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जेल से रिहा होने के बाद मुनव्वर राना के बेटे तबरेज ने कहा- 'सकते' में हूं

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Published : Aug 26, 2021, 10:54 PM IST

शायर मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राना को रायबरेली सीजेएम कोर्ट से मिली जमानत के बाद जेल से रिहा कर दिया गया. 20 हजार के दो मुचलका पर जमानत अर्जी मंजूर की गई है. तबरेज पर खुद पर गोली से जानलेवा हमला करने का आरोप है.

मुनव्वर राना
मुनव्वर राना

रायबरेली : मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) के बेटे तबरेज राना (Tabrez Rana) को गुरुवार को सीजेएम कोर्ट (raebareli cjm court) से जमानत मिल गई थी. देर शाम तबरेज को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया. जेल के बाहर परिजनों ने गले मिलकर खुशी जताई. जमानती धारा के बावजूद गिरफ्तारी को लेकर तबरेज ने नाराजगी जताई. हालांकि, न्यायालय पर पूरा भरोसा जताया.

बुधवार को रायबरेली पुलिस ने लखनऊ से तबरेज को गिरफ्तार किया था. बता दें कि तबरेज ने प्रॉपर्टी विवाद में अपने चाचाओं को फंसाने के लिए खुद पर फायरिंग की साजिश रची थी. इस मामले में चाचा और भाइयों को नामजद कराया था. मामले का खुलासा होने पर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया था.

जेल से आने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देता तबरेज राना.

दरअसल, 28 जून को रायबरेली में कुछ बाइक सवार बदमाशों ने तबरेज राना पर हमला किया था. तबरेज की गाड़ी पर गोलियां बरसाई गई थीं. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. तबरेज ने कोतवाली में हमले की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए अपने चाचा इस्माइल राना, राफे राना, शकील राना, जमील राना और चचेरे भाई यासर राना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं, रायबरेली पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि तबरेज महत्वाकांक्षी था और तिलोई से चुनाव भी लड़ना चाहता था. इस वजह से वह उसने पारिवारिक संपत्ति गलत तरीके से बेच दी और पैसे इकट्ठा कर रहा था, जिसे लेकर चाचाओं ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी. इस प्रकरण के बाद से तबरेज राना फरार चल रहा था.

इसे भी पढ़ें-'भारत में तालिबान से ज्यादा क्रूरता, यहां रामराज नहीं, कामराज' : मुनव्वर राना

पुलिस ने मामले की जांच में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपियों से की गई पूछताछ और सीसीटीवी के आधार पर मामले को फर्जी पाया गया. इसी आधार पर तबरेज की तलाशी तेज कर कर दी गई, लेकिन तबरेज पुलिस को लगातार चकमा देता रहा. बुधवार को रायबरेली पुलिस ने सर्विलांस के साथ मिलकर लखनऊ से तबरेज को गिरफ्तार कर लिया. रात में ही उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. गुरुवार को पेशी के दौरान राना के वकील ने न्यायालय से उसे जमानत देने की गुजारिश की. जिस पर विचार करते हुए न्यायाधीश ने 20-20 हजार के दो मुचलकों पर तबरेज की जमानत अर्जी मंजूर कर दी. उम्मीद है कि आज ही उसकी रिहाई हो जाएगी.

जानकारी देते रायबरेली बार काउंसिल के अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह

सोशल मीडिया पर वायरल उनके असलहों वाले वीडियो के बारे में तबरेज ने कहा कि वो मेरे लाइसेंसी असलहे हैं और जितने भी कॉटेज हैं सभी लाइसेंसी हैं तो उनसे डरना क्या. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मुसलमान होने की सजा मिल रही है. जमानती धारा के मुकदमे के बावजूद मुझे गिरफ्तार किया गया. इससे मैं सकते में हूं.

रायबरेली बार काउंसिल के अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि तबरेज राना पर 211 आईपीसी और 120 बी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 211 जमानती धारा है. उसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई है. .

रायबरेली : मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) के बेटे तबरेज राना (Tabrez Rana) को गुरुवार को सीजेएम कोर्ट (raebareli cjm court) से जमानत मिल गई थी. देर शाम तबरेज को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया. जेल के बाहर परिजनों ने गले मिलकर खुशी जताई. जमानती धारा के बावजूद गिरफ्तारी को लेकर तबरेज ने नाराजगी जताई. हालांकि, न्यायालय पर पूरा भरोसा जताया.

बुधवार को रायबरेली पुलिस ने लखनऊ से तबरेज को गिरफ्तार किया था. बता दें कि तबरेज ने प्रॉपर्टी विवाद में अपने चाचाओं को फंसाने के लिए खुद पर फायरिंग की साजिश रची थी. इस मामले में चाचा और भाइयों को नामजद कराया था. मामले का खुलासा होने पर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया था.

जेल से आने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देता तबरेज राना.

दरअसल, 28 जून को रायबरेली में कुछ बाइक सवार बदमाशों ने तबरेज राना पर हमला किया था. तबरेज की गाड़ी पर गोलियां बरसाई गई थीं. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. तबरेज ने कोतवाली में हमले की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए अपने चाचा इस्माइल राना, राफे राना, शकील राना, जमील राना और चचेरे भाई यासर राना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं, रायबरेली पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि तबरेज महत्वाकांक्षी था और तिलोई से चुनाव भी लड़ना चाहता था. इस वजह से वह उसने पारिवारिक संपत्ति गलत तरीके से बेच दी और पैसे इकट्ठा कर रहा था, जिसे लेकर चाचाओं ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी. इस प्रकरण के बाद से तबरेज राना फरार चल रहा था.

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पुलिस ने मामले की जांच में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपियों से की गई पूछताछ और सीसीटीवी के आधार पर मामले को फर्जी पाया गया. इसी आधार पर तबरेज की तलाशी तेज कर कर दी गई, लेकिन तबरेज पुलिस को लगातार चकमा देता रहा. बुधवार को रायबरेली पुलिस ने सर्विलांस के साथ मिलकर लखनऊ से तबरेज को गिरफ्तार कर लिया. रात में ही उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. गुरुवार को पेशी के दौरान राना के वकील ने न्यायालय से उसे जमानत देने की गुजारिश की. जिस पर विचार करते हुए न्यायाधीश ने 20-20 हजार के दो मुचलकों पर तबरेज की जमानत अर्जी मंजूर कर दी. उम्मीद है कि आज ही उसकी रिहाई हो जाएगी.

जानकारी देते रायबरेली बार काउंसिल के अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह

सोशल मीडिया पर वायरल उनके असलहों वाले वीडियो के बारे में तबरेज ने कहा कि वो मेरे लाइसेंसी असलहे हैं और जितने भी कॉटेज हैं सभी लाइसेंसी हैं तो उनसे डरना क्या. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मुसलमान होने की सजा मिल रही है. जमानती धारा के मुकदमे के बावजूद मुझे गिरफ्तार किया गया. इससे मैं सकते में हूं.

रायबरेली बार काउंसिल के अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि तबरेज राना पर 211 आईपीसी और 120 बी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 211 जमानती धारा है. उसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई है. .

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