अमलनेर (महाराष्ट्र): मध्य प्रदेश के धार जिले के खलघाट में सोमवार को हुए बस हादसे के बारे में सुनकर सभी दुखी हो गये. वहीं, एक कंडक्टर सदमें में आ गया. दरअसल, एक कंडक्टर मनोज पाटिल उसी बस से जाने की जिद कर रहा था जो हादसे का शिकार हुआ. हालांकि, खुशकिस्मती रही कि उसने ऐन वक्त पर अपना फैसला बदल लिया. मनोज ने इंदौर ड्यूटी पर जाने की जिद की, लेकिन समय के साथ फैसला बदल लिया.
धुले-मध्य प्रदेश के इंदौर से जलगांव जिले के अमलनेर जा रही एक बस खरगोन में नर्मदा नदी में गिर गई. इस हादसे में बस चालक और कंडक्टर समेत 13 लोगों की मौत हो गई. कंडक्टर प्रकाश चौधरी बस से इंदौर जा रहे थे. हालांकि, अमलनेर डिपो के कंडक्टर मनोज पाटिल ने इस ड्यूटी को करने पर जोर दिया. लेकिन, सही समय पर उन्होंने अपना फैसला रद्द कर दिया. इस बस हादसे की सूचना मिलते ही मनोज पाटिल सदमे में आ गए. कंडक्टर मनोज पाटिल इंदौर ड्यूटी पर जाने को तैयार थे. उन्होंने पिछले रविवार को भी अमलनेर-इंदौर की ड्यूटी की थी.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस हादसे के बारे में मनोज पाटिल से बात की. तभी पाटिल फूट-फूट कर रो पड़े. पाटिल को इस बात का दुख हुआ कि उनके दो साथी उन्हें छोड़कर चले गए. मनोज पाटिल का शांत स्वभाव के हैं. वह सबकी मदद करने वाले व्यक्ति हैं. मनोज पाटिल सोमवार की सुबह हुए इस हादसे की खबर से दुखी हैं. वे मानसिक रूप से सदमे में हैं. उनके शब्दों ने दुख व्यक्त किया कि उनके डिपो के दो अच्छे सहयोगियों ने उन्हें छोड़ दिया.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के धार जिले के खलघाट में सोमवार को एमएसआरटीसी की एक बस अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ नर्मदा नदी में जा गिरी थी, जिससे उसमें सवार 12 यात्रियों की मौत हो गई थी. एमएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि बस सोमवार सुबह 7.30 बजे मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से महाराष्ट्र के जलगांव जिले में स्थित अमालनेर के लिए रवाना हुई थी. हालांकि, यह धार और खरगोन जिले की सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन (आगरा-मुंबई रोड) पर एक पुल की रेलिंग तोड़कर नदी में जा गिरी.