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MP: 135 करोड़ की सड़क के लिए खोद डाले पठार, शिकायत पर माइनिंग विभाग ने लगाया जुर्माना, MPRDC ने दी क्लीनचिट

भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने वाली सरकार के कामों में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. ताजा मामला MPRDC के 135 कराेड़ रुपए बजट से बनने वाली एक सड़क का है. ठेकेदार ने सड़क बनाने के लिए पूरी पठार क्षेत्र की कीमती मुरम ही खाेद डाली और वो भी बिना परमिशन. इस मामले की जब दो अलग विभाग में शिकायत हुई तो एक ने क्लीनचिट दे दी तो दूसरे ने जुर्माना लगा दिया. हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा और पड़ताल की तो शिकायत सही पाई गई.

Mining Department imposes fine MPRDC
135 करोड़ की सड़क के लिए खोद डाले पठार
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Published : May 19, 2023, 10:52 AM IST

Updated : May 19, 2023, 11:41 AM IST

135 करोड़ की सड़क के लिए खोद डाले पठार

भोपाल। शहर से करीब 50 किमी दूर स्थित तूमड़ा ग्राम पंचायत है. इस पंचायत तक पहुंचने के लिए MPRDC (मप्र रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) ने इंदौर-भोपाल बायपास पर भौरी से तूमड़ा तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम ब्रिज गोपाल कंस्ट्रक्शन को दिया. पूरे काम की लागत कुल 135 करोड़ रुपए है. चूंकि मध्य प्रदेश में सड़क का ठेका जारी करने के बाद उसके लिए जो मिट्‌टी या मुरम खाेदी जाती है तो उसके लिए परमिशन विभाग ही जारी करता है. लेकिन इसकी सूचना माइनिंग डिपार्टमेंट को देना जरूरी है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. कंपनी ने कंस्ट्रक्शन साइट से दूर जाकर एक तालाब के पास से जमकर मुरम और पत्थर की खुदाई कर डाली, दिन रात डंपर चलाए. चूंकि यह जगह आसपास के ग्रामीण अपने इस्तेमाल में लाते हैं और उन्हें इसकी भनक लगी तो उन्होंने ईटीवी भारत को बताया.

Corruption in road construction in Bhopal
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार

दो बार हो चुकी है शिकायत पर जांच: ईटीवी भारत ने मामले की जानकारी ली तो पता चला कि इसकी ताे पहले से ही दो शिकायत हाे चुकी हैं और दोनों में ही जांच भी हुई है. पहली शिकायत MPRDC के दफ्तर में अक्टूबर 2022 में की गई थी. इसकी जांच रिपोर्ट हाल में सामने आई. जांच के लिए बनाई गई टीम ने जब रिपोर्ट प्रस्तुत की तो इसमें कंस्ट्रक्शन कंपनी को साफ क्लीनचिट दे दी. लेकिन इसी मामले की शिकायत माइनिंग विभाग को हुई तो उन्होंने जांच के बाद सीधे 2.75 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया. आश्चर्य यह है कि इसके बाद भी जब मौके पर ईटीवी की टीम पहुंची तो खनन का एरिया बढ़ा हुआ मिला.

mprdc road sadak mp bhopal
शिकायत के बावजूद MPRDC ने दी क्लीनचिट
mprdc road sadak mp bhopal
शिकायत के बावजूद MPRDC ने दी क्लीनचिट

क्लीन चिट वाली रिपोर्ट में यह लिखा: निर्माण एजेंसी के द्वारा तुमड़ा पटानिया बरखेड़ा सालम रोड पर अर्थ फीलिंग शोल्डरिंग एवं लेवलिंग का कार्य लगभग अवैध उत्खनन से प्राप्त मुरम, कोपरा का उपयोग करके किया जा रहा है. इस क्षेत्र में कई पठार निर्माण एजेंसी के द्वारा नष्ट कर दिए गए हैं, जिसमें खनिज विभाग एवं जिले के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. इसकी शिकायत 14 अक्टूबर 2022 को कलेक्टर भोपाल के पास एवं MPRDC से की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप भी लगाया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि निर्माण एजेंसी और राजस्व विभाग के बीच सीधी संलिप्तता है.

जांच रिपोर्ट– इस शिकायत के बाद जांच की गई, इसमें बताया कि सड़क का निर्माण एडीबी-6 परियोजना के पैकेज-52 के अंतर्गत किया जा रहा है. जांच टीम ने रिपोर्ट में लिखा कि स्थल पर खुदाई से निकाली गई मिट्‌टी से प्राप्त मिट्‌टी का उपयोग फिलिंग में किया गया है.

mprdc road sadak mp bhopal
पठार की कीमती मुरम खाेद डाली

माइनिंग डिपार्टमेंट ने लगाया जुर्माना, फंसी MPRDC की जांच टीम: शिकायतकर्ता को 15 मई 2023 को खनिज अधिकारी की तरफ से एक पत्र मिला. इसमें लिखा कि आपके शिकायती आवेदन पर जो जानकारी दी गई थी, उस आधार पर जांच की. इसमें पाया कि जनपद पंचायत फंदा क्षेत्र के तूमड़ा-पटानिया-बरखेड़ा सालम तक बनने वाली सड़क में अर्थ फिलिंग, शोल्डरिंग का कार्य लगभग अवैध उत्खनन के जरिए किया गया है. यह शिकायत जांच में सही निकली और इसलिए खनिज डिपार्टमेंट द्वारा मेसर्स ब्रिज गोपाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मप्र गौण खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसी मामले में 6 फरवरी 2023 को ही 2 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना कंपनी के ऊपर लगाया गया था. साथ ही वाहनों पर कार्रवाई की गई थी. इस मामले में खजूरी सड़क थाने ने दो वाहन भी जब्त किए थे. वाहन क्रमांक NL 01 AB 7107 और NL 01 AB 5541 शामिल हैं.

ईटीवी भारत के सवालों पर अफसरों ने क्या कहा, पढ़िए

1- गोपाल सिंह, चीफ इंजीनियर एमपीआरडीसी
सवाल- तूमड़ा तक बनने वाली सड़क की शिकायत थी कि इन्होंने बिना परमिशन के पठार खोद दिए. शिकायत के बाद आपने क्लीन चिट दे दी, जबकि माइनिंग ने उसी मामले में जुर्माना लगाया है?
जवाब– माइनिंग को देखना है, गलत तरीके से माइनिंग हुई है तो जुर्माना लगाएगी.
सवाल- लेकिन सर एमपीआरडीसी ने तो क्लीन चिट दे दी?
जवाब– माइनिंग का काम अलग है, हमारा अलग है. हम यह थोड़े ही देख सकते हैं कि कितनी माइनिंग हुई, यह तो माइनिंग वाले ही देखेगें न. हम तो देख ही नहीं सकते हैं.
सवाल-मान लिया, लेकिन आप लोगों ने तो क्लीन चिट दे दी?
जवाब–हम विशेषज्ञ नहीं हैं, उस समय वह शिकायत नहीं रही होगी, बाद में आ गई होगी.

2- अशोक कुमार नागले, माइनिंग इंस्पेक्टर, भोपाल जिला
सवाल-सर, हम तूमड़ा साइट पर आए थे, इनके खिलाफ आप लोगों ने जुर्माना लगाया था.
जवाब– हां.
सवाल-सर, आपने जो जुर्माना लगाया था वो तो बहुत कम है. कंपनी ने बहुत बढ़े एरिया में खनन कर डाला है?
जवाब–अब वो कौन सा एरिया है, यह मुझको जानकारी नहीं है. लेकिन हमने जाे एरिया चिन्हित कियाा था, उसका प्रकरण बना दिया था.
सवाल- सर, हम वहीं गए. उस जगह पर करीब 30-40 एकड़ जमीन पर माइनिंग की गई. पहाड़ काटा है?
जवाब–पहाड़ काटा है तो वे काट सकते हैं, उनकी साइट में आता है वो.
सवाल- सर, जिस जगह माइनिंग हुई, वह जगह दूर है?
जवाब-अच्छा, पंचायत ने परमिशन दी होगी.
सवाल- सर, लेकिन आप लोग भी तो परमिशन देते होंगे?
जवाब-हमारे यहां सिर्फ सूचना भर आती है. डिपार्टमेंट एनओसी जारी करता है. एरिया देखना पड़ेगा, कौन सा है?
सवाल- सर, उसका आंकलन कम हुआ है?
जवाब-देखिए जब हमने गाड़ी पकड़ी थी, वो जनवरी की बात है. उसके बाद किसने किया हमें नहीं पता. हम तो भ्रमण करते रहते हैं उस एरिया का. हमारे पास प्रमाण नहीं हैं. पहले शिकायत मिली तो केस बना दिया. इनके तो डंपर जब्त कर दिए थे, एक महीने थाने में बंद कर दिए थे.

mprdc road sadak mp bhopal
भोपाल में अवैध खनन

शिकायतकर्ता के खिलाफ बनाई झूठी जांच रिपोर्ट: शिकायतकर्ता नीरज यादव का कहना है कि 14 अक्टूबर को मैंने एमडी MPRDC और कलेक्टर को इस मामले की शिकायत की थी. MPRDC की तरफ से पवन अरोरा, एमएच रिजवी, संजीव जैन को कमेटी में शामिल किया और एक झूठी जांच रिपोर्ट बनाकर मेरे खिलाफ ही कानूनी कार्रवाई की बात कही. शिकायत के बाद एमडी को अवगत कराया गया था कि पवन अरोरा को जांच कमेटी से हटा दें, क्योंकि इनके खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज है और मंडीदीप-कलियासोत हादसे के लिए भी यही जिम्मेदार हैं. लेकिन इन्हें बचा लिया गया और अब भी कंपनी को सब मिलकर संरक्षण दे रहे हैं.

135 करोड़ की सड़क के लिए खोद डाले पठार

भोपाल। शहर से करीब 50 किमी दूर स्थित तूमड़ा ग्राम पंचायत है. इस पंचायत तक पहुंचने के लिए MPRDC (मप्र रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) ने इंदौर-भोपाल बायपास पर भौरी से तूमड़ा तक करीब 11 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम ब्रिज गोपाल कंस्ट्रक्शन को दिया. पूरे काम की लागत कुल 135 करोड़ रुपए है. चूंकि मध्य प्रदेश में सड़क का ठेका जारी करने के बाद उसके लिए जो मिट्‌टी या मुरम खाेदी जाती है तो उसके लिए परमिशन विभाग ही जारी करता है. लेकिन इसकी सूचना माइनिंग डिपार्टमेंट को देना जरूरी है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. कंपनी ने कंस्ट्रक्शन साइट से दूर जाकर एक तालाब के पास से जमकर मुरम और पत्थर की खुदाई कर डाली, दिन रात डंपर चलाए. चूंकि यह जगह आसपास के ग्रामीण अपने इस्तेमाल में लाते हैं और उन्हें इसकी भनक लगी तो उन्होंने ईटीवी भारत को बताया.

Corruption in road construction in Bhopal
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार

दो बार हो चुकी है शिकायत पर जांच: ईटीवी भारत ने मामले की जानकारी ली तो पता चला कि इसकी ताे पहले से ही दो शिकायत हाे चुकी हैं और दोनों में ही जांच भी हुई है. पहली शिकायत MPRDC के दफ्तर में अक्टूबर 2022 में की गई थी. इसकी जांच रिपोर्ट हाल में सामने आई. जांच के लिए बनाई गई टीम ने जब रिपोर्ट प्रस्तुत की तो इसमें कंस्ट्रक्शन कंपनी को साफ क्लीनचिट दे दी. लेकिन इसी मामले की शिकायत माइनिंग विभाग को हुई तो उन्होंने जांच के बाद सीधे 2.75 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया. आश्चर्य यह है कि इसके बाद भी जब मौके पर ईटीवी की टीम पहुंची तो खनन का एरिया बढ़ा हुआ मिला.

mprdc road sadak mp bhopal
शिकायत के बावजूद MPRDC ने दी क्लीनचिट
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शिकायत के बावजूद MPRDC ने दी क्लीनचिट

क्लीन चिट वाली रिपोर्ट में यह लिखा: निर्माण एजेंसी के द्वारा तुमड़ा पटानिया बरखेड़ा सालम रोड पर अर्थ फीलिंग शोल्डरिंग एवं लेवलिंग का कार्य लगभग अवैध उत्खनन से प्राप्त मुरम, कोपरा का उपयोग करके किया जा रहा है. इस क्षेत्र में कई पठार निर्माण एजेंसी के द्वारा नष्ट कर दिए गए हैं, जिसमें खनिज विभाग एवं जिले के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. इसकी शिकायत 14 अक्टूबर 2022 को कलेक्टर भोपाल के पास एवं MPRDC से की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप भी लगाया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि निर्माण एजेंसी और राजस्व विभाग के बीच सीधी संलिप्तता है.

जांच रिपोर्ट– इस शिकायत के बाद जांच की गई, इसमें बताया कि सड़क का निर्माण एडीबी-6 परियोजना के पैकेज-52 के अंतर्गत किया जा रहा है. जांच टीम ने रिपोर्ट में लिखा कि स्थल पर खुदाई से निकाली गई मिट्‌टी से प्राप्त मिट्‌टी का उपयोग फिलिंग में किया गया है.

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पठार की कीमती मुरम खाेद डाली

माइनिंग डिपार्टमेंट ने लगाया जुर्माना, फंसी MPRDC की जांच टीम: शिकायतकर्ता को 15 मई 2023 को खनिज अधिकारी की तरफ से एक पत्र मिला. इसमें लिखा कि आपके शिकायती आवेदन पर जो जानकारी दी गई थी, उस आधार पर जांच की. इसमें पाया कि जनपद पंचायत फंदा क्षेत्र के तूमड़ा-पटानिया-बरखेड़ा सालम तक बनने वाली सड़क में अर्थ फिलिंग, शोल्डरिंग का कार्य लगभग अवैध उत्खनन के जरिए किया गया है. यह शिकायत जांच में सही निकली और इसलिए खनिज डिपार्टमेंट द्वारा मेसर्स ब्रिज गोपाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मप्र गौण खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. इसी मामले में 6 फरवरी 2023 को ही 2 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना कंपनी के ऊपर लगाया गया था. साथ ही वाहनों पर कार्रवाई की गई थी. इस मामले में खजूरी सड़क थाने ने दो वाहन भी जब्त किए थे. वाहन क्रमांक NL 01 AB 7107 और NL 01 AB 5541 शामिल हैं.

ईटीवी भारत के सवालों पर अफसरों ने क्या कहा, पढ़िए

1- गोपाल सिंह, चीफ इंजीनियर एमपीआरडीसी
सवाल- तूमड़ा तक बनने वाली सड़क की शिकायत थी कि इन्होंने बिना परमिशन के पठार खोद दिए. शिकायत के बाद आपने क्लीन चिट दे दी, जबकि माइनिंग ने उसी मामले में जुर्माना लगाया है?
जवाब– माइनिंग को देखना है, गलत तरीके से माइनिंग हुई है तो जुर्माना लगाएगी.
सवाल- लेकिन सर एमपीआरडीसी ने तो क्लीन चिट दे दी?
जवाब– माइनिंग का काम अलग है, हमारा अलग है. हम यह थोड़े ही देख सकते हैं कि कितनी माइनिंग हुई, यह तो माइनिंग वाले ही देखेगें न. हम तो देख ही नहीं सकते हैं.
सवाल-मान लिया, लेकिन आप लोगों ने तो क्लीन चिट दे दी?
जवाब–हम विशेषज्ञ नहीं हैं, उस समय वह शिकायत नहीं रही होगी, बाद में आ गई होगी.

2- अशोक कुमार नागले, माइनिंग इंस्पेक्टर, भोपाल जिला
सवाल-सर, हम तूमड़ा साइट पर आए थे, इनके खिलाफ आप लोगों ने जुर्माना लगाया था.
जवाब– हां.
सवाल-सर, आपने जो जुर्माना लगाया था वो तो बहुत कम है. कंपनी ने बहुत बढ़े एरिया में खनन कर डाला है?
जवाब–अब वो कौन सा एरिया है, यह मुझको जानकारी नहीं है. लेकिन हमने जाे एरिया चिन्हित कियाा था, उसका प्रकरण बना दिया था.
सवाल- सर, हम वहीं गए. उस जगह पर करीब 30-40 एकड़ जमीन पर माइनिंग की गई. पहाड़ काटा है?
जवाब–पहाड़ काटा है तो वे काट सकते हैं, उनकी साइट में आता है वो.
सवाल- सर, जिस जगह माइनिंग हुई, वह जगह दूर है?
जवाब-अच्छा, पंचायत ने परमिशन दी होगी.
सवाल- सर, लेकिन आप लोग भी तो परमिशन देते होंगे?
जवाब-हमारे यहां सिर्फ सूचना भर आती है. डिपार्टमेंट एनओसी जारी करता है. एरिया देखना पड़ेगा, कौन सा है?
सवाल- सर, उसका आंकलन कम हुआ है?
जवाब-देखिए जब हमने गाड़ी पकड़ी थी, वो जनवरी की बात है. उसके बाद किसने किया हमें नहीं पता. हम तो भ्रमण करते रहते हैं उस एरिया का. हमारे पास प्रमाण नहीं हैं. पहले शिकायत मिली तो केस बना दिया. इनके तो डंपर जब्त कर दिए थे, एक महीने थाने में बंद कर दिए थे.

mprdc road sadak mp bhopal
भोपाल में अवैध खनन

शिकायतकर्ता के खिलाफ बनाई झूठी जांच रिपोर्ट: शिकायतकर्ता नीरज यादव का कहना है कि 14 अक्टूबर को मैंने एमडी MPRDC और कलेक्टर को इस मामले की शिकायत की थी. MPRDC की तरफ से पवन अरोरा, एमएच रिजवी, संजीव जैन को कमेटी में शामिल किया और एक झूठी जांच रिपोर्ट बनाकर मेरे खिलाफ ही कानूनी कार्रवाई की बात कही. शिकायत के बाद एमडी को अवगत कराया गया था कि पवन अरोरा को जांच कमेटी से हटा दें, क्योंकि इनके खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज है और मंडीदीप-कलियासोत हादसे के लिए भी यही जिम्मेदार हैं. लेकिन इन्हें बचा लिया गया और अब भी कंपनी को सब मिलकर संरक्षण दे रहे हैं.

Last Updated : May 19, 2023, 11:41 AM IST
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