AI Global Impact Festival) के बारे में पता चला था. जो कैलिफोर्निया स्थित मल्टीनेशनल कंपनी और सबसे अधिक कंप्यूटर चिप बनाने वाली इंटेल की ओर से आयोजित किया था. 15 से 30 अक्टूबर तक एआई ग्लोबल इंपैक्ट फेस्टिवल का आयोजन किया गया.
इंटेल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर हो रहे इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर के युवा छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए इस फेस्टिवल का आयोजन किया था. जिसमें युवाओं को इंटेल के इनोवेशन और इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने विविध विषयों पर कई सत्रों में नई-नई जानकारियों से अवगत कराया.
वहीं, इस ग्लोबल फेस्ट में भाग लेते हुए ईशान शौर्य चमोली ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. जिसमें ईशान ने 'National AI Enthusiast Award' जीता. अपने अल्मा मटर रिज वैली स्कूल और परिवार के लिए ये पुरस्कार जीतकर ईशान बहुत खुश हैं.
पढ़ें- पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गए डॉ. भूपेंद्र कुमार और प्रगतिशील किसान प्रेमचंद शर्मा
इस फेस्टिवल विजेता का चयन ग्लोबल वोटिंग और इंटेल के एक पैनल से साथ इंटरव्यू के आधार पर किया गया. ईशान को ग्लोबल टॉप 10 और भारत के नंबर वन आइडिया के लिए 13 से 18 आयुवर्ग में यह अवॉर्ड मिला है. दुनिया भर में लाखों शरणार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक जगह से दूसरी जगह स्थानानांतरित करने के इस शानदार आइडिया के लिए ईशान को 1500 अमेरिकी डॉलर का ईनाम और इंटेल की ओर से एक प्रमाण-पत्र भी दिया गया है.
बता दें कि ईशान आईटीबीपी के पूर्व डीआईजी एसपी चमोली और माधुरी चमोली के पोते हैं. मूल रूप से मूसरी के रहने वाले ईशान अभी गुरुग्राम (हरियाणा) में रहते हैं.
बहरहाल, जिस किसी के अंदर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर जिज्ञासा है और इस पर फिदा है. उनके लिए ईशान एक रोल मॉडल है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिलेंस का उपयोग मानव कल्याण में करने के सपने देखता है.