इंदौर। देशभर में तरह-तरह के स्वाद और प्रसिद्ध व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध इंदौर अब बाघों की ब्रीडिंग के लिए भी चर्चा में है. दरअसल प्रदेश में मध्यम श्रेणी का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय इकलौता चिड़ियाघर है जहां बाघों की संख्या देशभर में सर्वाधिक है. हाल ही में यहां फिर तीन शावकों के जन्म लेने के बाद चिड़ियाघर में 3 से 4 माह के शावकों सहित शेर और बाघों की संख्या करीब 20 तक पहुंच गई है. हाल ही में जमुना नामक शेरनी ने फिर शावकों को जन्म दिया है. एनिमल एक्सचेंज में भी ये अभ्यारण्य देश में अग्रणी है.
चिड़ियाघर में शेर, टाइगर लगातार कर रहे ब्रीडिंग: गौरतलब है कि इंदौर के कमला नेहरू प्राणी उद्यान में टाइगर समेत शेरों के लिए स्ट्रेस फ्री एनवायरनमेंट के अलावा बैलेंस डाइट और उनकी केयर पर मुख्य फोकस होता है. परिणाम स्वरूप चिड़ियाघर के उन्मुक्त वातावरण में शेर, टाइगर लगातार ब्रीडिंग करते हैं. बीते एक दशक में स्थिति यह है कि यहां टाइगर, शेर एवं अन्य वन्य प्राणियों की संख्या तेजी से बड़ी है. फिलहाल इंदौर के जू में टाइगर और शेरों की संख्या 10 है. जबकि इतनी ही संख्या में नन्हे शावक भी हैं. लिहाजा इस श्रेणी के प्राणियों की संख्या जू में 20 तक पहुंच गई है.
बाघिन जमुना की चौथी डिलीवरी: रॉयल टाइगर जमुना ने अपने 9 वर्ष के जीवन काल में चौथी बार तीन स्वास्थ्य शावकों को जन्म दिया है. हालांकि अब तक जमुना कुल 14 शावकों को जन्म दे चुकी है, जो सभी जीवित भी है. जिन्हें एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत चंडीगढ़, भोपाल, हैदराबाद, औरंगाबाद, बिलासपुर रांची और जूनागढ़ आदि के प्राणी अभ्यारण में भी भेजा गया है. इसके बावजूद इंदौर का चिड़ियाघर रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा अन्य शेरों की संख्या के लिहाज से प्रदेश के अन्य अभ्यारण्यों के मुकाबले ज्यादा समृद्ध है. यहां बीते 10 अगस्त को शेरनी मेघा ने भी दो शावकों को जन्म दिया था.
दुर्लभ टाइगर का बसेरा: इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध सफेद टाइगर के अलावा ब्लैक टाइगर, येलो टाइगर और ब्लैक ऑरेंज टाइप के दुर्लभ रंग वाले टाइगर मौजूद हैं. इस तरह के टाइगर फिलहाल मध्य प्रदेश में इंदौर में ही मौजूद हैं. कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि ''एनिमल को बैलेंस डाइट, तनावमुक्त वातावरण देना जरूरी है. इंदौर जू में टाइगर्स के ऊपर विशेष ध्यान जाता है, यही वजह है कि इंदौर जू में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है.''