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MP हाईकोर्ट के ऑर्डर को नजरअंदाज करना छिंदवाड़ा SP को पड़ा भारी, वारंट की तामील नहीं कराने पर निलंबन का आदेश

जबलपुर हाईकोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट की तामील नहीं करवाए जानें के चलते छिंदवाड़ा एसपी को सस्पेंड करने का आदेश DGP को दिया हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को SP पर कार्यवाही करने का आदेश दिया है युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि एसपी वारंट तामील करवाने में असक्षम हैं.

mp high court
एमपी हाईकोर्ट
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Published : Apr 12, 2023, 9:22 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 10:18 PM IST

जबलपुर। कोर्ट के आदेश पर गैर जमानतीय वारंट की तामील न कराना छिंदवाड़ा एसपी को भारी पड़ गया. हाईकोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं करवाए जानें को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेशित किया है कि वह छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक (SP) विनायक वर्मा के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अधीक्षक वारंट तामील करवाने में असक्षम है, इसलिए पुलिस महानिदेशक स्वंय वारंट तामील करवाएं.

chhindwara sp
एसपी विनायक वर्मा

ये है पूरा मामला: छिंदवाड़ा स्थित तुलसी नारायण संर्कितन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया था. हाईकोर्ट ने शेष जमीन का मुआवजा देने के निर्देश अगस्त 2018 में जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था. एनएचआई द्वारा आदेश के बावजूद भी मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गई. जिसके कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा विनायक वर्मा को तामीली के आदेश दिए थे.

mp high court
एमपी हाईकोर्ट का आदेश

MP High Court से जुड़ी खबरे भी पढ़ें

स्थानांतरण होने पर नहीं हुई तामील: याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है. जिसके कारण गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. सरकार की तरफ से जारी गैर जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया. युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गए पत्र में गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है. जिसमें हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीक होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिदेक को आदेश जारी किया. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेता तथा अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

जबलपुर। कोर्ट के आदेश पर गैर जमानतीय वारंट की तामील न कराना छिंदवाड़ा एसपी को भारी पड़ गया. हाईकोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं करवाए जानें को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेशित किया है कि वह छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक (SP) विनायक वर्मा के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अधीक्षक वारंट तामील करवाने में असक्षम है, इसलिए पुलिस महानिदेशक स्वंय वारंट तामील करवाएं.

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एसपी विनायक वर्मा

ये है पूरा मामला: छिंदवाड़ा स्थित तुलसी नारायण संर्कितन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया था. हाईकोर्ट ने शेष जमीन का मुआवजा देने के निर्देश अगस्त 2018 में जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था. एनएचआई द्वारा आदेश के बावजूद भी मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गई. जिसके कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा विनायक वर्मा को तामीली के आदेश दिए थे.

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एमपी हाईकोर्ट का आदेश

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स्थानांतरण होने पर नहीं हुई तामील: याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है. जिसके कारण गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. सरकार की तरफ से जारी गैर जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया. युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गए पत्र में गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है. जिसमें हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीक होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिदेक को आदेश जारी किया. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेता तथा अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

Last Updated : Apr 12, 2023, 10:18 PM IST
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