भोपाल। मध्यप्रदेश के प्रशासनिक भवन सतपुड़ा में लगी आग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समीक्षा बैठक करने वाले हैं. ये बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित कार्यालय में होने जा रही है. इसमें मुख्य सचिव, डीजीपी सहित गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अलावा जांच कमेटी के सदस्य एसीएस होम राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान और नीरज मंडलोई शामिल होंगे. बैठक में जांच कमेटी सीएम के सामने आग लगने के संभावित कारणों और ऐसी घटनाओं से निपटने के इंतजामों की जानकारी देगी.
समीक्षा बैठक से पहले सतपुड़ा पहुंचे ACS : मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के पहले आग के कारणों की जांच के लिए गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा दिल्ली से लौटने के बाद सीधे सतपुड़ा भवन का निरीक्षण करने पहुंचे. वह सोमवार को एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे. एसीएस होम ने सतपुड़ा भवन में लगी आग और उससे निपटने के लिए किए गए प्रयासों की अधिकारियों से जानकारी ली. मीडिया से चर्चा के दौरान एसीएस होम राजेश राजौरा ने कहा कि अभी बिल्डिंग में धुंआ है. वह पूरी तरह से छंटने के बाद जांच शुरू की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि आग की वजह क्या है. अभी फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.
सतपुड़ा का आधा कार्यालय ही खुलेगा : वहीं, आग की घटना के बाद सतपुड़ा भवन का आधा हिस्सा बंद रखा जाएगा. आग के हादसे से ब्लॉक ए की तीन फ्लोर पूरी तरह स्वाहा हो गए हैं. इसके नीचे के फ्लोर के कार्यालय को भी आज बंद रखा जाएगा. आग बुझाने के चलते इन फ्लोर के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है. इन कार्यालयों में आज साफ-सफाई का काम चलेगा. सतपुड़ा के अंदर फिलहाल बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है. जिन फ्लोर में आग लगी थी, उनमें से अभी भी धुंआ निकल रहा है. लोगों को यहां नहीं जाने दिया जा रहा है.
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आग बुझी, धुआं अभी निकल रहा : बता दें कि मध्य प्रदेश के प्रशासनिक भवन सतपुड़ा के एक ब्लॉक में सोमवार दोपहर में लगी आग पर मंगलवार सुबह काबू पाया गया. इस घटना में 3 फ्लोर का सामान पूरी तरह जलकर स्वाहा हो गया है. आग पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए करीब 13 घंटे से ज्यादा का समय लग गया. सतपुड़ा भवन की जिस विंग में आग लगी, उसकी तीसरी मंजिल से छठी मंजिल केवल तीन ही विभाग के दफ्तार थे. तीनों मंजिल स्वास्थ्य विभाग के अलावा आदिम जाति कल्याण और परिवहन का ऑफिस था, यानी सबसे अधिक नुकसान स्वास्थ्य विभाग का हुआ. कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़ अफसरों में से कुछ की ईओडल्ब्यू और लोकायुक्त जांच के दस्तावेज थे, जो जल गए हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर यह बात नहीं कही गई है.