भोपाल। डॉ.मोहन यादव के नाम के साथ बीजेपी ने एक बार फिर चौंका दिया. उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव की तीन योग्यताओं ने उन्हें सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया है. पहला संघ से नजदीकी. दूसरा हिंदुत्व का चेहरा और तीसरा मालवा में ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं. 58 वर्षीय मोहन यादव बीजेपी के उच्च शिक्षित नेताओं में से एक हैं. ओबीसी वर्ग का नेता होने के साथ ही वह संघ की पहली पसंद भी माने जाते हैं. उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीते डॉ. मोहन यादव एमपी में उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. MP new cm Mohan yadav profile
दौड़ से बाहर, फिर भी क्यों बने राइट च्वाइस : मोहन यादव क्यों राइट च्वाइस बने. इसके कई फैक्टर हैं. पहला तो ये कि वे संघ की पृष्ठभूमि से आते है. दूसरा वे हिंदुत्व की विचारधारा का मुखर तौर पर चेहरा रहे हैं एमपी में. एमपी में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए भी उन्होंने रामचरितमानस के हिस्सों को कॉलेज पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की पहल की थी. दूसरा वे ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं. ये क्वालिफिकेशन उन्हें इस रेस में खड़े बाकी हाईप्रोफाइल नेताओं से भी आगे ले गई. असल में 2024 के आम चुनाव में बीजेपी जिस तरह अयोध्या के राम मंदिर को मुद्दा बना रही है. उस लिहाज से ये नाम बीजेपी के लिए सर्वथा उपयुक्त था. MP new cm Mohan yadav profile
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मोहन यादव का राजनीतिक जीवन : उज्जैन दक्षिण से लगातार तीन चुनाव जीते 58 वर्षीय मोहन यादव ने मंत्री बनने के बाद सीधे मुख्यमंत्री की छलांग लगा दी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले मोहन यादव 1984 में एबीवीपी में नगर मंत्री और फिर बाद में विभाग प्रमुख रहे. एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री के पद तक पहुंचे. पहला चुनाव उन्होंने 2013 में लड़ा था. फिर इसके बाद 2018 में दूसरा चुनाव लड़ा और मंत्री भी बने. 2023 में उन्होंने तीसरा चुनाव चुनाव लड़ा और सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए. MP new cm Mohan yadav profile