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MP Satpura Bhawan Fire: सतपुड़ा भवन में लगी आग पर फिर सवाल, खुली बिल्डिंग के बावजूद क्यों नहीं बुझ पाई आग

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Published : Jun 14, 2023, 7:47 AM IST

मध्य प्रदेश का सरकारी दफ्तर जिसमें प्रदेश भर का डेटा है, उसी बिल्डिंग में लगी आग पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं. सतपुड़ा की बिल्डिंग खुली होने के बाद भी फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में 20 घंटे से ज्यादा लग गए. ईटीवी ने खुलासा किया कि यदि फायर हाईड्रेंड इस बिल्डिंग में लगे होते तो कीमती दस्तावेजों के साथ बिल्डिंग में लगी आग पर जल्दी काबू पा लिया जाता.

Questions on fire in Satpura building
सतपुड़ा भवन में लगी आग पर सवाल

भोपाल। राजधानी के सतपुड़ा भवन में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं होने से आग बुझाने में 20 घंटे से ज्यादा लग गए. फायरसुरक्षा कर्मी और आफिसर्स का कहना है कि पूरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी अलार्म नहीं थे और जो फायर बुझाने के उपकरण थे वे सिर्फ शोपीस के लिए दीवालों पर टंगे थे. एक दो फायर एक्सटेंगुशर ने ही काम किया, बाकी ने काम नहीं किया. फायर ब्रिगेड के पाइप को चौथी मंजिल तक ले जाने में देर लगी. इन्ही सब कारणों के कारण आग पर काबू नहीं पाया गया.

आग बुझाने में लगे 20 घंटे: हमारे संवाददाता ने आग लगने के बाद के माहौल को देखा और बताया कि आग बुझाने में 20 घंटे क्यों लग गए. आग बुझाने के लिए फायर कर्मियों को फायर ब्रिगेड का पाइप ऊपरी माले तक ले जाने पड़ा और इसी वजह से आग को बुझाने में प्रदेश के शहरों से बुलाई गई फायर ब्रिगेड भी आग पर काबू नहीं पा सकीं और उसे बुझाने में 20 घंटे लग गए. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी सतपुड़ा भवन में आगजनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लेकिन हैरत की बात यह है कि पहले भी इलेक्शन के आसपास ही आग लगने के घटनाएं हुई हैं.

फायर एक्ट प्रदेश में नहीं है लागू: बीजेपी सरकार पिछले 19 सालों से सत्ता में है. लेकिन फायर डिपार्मेंट की तरफ से बार-बार ये कहा गया कि प्रदेश में फायर एक्ट लागू नहीं हुआ है, इसकी एक वजह बिल्डरों और अन्य बड़े भूमाफियाओं के आगे सरकार का घुटने टेकना है. देश के दूसरे राज्यों में फायर सेफ्टी एक्ट को लागू किया गया है, लेकिन एमपी में फायर सेफ्टी एक्ट पारित नहीं हुआ है. इससे साफ है कि सरकार की मंशा नहीं है कि प्रदेश की बिल्डिगों में फायर सेफ्टी के इंतजामों को कड़ाई से लागू किया जाए.

एयर फोर्स बुला ली, लेकिन पानी मुहैया नहीं कर पाया नगर निगम: एयर फोर्स भी सतपुड़ा की बिल्डिंग की आग बुझाने के लिए आई. लेकिन उनको पानी ही नहीं मिल पाया. अमूमन यही हाल दूसरी फायर ब्रिगेड्स का रहा. उनका भी यही कहना था कि यदि हमें लगातार पानी मिलता रहता तो हम आग पर पहले ही काबू पा लेते.

आग बुझाने के लिए एक सिलेडर के सिवाय कुछ नहीं था: जब आग की जांच करने वाली कमेटी मुआयना करने पहुंची तो चपरासी से पूछा गया कि तुमने क्या देखा, जब तुम तीसरी मंजिल पर मौजूद थे. तो उसने कहा कि तीसरी मंजिल पर जब मैंने देखा की ऊपर से धुंआ आ रहा है और वहां पर आग लगनी शुरु हुई तो मैने वहां रखे आग बुझाने के सिंलेडर को चालू किया, लेकिन आग लगातार बढ़ रही थी. मैंने देखा कि सोफे में आग लगी और उसके बाद आग लगातार बढ़ती गई, उस बिल्डिंग में कोई भी फायर एक्सट्यूगुशर मौजूद नहीं था.

क्या बोली सरकार:

  1. सतपुड़ा भवन आगजनी में नष्ट डाटा रिकवर हो जाएगा, मेहनत लगेगी: मंत्री डॉ. मिश्रा
  2. जांच समिति तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कार्यालय संचालन के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.
  3. हजारों कर्मचारियों की मौजूदगी में षड्यंत्र संबंधी तथाकथित लोगों का आरोप निराधार.

विपत्ति में राजनैतिक अवसर तलाश रहा विपक्ष: गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि ''सतपुड़ा भवन में हुई आगजनी में विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग 4 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षित हैं. शॉर्ट सर्किट से लगी आग को षड्यंत्र बताने वाले तथाकथित लोगों की बुद्धि पर तरस आता है, वह भी उस समय जब कार्यालय में हजारों अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी हों. इस प्रकार के निराधार और बेबुनियाद आरोप बताते हैं कि कुछ लोग विपत्ति में सहायता के स्थान पर राजनैतिक अवसर तलाश रहे हैं.''

Also Read: सतपुड़ा भवन से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें

रिकवर हो जाएगा आगजनी में नष्ट डाटा: गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि ''मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सतत मॉनिटरिंग और निर्देशन में सभी एजेंसियों ने एकजुट होकर आगजनी पर काबू पाने के लिये कार्य किया है. एयरफोर्स, बीएचईएल, नगर निगम, मंत्रालय और आसपास के समस्त फायर बिग्रेड ने समन्वित प्रयास पर आग पर बखूबी काबू पाया है.'' गृह मंत्री ने बताया कि ''आग से प्रभावित कार्यालयों में किसी भी प्रकार के पर्चेसिंग और टेंडरिंग संबंधी दस्तावेज नहीं थे. राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की जानकारियां हार्डडिस्क से रिकवर हो जाएंगी, इसमें थोड़े परिश्रम की आवश्यकता होगी.'' गृह मंत्री ने बताया कि ''सतपुड़ा भवन में संचालित कार्यालयों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही की जाएगी. सतपुड़ा भवन के समस्त कार्यालयों के लिये मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया.''

आग पर काबू पाने इन उपकरणों का प्रयोग: आगजनी पर काबू पाने के लिये 2 हाइड्रोलिक समेत नगर निगम की कुल 28 गाड़ियां, पुलिस की 4, सीआईएसएफ की 2, एयरपोर्ट की 2, बीएचईएल की 1, आर्मी की 2 कुल 39 फायरब्रिगेड ने संयुक्त रूप से एकजुट होकर कार्य किया. साथ ही भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड(IOCL), वर्धमान ग्रुप और ट्राइडेन्ट ग्रुप के अग्निशमन संबंधी उपकरण भी उपयोग किए गए.

भोपाल। राजधानी के सतपुड़ा भवन में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं होने से आग बुझाने में 20 घंटे से ज्यादा लग गए. फायरसुरक्षा कर्मी और आफिसर्स का कहना है कि पूरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी अलार्म नहीं थे और जो फायर बुझाने के उपकरण थे वे सिर्फ शोपीस के लिए दीवालों पर टंगे थे. एक दो फायर एक्सटेंगुशर ने ही काम किया, बाकी ने काम नहीं किया. फायर ब्रिगेड के पाइप को चौथी मंजिल तक ले जाने में देर लगी. इन्ही सब कारणों के कारण आग पर काबू नहीं पाया गया.

आग बुझाने में लगे 20 घंटे: हमारे संवाददाता ने आग लगने के बाद के माहौल को देखा और बताया कि आग बुझाने में 20 घंटे क्यों लग गए. आग बुझाने के लिए फायर कर्मियों को फायर ब्रिगेड का पाइप ऊपरी माले तक ले जाने पड़ा और इसी वजह से आग को बुझाने में प्रदेश के शहरों से बुलाई गई फायर ब्रिगेड भी आग पर काबू नहीं पा सकीं और उसे बुझाने में 20 घंटे लग गए. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी सतपुड़ा भवन में आगजनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लेकिन हैरत की बात यह है कि पहले भी इलेक्शन के आसपास ही आग लगने के घटनाएं हुई हैं.

फायर एक्ट प्रदेश में नहीं है लागू: बीजेपी सरकार पिछले 19 सालों से सत्ता में है. लेकिन फायर डिपार्मेंट की तरफ से बार-बार ये कहा गया कि प्रदेश में फायर एक्ट लागू नहीं हुआ है, इसकी एक वजह बिल्डरों और अन्य बड़े भूमाफियाओं के आगे सरकार का घुटने टेकना है. देश के दूसरे राज्यों में फायर सेफ्टी एक्ट को लागू किया गया है, लेकिन एमपी में फायर सेफ्टी एक्ट पारित नहीं हुआ है. इससे साफ है कि सरकार की मंशा नहीं है कि प्रदेश की बिल्डिगों में फायर सेफ्टी के इंतजामों को कड़ाई से लागू किया जाए.

एयर फोर्स बुला ली, लेकिन पानी मुहैया नहीं कर पाया नगर निगम: एयर फोर्स भी सतपुड़ा की बिल्डिंग की आग बुझाने के लिए आई. लेकिन उनको पानी ही नहीं मिल पाया. अमूमन यही हाल दूसरी फायर ब्रिगेड्स का रहा. उनका भी यही कहना था कि यदि हमें लगातार पानी मिलता रहता तो हम आग पर पहले ही काबू पा लेते.

आग बुझाने के लिए एक सिलेडर के सिवाय कुछ नहीं था: जब आग की जांच करने वाली कमेटी मुआयना करने पहुंची तो चपरासी से पूछा गया कि तुमने क्या देखा, जब तुम तीसरी मंजिल पर मौजूद थे. तो उसने कहा कि तीसरी मंजिल पर जब मैंने देखा की ऊपर से धुंआ आ रहा है और वहां पर आग लगनी शुरु हुई तो मैने वहां रखे आग बुझाने के सिंलेडर को चालू किया, लेकिन आग लगातार बढ़ रही थी. मैंने देखा कि सोफे में आग लगी और उसके बाद आग लगातार बढ़ती गई, उस बिल्डिंग में कोई भी फायर एक्सट्यूगुशर मौजूद नहीं था.

क्या बोली सरकार:

  1. सतपुड़ा भवन आगजनी में नष्ट डाटा रिकवर हो जाएगा, मेहनत लगेगी: मंत्री डॉ. मिश्रा
  2. जांच समिति तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कार्यालय संचालन के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.
  3. हजारों कर्मचारियों की मौजूदगी में षड्यंत्र संबंधी तथाकथित लोगों का आरोप निराधार.

विपत्ति में राजनैतिक अवसर तलाश रहा विपक्ष: गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि ''सतपुड़ा भवन में हुई आगजनी में विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत लगभग 4 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षित हैं. शॉर्ट सर्किट से लगी आग को षड्यंत्र बताने वाले तथाकथित लोगों की बुद्धि पर तरस आता है, वह भी उस समय जब कार्यालय में हजारों अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी हों. इस प्रकार के निराधार और बेबुनियाद आरोप बताते हैं कि कुछ लोग विपत्ति में सहायता के स्थान पर राजनैतिक अवसर तलाश रहे हैं.''

Also Read: सतपुड़ा भवन से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें

रिकवर हो जाएगा आगजनी में नष्ट डाटा: गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि ''मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सतत मॉनिटरिंग और निर्देशन में सभी एजेंसियों ने एकजुट होकर आगजनी पर काबू पाने के लिये कार्य किया है. एयरफोर्स, बीएचईएल, नगर निगम, मंत्रालय और आसपास के समस्त फायर बिग्रेड ने समन्वित प्रयास पर आग पर बखूबी काबू पाया है.'' गृह मंत्री ने बताया कि ''आग से प्रभावित कार्यालयों में किसी भी प्रकार के पर्चेसिंग और टेंडरिंग संबंधी दस्तावेज नहीं थे. राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की जानकारियां हार्डडिस्क से रिकवर हो जाएंगी, इसमें थोड़े परिश्रम की आवश्यकता होगी.'' गृह मंत्री ने बताया कि ''सतपुड़ा भवन में संचालित कार्यालयों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र ही की जाएगी. सतपुड़ा भवन के समस्त कार्यालयों के लिये मंगलवार को अवकाश घोषित किया गया.''

आग पर काबू पाने इन उपकरणों का प्रयोग: आगजनी पर काबू पाने के लिये 2 हाइड्रोलिक समेत नगर निगम की कुल 28 गाड़ियां, पुलिस की 4, सीआईएसएफ की 2, एयरपोर्ट की 2, बीएचईएल की 1, आर्मी की 2 कुल 39 फायरब्रिगेड ने संयुक्त रूप से एकजुट होकर कार्य किया. साथ ही भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड(IOCL), वर्धमान ग्रुप और ट्राइडेन्ट ग्रुप के अग्निशमन संबंधी उपकरण भी उपयोग किए गए.

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