सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में मोतीनगर पुलिस ने नकली नोट छापने के मामले में एक गिरोह का खुलासा किया है. मोतीनगर थाना से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में तीन युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. फिलहाल दो युवकों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तार युवकों के नाम अहद राईन, शुबहान राईन है. पिछले हफ्ते शुक्रवार रात पुलिस की गोपालगंज और मोतीनगर थाना की संयुक्त टीम ने शनीचरी इलाके के कृष्णगंज वार्ड से एक युवक को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया था.
राष्ट्र विरोध ताकतों से लिंक पर जांच: इस मामले में हिरासत में लिए गए युवक का तो कोई रोल नहीं निकला है, लेकिन उसके भाई राशिद की नकली नोट छपाई में भूमिका पुलिस को पता चली है. राशिद फिलहाल गोवंश तस्करी के मामले विदिशा जेल में बंद हैं. पुलिस की पूछताछ में युवकों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. युवकों का कहना है कि उन्होंने एक वेब सीरीज से नोट छापने का तरीका सीखा था और खुद नोट छापकर बाजार में खपाते थे. पुलिस इन युवकों के राष्ट्र विरोधी ताकतों से संबंध होने की लिंक पर पूछताछ कर रही है.
वेब सीरीज से मिला नकली नोट छापने का आइडिया: पुलिस की गिरफ्त में आए युवकों से पता चला है कि नकली नोट प्रिंटर के जरिए प्रिंट करने का आइडिया युवकों को 'फर्जी' नाम की वेब सीरीज से मिला है. आरोपी युवकों ने नोट छापने के लिए बाजार से 15 हजार का कलर प्रिंटर खरीदा था और ये लोग बाजार से ए-4 साइज का जीएसएम पेपर खरीदकर उस पर नोट प्रिंट करते थे. 100 और 50 के नोट तो प्रिंटर से हुबहू प्रिंट हो जाते थे, लेकिन 500 का नोट अच्छा प्रिंट नहीं होता था. पुलिस को आरोपियों के पास 37 हजार 200 रुपए के नकली नोट मिले हैं, जो 100, 50 और 500 रुपए के हैं. 500 रुपए का नोट अच्छा प्रिंट ना होने के कारण कम ही प्रिंट करते थे. पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 489 ए,बी,सी और 120 बी के तहत केस दर्ज किया है. (Sagar youth Idea From Web Series)
नोट प्रिंट करने किराए पर लिया कमरा: नकली नोट छापने के मामले में पुलिस के हत्थे चढे़ इन युवकों ने एक कमरा किराए से लेकर रखा था. ताकि घर के लोगों और पड़ोसियों को भनक ना लग पाए. ये उसी कमरे में 100,50 और 200 रुपए के नोट प्रिंटर से प्रिंट करते थे, लेकिन 500 के नोट की अच्छी प्रिंटिंग ना होने के कारण ज्यादातर छोटे नोट ही प्रिंट किया करते थे. जिन नोटों का प्रिंट अच्छा नहीं आता था, उसे तत्काल कमरे में ही जला दिया जाता था. बाजार में ये खुद नोट चलाने की कोशिश करते थे. किसी को भनक ना लगे, इसलिए खरीददारी के बहाने ये खुद नकली नोट चलाते थे. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इन लोगों ने खरीददारी के जरिए बाजार में काफी नोट खपाए. ज्यादातर नकली नोट कपडे़ खरीदने और खाने-पीने और दूसरी खरीददारी में उपयोग किए. (Sagar Crime News)
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पिता थे कलेक्टर कार्यालय में बाबू: नकली नोट प्रिंट करने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो युवकों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. पुलिस को शक है कि ये किसी राष्ट्र विरोधी ताकतों या गिरोह के इशारे पर तो ये काम नहीं कर रहे हैं, क्योंकि दूसरी तरफ जो तीसरा युवक इस मामले में आरोपी है,वह फिलहाल विदिशा जेल में गौवंश तस्करी मामले में निरूद्ध है. उसकी गतिविधियों के आधार पर पुलिस को शक है कि इन युवकों का कहीं और तो कनेक्शन नहीं है. पुलिस प्रिंटर और पेपर कहां से इन लोगों को उपलब्ध होता था, इसकी भी जांच कर रही है.