इडुक्की (केरल) : केरल में तमिलनाडु द्वारा संचालित मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar Dam) के द्वार शुक्रवार को सुबह खोल दिए. बांध में जल स्तर 138 फुट के पार चले जाने के बाद उसके द्वार खोले गए. अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने सुबह करीब साढ़े सात बजे 126 साल पुराने बांध के तीसरे और चौथे द्वार को 0.30 मीटर तक खोल दिया
केरल सरकार के अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने सुबह करीब साढ़े सात बजे 126 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के तीसरे और चौथे द्वार को 0.30 मीटर तक खोल दिया. उन्होंने बताया कि सुबह से बांध के इन दो द्वारों से 538.16 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. मुल्लापेरियार बांध में सुबह नौ बजे जल स्तर 138.80 फुट था.
दोनों राज्यों के अधिकारियों के अलावा केरल के राजस्व मंत्री के. राजन और जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टिन बांध के द्वार खोले जाने के दौरान मौजूद थे. पत्रकारों से बातचीत में राजन ने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. बहरहाल, उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का अनुरोध किया. सरकार ने भी सोशल मीडिया पर डर का माहौल पैदा करने वालों के खिलाफ आगाह किया है.
मुल्लापेरियार बांध के द्वार खोले जाने और डूब वाले इलाकों में अधिक बारिश के अनुमान के मद्देनजर सरकार ने इडुक्की जलाशय के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है. ऑगस्टिन ने कहा कि इडुक्की जलाशय में मुल्लापेरियार बांध से छोड़े जा रहे पानी के भराव की पर्याप्त क्षमता है.
उन्होंने कहा कि चिंता करने और लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इडुक्की में जल भराव क्षमता 70.5 टीएमसी है. मुल्लापेरियार बांध के डूब वाले इलाके में रह रहे लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
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मुल्लापेरियार बांध का निर्माण केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर 1895 में किया गया था और तमिलनाडु सरकार अपनी सिंचाई और बिजली उत्पादन की जरूरतों के लिए इसका संचालन करती है. केरल सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए नया बांध बनाने पर जोर दे रहा है लेकिन तमिलनाडु इसके खिलाफ है और उसका कहना है कि मौजूदा बांध मजबूत है.