बेंगलूरू: हाल ही में बेंगलूरू सिटी रेलवे स्टेशन स्थित कुलियों के विश्राम कक्ष को कुछ लोगों द्वारा मुस्लिम प्रार्थना केंद्र में परिवर्तित किये गये कक्ष को फिर से विश्राम कक्ष के रूप में बहाल कर दिया गया(railway station restored porters retiring room after protest). कुछ दिन पहले सोशल मीडिया कि एक वीडियो में कहा गया था कि क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना स्टेशन पर एक मस्जिद हुआ करूता था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामले ने विवाद का रूप ले लिया था.
दक्षिण पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा कि, 'कुलियों ने रिटायरिंग रूम को उसके पिछले रूप में बहाल करने का फैसला किया क्योंकि वे इस पूरे प्रकरण को कोई सांप्रदायिक मोड़ नहीं देना चाहते थे.' वायरल वीडियो में हरे रंग से रंगा हुआ प्रार्थना कक्ष और वहां मुस्लिम प्रार्थना करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी संबंध में सोमवार को एक हिंदू संगठन ने रेलवे स्टेशन पर कुलियों के रिटायरिंग रूम को उसके पुराने स्वरूप में बहाल करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था.
इस दौरान उन्होंने सवाल किया था की कमरे को 'मस्जिद' में बदलने की अनुमति कैसे दी गई. इसके साथ ही अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे इस मामले को रेल मंत्रालय के अधिकारियों के सामने उठाएंगे. प्रदर्शन के बाद, पूरे कमरे को अपने पिछले स्वरूप में वापस बहाल किया गया और कुलियों ने पहले की तरह आराम करना शुरू कर दिया. दक्षिण पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कुलियों ने आपस में ही शांति और सौहार्द्र भंग नहीं करने पर सहमति जताई. उन्होंने यह भी कहा कि कक्ष कि बहाली में हमारी कोई भूमिका नहीं थी.
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