इंदौर(Agency,PTI)। इंदौर की मेधावी छात्रा तनिष्का सुजीत कला स्नातक (बीए) अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठने वाली है. उसकी आयु मात्र 15 साल है. उसका लक्ष्य आगे कानून की पढ़ाई कर देश की मुख्य न्यायाधीश बनना है. बता दें कि 2020 में कोविड-19 के कारण छात्रा ने अपने पिता और दादा को खो दिया था. छात्रा ने कुछ दिन पहले भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात को याद किया. कैसे पीएम मोदी ने उसे अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया.
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिली इंदौर की होनहार बेटी तनिष्का सुजीत.
— PRO JS Indore (@projsindore) April 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
सांसद श्री शंकर लालवानी के प्रयास से हुई मुलाकात.
Read more :- https://t.co/QjsUC9dvgP#JansamparkMP #indore @PMOIndia@iShankarLalwani pic.twitter.com/ZOWCOdwvMU
">प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिली इंदौर की होनहार बेटी तनिष्का सुजीत.
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सांसद श्री शंकर लालवानी के प्रयास से हुई मुलाकात.
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सांसद श्री शंकर लालवानी के प्रयास से हुई मुलाकात.
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13 साल की उम्र में 12 वीं पास की : इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्रा सुजीत ने बताया कि वह 19 से 28 अप्रैल तक होने वाली बीए (मनोविज्ञान) अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होगी. उसने 10वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से पास करने के बाद 13 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा पास की थी. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान अध्ययन विभाग की प्रमुख रेखा आचार्य का कहना है कि सुजीत को 13 साल की उम्र में बीए (मनोविज्ञान) प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया था, क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विशेष के रूप में ली गई प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था.
1अप्रैल को पीएम मोदी से छात्रा की मुलाकात : बता दें कि सुजीत ने संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के लिए 1 अप्रैल को राजधानी भोपाल की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की थी. उसकी पीएम मोदी से लगभग 15 मिनट तक बातचीत हुई. उसने पीएम से कहा कि वह अमेरिका में कानून का अध्ययन करना चाहती है. बीए की परीक्षा पास करने और लॉ की पढ़ाई करने के बाद वह भारत का मुख्य न्यायाधीश बनने का सपना देख रही है.
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पीएम मोदी ने ये सलाह दी : छात्रा सुजीत ने कहा "मेरे उद्देश्य के बारे में सुनने पर प्रधानमंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय जाने और वहां वकीलों की दलीलें देखने की सलाह दी. क्योंकि यह मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा. प्रधानमंत्री से मिलना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था," छात्रा की की मां अनुभा ने कहा कि उसके पति और ससुर की 2020 में कोरोनो वायरस के कारण मृत्यु हो गई, लेकिन उसने अपनी बेटी की खातिर लड़ाई लड़ी और दुख पर काबू पाया, जो शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही. परिवार के दोनों सदस्यों को खोने के बाद दो-तीन माह लगा कि अपनी बेटी के भविष्य के लिए उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए संघर्ष करना चाहिए.