जबलपुर। मध्यप्रदेश में कायाकल्प अभियान के तहत सभी आरोग्यम केंद्र और स्वास्थ्य केंद्रों को साफ और स्वच्छ बनाया जा रहा है. प्रशासन की मंशा है कि प्रदेश में जितने भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, सभी की कायापलट करते हुए मरीजों को सारी सुविधाएं दी जा सकें. दरअसल, राज्य सरकार की कोशिश है कि स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को मिलने वाली सारी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलें. इसकी बानगी जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर चरगवां में स्थित आरोग्यम केंद्र में देखने को मिली.
![Focus on cleanliness with treatment](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-jab-01-rejuvenation-campaign-pkg-mp10084_22122022090500_2212f_1671680100_921.jpg)
50 गांवों के लिए आरोग्यम केंद्र : इस आरोग्यम केंद्र में करीब आधा सैकड़ा गांव को सम्मिलित किया गया है. जहां मरीज के हर रोग का इलाज सरकार से मिलने वाली योजनाओं के तहत फ्री इलाज हो रहा है. दरअसल, मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पताल का जिक्र आते ही बेपटरी व्यवस्थाएं, जगह-जगह कूड़े के ढेर और पान गुटके की पीक से सनी गंदी दीवारें तो कहीं मरीजो के बिस्तर में सोते स्ट्रीट डॉग की तस्वीरे उभरने लगती हैं लेकिन जबलपुर के चरगवां इलाके के एक अस्पताल की चर्चा इन दिनों हर किसी की जुबां पर है.
इलाज के साथ ही साफ-सफाई पर फोकस : चरगवां के स्वास्थ्य केंद्र को कुछ इस तरह संवारा गया है कि देखने वालों की नजरें इस केंद्र की दीवारों पर टिक जाती हैं. किसी को भी यकीन नहीं होता कि कभी बदहाल सा दिखने वाला उप स्वास्थ्य केंद्र अब किसी नर्सरी या प्ले स्कूल से कम आकर्षक नहीं है. दरअसल, उप स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की सारी व्यवस्थाएं तो की ही गई हैं. साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर और बाहर सुंदर रंगों से रंग रोगन के साथ आकर्षक चित्रकारी, लोगों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए स्लोगन भी दीवारों पर लिखे गए हैं. इसके अलावा स्वच्छता का इतना खास ख्याल रखा गया है कि उप स्वास्थ्य केंद्र में बायोबेस्ट के अलावा गीले और सूखे कचरे को अलग से रखने के लिए डस्टबिन भी अलग-अलग रंगों के रखे गए हैं.
अस्पताल में व्यवस्थाएं दुरुस्त : छोटे बाग बगीचे, हर्बल गार्डन जैसी झलक आरोग्यम उप स्वास्थ्य केंद्र की बाहरी झलक जितनी आकर्षक है. अंदर की व्यवस्थाएं भी उतनी ही दुरुस्त हैं. चरगवां स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ डॉ. इंदू राजपूत ने बताया कि यहां आने जाने बाले मरीजो के इलाज पर जहां खास ध्यान रखा जाता है तो वहीं 24 घंटे अस्पताल में स्टाफ की भी तैनाती रहती है. जिसके चलते गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सकुशल पूर्वक कराई जाती है. इस सरकारी अस्पताल में आंखों की जांच, एक्स-रे, ब्लड एवं बाथरूम की जांच, सहित तमाम सुविधाएं मरीजों को मुहैय्या कराई जाती हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श भी दिया जाता है.