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मुंबई में दोहरे हत्याकांड मामले में अदालत ने आरोपी को सुनाई मौत की सजा

मुंबई की अदालत ने 2017 के दोहरे हत्याकांड मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. साथ ही सत्र न्यायाधीश ए सुब्रमण्यम ने क्या कहा ? पढ़ें खबर... (Court sentenced a person to death in double murder case, Mumbai court, Sessions Judge A Subramaniam, Accused Deepak gets death sentence)

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By PTI

Published : Nov 9, 2023, 12:07 PM IST

मुंबई : मुंबई की एक सत्र अदालत ने 2017 में यहां एक बुजुर्ग महिला और दो साल की बच्ची को आग के हवाले कर जान से मार डालने के मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि निसंदेह यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है. सत्र न्यायाधीश ए सुब्रमण्यम ने मंगलवार को आरोपी दीपक जाथ के खिलाफ सुनाये गये फैसले में कहा कि समाज ऐसे अपराधों से घृणा करता है जो समाज की अंतरात्मा को झकझोर देते हैं और इससे समुदाय में आक्रोश पैदा हो जाता है.

क्या था मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जाथ ने अप्रैल 2017 में उपनगर बांद्रा में चार लोगों- दो महिलाओं, 17 वर्षीय एक लड़की और दो वर्षीय एक बच्ची - पर कुछ तरल पदार्थ डाला और उन्हें आग के हवाले कर दिया था. इनमें से एक महिला और दो साल की बच्ची की मौत हो गई थी. मामले के अनुसार, जाथ 17 वर्षीय लड़की को परेशान करता था और जब उसे इसके लिए फटकारा गया तो उसके मन में विद्वेष की भावना आ गई. अदालत ने जाथ के इस दावे को मानने से इनकार कर दिया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है.

पढ़ें: महाराष्ट्र में कोविड बॉडी बैग घोटाला मामले में मुंबई की पूर्व मेयर पेडनेकर की पेशी

न्यायाधीश क्या कहा
न्यायाधीश ने कहा कि मेरा मानना है कि जिस तरह से लोगों को जान से मारा गया, पीड़ितों पर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया और उन्हें बेरहमी से जला दिया, जिसमें एक बुजुर्ग असहाय महिला और एक छोटी बच्ची की मौत हो गई, यह एक कायरतापूर्ण कृत्य को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि समाज ऐसे अपराधों से घृणा करता है जो समाज की अंतरात्मा को झकझोर देते हैं और इससे समुदाय में आक्रोश पैदा हो जाता है.

मुंबई : मुंबई की एक सत्र अदालत ने 2017 में यहां एक बुजुर्ग महिला और दो साल की बच्ची को आग के हवाले कर जान से मार डालने के मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि निसंदेह यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में आता है. सत्र न्यायाधीश ए सुब्रमण्यम ने मंगलवार को आरोपी दीपक जाथ के खिलाफ सुनाये गये फैसले में कहा कि समाज ऐसे अपराधों से घृणा करता है जो समाज की अंतरात्मा को झकझोर देते हैं और इससे समुदाय में आक्रोश पैदा हो जाता है.

क्या था मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जाथ ने अप्रैल 2017 में उपनगर बांद्रा में चार लोगों- दो महिलाओं, 17 वर्षीय एक लड़की और दो वर्षीय एक बच्ची - पर कुछ तरल पदार्थ डाला और उन्हें आग के हवाले कर दिया था. इनमें से एक महिला और दो साल की बच्ची की मौत हो गई थी. मामले के अनुसार, जाथ 17 वर्षीय लड़की को परेशान करता था और जब उसे इसके लिए फटकारा गया तो उसके मन में विद्वेष की भावना आ गई. अदालत ने जाथ के इस दावे को मानने से इनकार कर दिया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है.

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न्यायाधीश क्या कहा
न्यायाधीश ने कहा कि मेरा मानना है कि जिस तरह से लोगों को जान से मारा गया, पीड़ितों पर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया और उन्हें बेरहमी से जला दिया, जिसमें एक बुजुर्ग असहाय महिला और एक छोटी बच्ची की मौत हो गई, यह एक कायरतापूर्ण कृत्य को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा कि समाज ऐसे अपराधों से घृणा करता है जो समाज की अंतरात्मा को झकझोर देते हैं और इससे समुदाय में आक्रोश पैदा हो जाता है.

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