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मुकुल रॉय ने क्यों कहा, मैं अब भी भाजपा से जुड़ा हूं, जानें असली वजह

टीएमसी नेता मुकुल रॉय ने दावा किया है कि वह अभी भी भाजपा से जुड़े हैं. हालांकि, उनका यह बयान तकनीकी अधिक माना जा रहा है. प.बंगाल विधानसभा के स्पीकर के पास उनकी सदस्यता को लेकर विवाद चल रहा है. वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया था.

mla mukul roy
विधायक मुकुल रॉय
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Published : Apr 28, 2022, 10:28 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय, (जो आधिकारिक तौर पर अभी भी पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक हैं) ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के कार्यालय को सूचित किया कि वह अभी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में रॉय भाजपा के टिकट पर नदिया जिले के कृष्णानगर (उत्तर) से विधायक चुने गए.

11 जून 2021 को वह तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय गए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में फिर से सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गए. इस कार्यक्रम को मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर और प्रसारित किया गया था. उसके तुरंत बाद सदन अध्यक्ष ने उन्हें विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाया. यह पद हमेशा से किसी विपक्षी विधायक को दी जाती रही है.

भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई और मांग की कि रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. इस पर गुरुवार को स्पीकर के कार्यालय में सुनवाई होनी थी, जिसमें रॉय के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने 11 जून, 2021 को शिष्टाचार के चलते तृणमूल कार्यालय गए थे और वह अब भी भाजपा के साथ हैं.

इससे पहले 19 जनवरी को स्पीकर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में रॉय की अयोग्यता को खारिज कर दिया था. भाजपा ने अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में रॉय की अयोग्यता को खारिज करने के अध्यक्ष के फैसले को खारिज कर दिया था. अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में अब और सुनवाई नहीं होगी. स्पीकर से एक और आदेश मई के दूसरे सप्ताह में मिलने की संभावना है.

(IANS)

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय, (जो आधिकारिक तौर पर अभी भी पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक हैं) ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के कार्यालय को सूचित किया कि वह अभी भी भाजपा से जुड़े हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में रॉय भाजपा के टिकट पर नदिया जिले के कृष्णानगर (उत्तर) से विधायक चुने गए.

11 जून 2021 को वह तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय गए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में फिर से सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गए. इस कार्यक्रम को मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर और प्रसारित किया गया था. उसके तुरंत बाद सदन अध्यक्ष ने उन्हें विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाया. यह पद हमेशा से किसी विपक्षी विधायक को दी जाती रही है.

भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई और मांग की कि रॉय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. इस पर गुरुवार को स्पीकर के कार्यालय में सुनवाई होनी थी, जिसमें रॉय के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल ने 11 जून, 2021 को शिष्टाचार के चलते तृणमूल कार्यालय गए थे और वह अब भी भाजपा के साथ हैं.

इससे पहले 19 जनवरी को स्पीकर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में रॉय की अयोग्यता को खारिज कर दिया था. भाजपा ने अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में रॉय की अयोग्यता को खारिज करने के अध्यक्ष के फैसले को खारिज कर दिया था. अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में अब और सुनवाई नहीं होगी. स्पीकर से एक और आदेश मई के दूसरे सप्ताह में मिलने की संभावना है.

(IANS)

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