बेमेतरा : कोतवाली थाना में एक नाबालिग किशोरी की फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना 26 नवंबर को मिली थी. जिसकी जांच पुलिस कर रही थी. इस केस में पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक मामला आत्महत्या का ना होकर दुष्कर्म के बाद हत्या का है. जिसके आरोपी को पॉक्सो एक्ट और हत्या की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. आरोपी को बाल सुधार गृह दुर्ग भेज गया. (Murder after rape of a minor in Bemetara )
कैसे हुई थी घटना : मामला 26 नवंबर का है. जब 10 वर्षीय बालिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना (City Kotwali Police Station) मिली. इस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर पंचनामा के बाद बालिका के शव का पोस्टमार्टम कराया . पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान मृतिका के साथ दुराचार कर हत्या की पुष्टि हुई. इसके बाद मामले में पुलिस ने जांच शुरू की. जिसमें ये पता चला कि बालिका ने फांसी नहीं लगाया है बल्कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है.हत्या के बाद उसे फांसी के फंदे पर लटकाया गया है.
जांच में आरोपी तक पहुंची पुलिस : घटना स्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस मृतिका के पड़ोस में रहने वाले सुनील कुमार तक पहुंची.सुनील कुमार से पूछताछ करने पर पहले तो उसने पुलिस को गुमराह किया.इसके बाद आरोपी ने अपना गुनाह कबूल किया.
आरोपी ने किया खुलासा : आरोपी के मुताबिक वो अश्लील वीडियो देखने का आदी था.इसी बीच उसने नाबालिग को घर में अकेला देखा. जिसके बाद उसकी नीयत खराब हो गई.आरोपी ने परिवार वालों के जाने के बाद छत से घर में प्रवेश किया.जैसे ही लड़की ने आरोपी को देखा उसने शोर मचाया.लेकिन आरोपी ने उसे कमरे में ले जाकर उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर दुष्कर्म किया.जिससे बालिका बेसुध हो गई. दुष्कर्म के बाद बेसुध बालिका की चुनरी का फंदा बनाकर उसे बांस पर टांग दिया.
परिजनों ने शव देखकर समझा आत्महत्या : परिजन जब घर लौटे तो उन्होंने बालिका के शव को फंदे पर लटका देखा.जिसे देखने के बाद उन्हें भी यही लगा कि ये आत्महत्या है.लेकिन आरोपी के कबूलनामे के बाद विधि से संघर्षरत बालक को कोर्ट ने न्यायिक रिमांड पर बाल संप्रेक्षण गृह दुर्ग (Child Observation Home Durg) दाखिल कराया है.
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क्यों हो रही हैं ऐसी घटनाएं : छोटी उम्र में शर्मनाक और क्रूरता के इस खबर ने समाज को चिंता में डाल दिया है. यह खबर उन अभिभावकों के लिए भी बड़ी चिंता पैदा करने वाली है जिनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई या शौक के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं. पालक बच्चों को फोन तो दे देते हैं.लेकिन उस फोन का वह सदुपयोग करते हैं या दुरुपयोग यह हमें जानना बेहद जरूरी है.