गिरिडीहः इंसान जब गुस्से में होता है तो उसे कुछ नहीं सूझता आवेश में की गयी मांग पूरी होनी चाहिए, बस और कुछ नहीं. लेकिन अगर वक्त पर वो पूरा नहीं होता तो गुस्सा सातवें आसमान पर होता है और आदमी किसी के साथ कुछ भी कर देता है चाहे वो उसका कितना अजीज ही क्यों ना हो. गिरिडीह के बगोदर में कुछ ऐसा ही वाकया पेश आया है.
इसे भी पढ़ें- Jharkhand: कलयुगी पिता ने 10 महीने की बेटी को पटककर मार डाला, पत्नी पर था बेवफाई का शक
बगोदर के बिरनी थाना क्षेत्र की एक घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. जहां क्रूर पिता ने अपने इकलौते बेटे की हत्या कर दी. इस कत्ल की वजह बहुत मामूली है. फिलहाल पुलिस ने बेटे के कत्ल के आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है.
खाना देने में पत्नी ने कर दी देरीः बिरनी थाना के बाराडीह गांव का रहने वाला दुलार यादव मजदूरी करता है. हर रोज की तरह सोमवार की शाम भी वो काम करके बाहर से लौटा था. काम से लौटने के बाद उसका मिजाज कुछ ठीक नहीं लग रहा था. हाथ-मुंह धोकर वो अपनी पत्नी को खाने के लिए आवाज लगाया. पत्नी रसोई में खाना परोसने की ही तैयारी कर रही थी. लेकिन पति बाहर से लगातार अपनी बीवी को खाने देने के लिए कह रहा था. पत्नी भी जल्दी में ही थी कि अचानक उसने अपने गालों पर झन्नाटेदार थप्पड़ महसूस हुआ, वो कुछ समझ पाती इससे पहले गुस्से में तमतमाए दुलार यादव ने पत्नी को अपनी जद में ले लिया और उसके साथ जमकर पिटाई कर दी.
गुस्से में इकलौते बेटे की हत्याः इतने में भी दुलार यादव का गुस्सा शांत नहीं हुआ. वो गुस्से से आग-बबुला होकर मानो कुछ ढूंढ रहा है. अचानक उसे घर में रखी एक टांगी मिल गयी, बस फिर क्या था उसने आव देखा ना ताव घर में ही मौजूद अपने इकलौते बेटे 8 साल के सचिन कुमार पर प्रहार कर दिया. टांगी का वार इतना जोरदार था कि बच्चे के सिर से खून का फव्वारे छूटने लगा और मौके पर ही सचिन कुमार ने दम तोड़ दिया.
पागलपन की बलि चढ़ा पुत्रः इस घटना से चीखते हुए दुलार यादव की पत्नी घर से बाहर निकली, जिससे आसपास के लोग जमा हो गये. ग्रामीणों ने पुलिस को इस घटना की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने टांगी के साथ आरोपी दुलार यादव को घटनास्थल से शिकंजे में ले लिया. लोगों के मुताबिक दुलार यादव सनकी किस्म का इंसान है, जो कभी-कभी गुस्से में अपना आपा खो देता है और पागलों की तरह बर्ताव करने लगता है. लेकिन इस पागलपन में उसके इकलौते बेटे की ही बलि चढ़ गयी. बताया जाता है कि दुलार यादव की दो बेटियां और एक बेटा था. एक बेटी की शादी हो गई है जबकि बेटे की मौत के बाद एक बेटी बची है.