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MP में RTI के जवाब में फुल हो गई SUV, जानें 40 हजार पन्नों में क्या थी जानकारी और कितना हुआ सरकार को नुकसान - आरटीआई पर 40 हजार पन्नों का जवाब

40000 Pages Reply on RTI Application: MP में इंदौर के एक शख्स को RTI के जवाब में 40 हजार पन्नों का जवाब मिला, जिसके बाद वह SUV में भरकर उन पन्नों को घर ले गया. आइए जानते हैं इस पन्नों में क्या जानकारी मांगी गई थी और इससे सरकार को कितना नुकसान हुआ-

man gets 40000 page answer to rti plea
व्यक्ति को आरटीआई आवेदन पर 40 हजार पन्नों का जवाब मिला
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Published : Jul 29, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Jul 29, 2023, 8:19 PM IST

इंदौर(पीटीआई) मध्य प्रदेश के इंदौर में एक व्यक्ति को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन पर जानकारी 40 हजार पन्नों में मिली, जिन्हें वह अपने एसयूवी वाहन में भरकर घर ले गया. इस जानकारी के लिए आवेदक धर्मेंद्र शुक्ला को प्रति पृष्ठ निर्धारित 2 रुपये का भुगतान भी नहीं करना पड़ा, क्योंकि उसके आवेदन का एक महीने के भीतर जवाब नहीं दिया गया था.

40000 Pages Reply on RTI Application
आरटीआई आवेदन पर 40 हजार पन्नों का जवाब, भरी SUV

ऐसी मांगी जानकारी कि SUV हो गई फुल: धर्मेंद्र शुक्ला ने शनिवार को कहा कि "मैंने इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के पास एक आरटीआई आवेदन दायर कर कोरोना काल के दौरान दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों और अन्य सामग्री की खरीद से संबंधित निविदाओं एवं बिल भुगतान का विवरण मांगा था. चूंकि, मुझे एक महीने के भीतर सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई, इसलिए मैंने प्रथम अपीलीय अधिकारी डॉ. शरद गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने अर्जी स्वीकार कर ली और निर्देश दिया कि मुझे सूचना निशुल्क उपलब्ध कराई जाए. लेकिन जब मुझे इसका जबाब मिला तो वह 40,000 के पेपर रूपी दस्तावेजों में मिला. जब मैं पेपरों को घर ला रहा तो मेरी पूरी एसयूवी दस्तावेजों से भर गई थी, केवल चालक की सीट खाली थी.

आरटीआई आवेदन दायर करने वाले धर्मेंद्र शुक्ला
आरटीआई आवेदन दायर करने वाले धर्मेंद्र शुक्ला

इन खबरों पर भी एक नजर:

सरकारी खजाने को 80,000 रुपये का नुकसान: संपर्क करने पर अपीलीय अधिकारी और राज्य स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि "मैंने आदेश दिया है कि जानकारी मुफ्त दी जाए. सीएमएचओ को उन कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिनके कारण समय पर जानकारी नहीं दिए जाने की वजह से सरकारी खजाने को 80,000 रुपये का नुकसान हुआ."

इंदौर(पीटीआई) मध्य प्रदेश के इंदौर में एक व्यक्ति को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन पर जानकारी 40 हजार पन्नों में मिली, जिन्हें वह अपने एसयूवी वाहन में भरकर घर ले गया. इस जानकारी के लिए आवेदक धर्मेंद्र शुक्ला को प्रति पृष्ठ निर्धारित 2 रुपये का भुगतान भी नहीं करना पड़ा, क्योंकि उसके आवेदन का एक महीने के भीतर जवाब नहीं दिया गया था.

40000 Pages Reply on RTI Application
आरटीआई आवेदन पर 40 हजार पन्नों का जवाब, भरी SUV

ऐसी मांगी जानकारी कि SUV हो गई फुल: धर्मेंद्र शुक्ला ने शनिवार को कहा कि "मैंने इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के पास एक आरटीआई आवेदन दायर कर कोरोना काल के दौरान दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों और अन्य सामग्री की खरीद से संबंधित निविदाओं एवं बिल भुगतान का विवरण मांगा था. चूंकि, मुझे एक महीने के भीतर सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई, इसलिए मैंने प्रथम अपीलीय अधिकारी डॉ. शरद गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने अर्जी स्वीकार कर ली और निर्देश दिया कि मुझे सूचना निशुल्क उपलब्ध कराई जाए. लेकिन जब मुझे इसका जबाब मिला तो वह 40,000 के पेपर रूपी दस्तावेजों में मिला. जब मैं पेपरों को घर ला रहा तो मेरी पूरी एसयूवी दस्तावेजों से भर गई थी, केवल चालक की सीट खाली थी.

आरटीआई आवेदन दायर करने वाले धर्मेंद्र शुक्ला
आरटीआई आवेदन दायर करने वाले धर्मेंद्र शुक्ला

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सरकारी खजाने को 80,000 रुपये का नुकसान: संपर्क करने पर अपीलीय अधिकारी और राज्य स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि "मैंने आदेश दिया है कि जानकारी मुफ्त दी जाए. सीएमएचओ को उन कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिनके कारण समय पर जानकारी नहीं दिए जाने की वजह से सरकारी खजाने को 80,000 रुपये का नुकसान हुआ."

Last Updated : Jul 29, 2023, 8:19 PM IST

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