ETV Bharat / bharat

बिहार के बेतिया में 15 साल से छठ पूजा कर रहा मुस्लिम परिवार, पुत्र प्राप्ति के लिए मांगी मन्नत पूरी होने पर बढ़ी आस्था - बेतिया में 15 साल से छठ पूजा कर रहे मुस्लिम परिवार

छठ महापर्व धार्मिक सौहार्द का पाठ (Chhath Puja 2023) पढ़ाता है. इस पर्व को मुस्लिम परिवार भी धूमधाम से मनाते हैं. ऐसा ही परिवार बेतिया में है, जो पिछले 15 साल से छठी मईया की पूजा अर्चना करता आ रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 3:00 PM IST

देखें रिपोर्ट

बेतियाः छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है, क्योंकि इसमें कोई ऊंच-नीच, धर्म-मजहब कोई मायने नहीं रखता है. पूरे समाज के लोग एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण बेतिया में देखने को मिला. बेतिया में एक मुस्लिम परिवार है, जो 15 साल से छठी मईया की पूजा करता है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए व्रती ने छठी मईया की महिमा के बारे में बखान किया.

बेतिया में मुस्लिम परिवार करता है छठः हम बात कर रहे हैं पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया प्रखंड की महनाकुली गांव की. इस गांव की निवासी हारून मियां का परिवार में धूमधाम से छठ पूजा का आयोजन किया जाता है. इस परिवार में मां-बेटी छठ पर्व पूरी आस्था और भक्ति के साथ करती हैं. हर उस विधि का पालन करती है, जिसे छठ पर्व में एक हिंदू परिवार में किया जाता है. इनका मानना है कि लोक आस्था का महापर्व छठ धर्म और जाति से ऊपर है.

हारून मियां का परिवार
हारून मियां का परिवार

पुत्र प्राप्ति की मन्नत हुई पूरीः हारून मियां का परिवार पिछले 15 वर्षों से छठ पूजा कर रही है. पत्नी सलीना खातून और पुत्री रेहाना छठ करती हैं. हारून मियां पत्नी सलिना बता रही हैं कि शादी के कई वर्ष बीत जाने के बाद उसकी 4 पुत्रियां शहनाज खातून, सैरुन खातून, सहाबुन, अंजुम खातून का जन्म हुआ. पति-पत्नी को एक पुत्र की लालसा थी. करीब 12 वर्ष पहले गांव की महिलाओं को अपने घर के सामने से छठ घाट पर जाते देखा तो वह भी वहां गई. छठ माता से पुत्र की मन्नत मांगी. मन्नत पूरी होने पर व्रत करने लगी.

"शादी के बाद 4 बेटियां हुई. पुत्र की लालसा थी. छठी मईया से मन्नत मांगे तो पूरी हुई, तभी से व्रत कर रही हूं. 15 साल से लगातार व्रत कर रही हूं." सलिना खातून

बेटे को मिला जीवनदान: हारून मियां की बेटी रेहाना अपनी मां को देख वह भी छठ करने लगी. रेहाना का मानना है कि छठ मईया की कृपा से उसके पुत्र को जीवनदान मिला है. 8 वर्ष पहले रेहाना का डेढ़ वर्षीय पुत्र नौसाद खेल-खेल में एक रुपये का सिक्का निगल लिया. इससे घबराए परिवार वाले उसे बेतिया व मोतिहारी इलाज कराने के लिए ले गए, लेकिन सफलता नही मिली. रेहाना ने छठ घाट पर जाकर पुत्र को ठीक करने की गुहार लगाई. इसके बाद वह ठीक हो गया. तभी से व्रत कर रही है.

"8 साल पहले बेटे ने सिक्का निगल लिया था. कई डॉक्टरों के पास ले गए, लेकिन ठीक नहीं हुआ. इसके बाद छठी मईया से मन्नत मांगी की बेटा ठीक हो जाएगा तो व्रत करूंगी. इसके बाद वह ठीक हो गया. पिछले 8 साल से व्रत कर रही हूं." -रेहाना खातून, सलिना की बेटी

ये भी पढ़ें:

Chhath Puja 2023 : कौन कहता है छठ सिर्फ हिन्दुओं का पर्व है, मुस्लिम महिलाओं की आस्था और समर्पण देख आप भी हो जाएंगे मुग्ध

Chhath Puja 2023 : पटना में दिखने लगी है छठ की छटा, चार दिवसीय महापर्व को लेकर सज-धज कर तैयार हुआ घाट

Chhath Puja 2023 : छठ पूजा की सामग्रियों में एक है अरता पात, जानिए क्यों इसका निर्माण धार्मिक सद्भावना की मिसाल मानी जाती है

छठ की बहुत याद आ रही है, 'आना चाहते हैं बिहार लेकिन मजबूरी ने हमें रोक रखा

देखें रिपोर्ट

बेतियाः छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है, क्योंकि इसमें कोई ऊंच-नीच, धर्म-मजहब कोई मायने नहीं रखता है. पूरे समाज के लोग एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण बेतिया में देखने को मिला. बेतिया में एक मुस्लिम परिवार है, जो 15 साल से छठी मईया की पूजा करता है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए व्रती ने छठी मईया की महिमा के बारे में बखान किया.

बेतिया में मुस्लिम परिवार करता है छठः हम बात कर रहे हैं पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया प्रखंड की महनाकुली गांव की. इस गांव की निवासी हारून मियां का परिवार में धूमधाम से छठ पूजा का आयोजन किया जाता है. इस परिवार में मां-बेटी छठ पर्व पूरी आस्था और भक्ति के साथ करती हैं. हर उस विधि का पालन करती है, जिसे छठ पर्व में एक हिंदू परिवार में किया जाता है. इनका मानना है कि लोक आस्था का महापर्व छठ धर्म और जाति से ऊपर है.

हारून मियां का परिवार
हारून मियां का परिवार

पुत्र प्राप्ति की मन्नत हुई पूरीः हारून मियां का परिवार पिछले 15 वर्षों से छठ पूजा कर रही है. पत्नी सलीना खातून और पुत्री रेहाना छठ करती हैं. हारून मियां पत्नी सलिना बता रही हैं कि शादी के कई वर्ष बीत जाने के बाद उसकी 4 पुत्रियां शहनाज खातून, सैरुन खातून, सहाबुन, अंजुम खातून का जन्म हुआ. पति-पत्नी को एक पुत्र की लालसा थी. करीब 12 वर्ष पहले गांव की महिलाओं को अपने घर के सामने से छठ घाट पर जाते देखा तो वह भी वहां गई. छठ माता से पुत्र की मन्नत मांगी. मन्नत पूरी होने पर व्रत करने लगी.

"शादी के बाद 4 बेटियां हुई. पुत्र की लालसा थी. छठी मईया से मन्नत मांगे तो पूरी हुई, तभी से व्रत कर रही हूं. 15 साल से लगातार व्रत कर रही हूं." सलिना खातून

बेटे को मिला जीवनदान: हारून मियां की बेटी रेहाना अपनी मां को देख वह भी छठ करने लगी. रेहाना का मानना है कि छठ मईया की कृपा से उसके पुत्र को जीवनदान मिला है. 8 वर्ष पहले रेहाना का डेढ़ वर्षीय पुत्र नौसाद खेल-खेल में एक रुपये का सिक्का निगल लिया. इससे घबराए परिवार वाले उसे बेतिया व मोतिहारी इलाज कराने के लिए ले गए, लेकिन सफलता नही मिली. रेहाना ने छठ घाट पर जाकर पुत्र को ठीक करने की गुहार लगाई. इसके बाद वह ठीक हो गया. तभी से व्रत कर रही है.

"8 साल पहले बेटे ने सिक्का निगल लिया था. कई डॉक्टरों के पास ले गए, लेकिन ठीक नहीं हुआ. इसके बाद छठी मईया से मन्नत मांगी की बेटा ठीक हो जाएगा तो व्रत करूंगी. इसके बाद वह ठीक हो गया. पिछले 8 साल से व्रत कर रही हूं." -रेहाना खातून, सलिना की बेटी

ये भी पढ़ें:

Chhath Puja 2023 : कौन कहता है छठ सिर्फ हिन्दुओं का पर्व है, मुस्लिम महिलाओं की आस्था और समर्पण देख आप भी हो जाएंगे मुग्ध

Chhath Puja 2023 : पटना में दिखने लगी है छठ की छटा, चार दिवसीय महापर्व को लेकर सज-धज कर तैयार हुआ घाट

Chhath Puja 2023 : छठ पूजा की सामग्रियों में एक है अरता पात, जानिए क्यों इसका निर्माण धार्मिक सद्भावना की मिसाल मानी जाती है

छठ की बहुत याद आ रही है, 'आना चाहते हैं बिहार लेकिन मजबूरी ने हमें रोक रखा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.