ETV Bharat / bharat

एमपी में शराब खरीदने वालों को 'ठेकेदार' देंगे पक्का बिल

मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि शराब दुकानदारों (Madhya Pradesh Liquor Sellers) को ग्राहकों को शराब बेचते समय उसका पक्का बिल (Liquor Bill Compulsory) देना जरूरी होगा, ये नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू होगी.

एमपी
एमपी
author img

By

Published : Aug 20, 2021, 9:39 AM IST

भोपाल : अब शराब दुकानों में शराब खरीदने पर दुकानदार को ग्राहकों को कैश मेमो यानि बिल देना जरूरी होगा. प्रदेश की सभी शराब दुकानों (Madhya Pradesh Liquor Sellers) के लिए एक सितंबर से यह आदेश प्रभावी होगा. आबकारी आयुक्त ने इस संबंध में 19 अगस्त को आदेश जारी कर दिया है.

ओवर रेटिंग की शिकायतों के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है. सभी सहायक आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश की सभी शराब दुकानों में शराब खरीदने के प्रमाण की सुलभ उपलब्धता की दृष्टि से एक सितंबर से बिल (Liquor Bill) दिया जाना अनिवार्य किया गया है.

ये नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू होगी.
ये नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू होगी.

31 मार्च तक रखनी होगी कैश मेमो कॉपी

कैश मेमो बुक को संबंधित जिले के जिला आबकारी कार्यालय से प्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा, बिल बुक (Bill Book) का उपयोग होने पर उसके काउंटर पार्ट अथवा कार्बन कॉपी लाइसेंसधारी शराब की ठेका अवधि समाप्त होने तक 31 मार्च 2022 तक रखना जरूरी होगा.

सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शराब दुकान (Madhya Pradesh Liquor Shop) पर उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए, जिससे दुकानदार द्वारा बेची जा रही शराब का बिल या कैश मेमो (Cash Memo) नहीं दिए जाने की स्थिति में खरीददार अपनी शिकायत उस नंबर पर दर्ज करा सकें.

जहरीली शराब से मौत के मामले
जहरीली शराब से मौत के मामले

नए कानून से कसा शिकंजा

जहरीली शराब (Madhya Pradesh Poisonous Liquor) से होने वाली मौत की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी संशोधन विधेयक 2021 ( (Excise Amendment Act 2021)) को हरी झंडी दे दी है. जिसके तहत जहरीली शराब बनाने-बेचने वालों को फांसी तक का प्रावधान किया गया है. विधेयक में हुए संशोधन के बाद अब राज्य सरकार अपने ब्रांड नेम के साथ हेरिटेज शराब भी बेच सकेगी.

नए एक्ट के मुताबिक जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और मौत की सजा होगी. खास बात यह है कि प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में शराब की बिक्री से ही बम्पर रेवेन्यू कमाया है. हालांकि, जहरीली शराब से हो रही मौतों पर रोक लगाने के लिए ये संशोधन किया गया है. एक नजर हाल में हुई मौत के आंकड़ों पर.

शराब माफिया सुन लें...'फंसे तो फांसी'
मध्यप्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 (Excise Amendment Act 2021) के मुताबिक- अब जहरीली शराब (Poisonous Liquor Seller) बेचने और उसे पीने से होने वाली मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और फांसी की सजा होगी. विधेयक में आबकारी अधिनियम की धारा 49 क में नए खंड जोड़े गए हैं. इसके मुताबिक यदि शराब उपयोग के लायक नहीं पाई जाती है, तब भी आरोपी को छह माह से लेकर 6 साल तक की सजा होगी. इसके साथ ही एक लाख का जुर्माना भी भरना होगा. ऐसी मिलावटी या जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो आरोपी को 8 साल तक की सजा और 2 लाख रुपए के जुमाने का प्रावधान किया गया है.

खास बात यह है कि सजा 2 साल से कम नहीं होगी. शराब पीने से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख का जुर्माना. आरोपी यदि फिर इसी तरह का अपराध करता है तो आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामले में जुर्माना राशि 20 लाख रुपए से कम नहीं होगा.

सरकार बेचेगी हेरिटेज शराब
मध्यप्रदेश में देसी मदिरा और विदेशी मदिरा के साथ अब हेरिटेज श्रेणी (Heritage Wine) भी जोड़ी गई है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा है कि इसके जरिए सरकार प्रदेश में उत्पादित स्वदेशी मदिरा के ब्रांड को भी प्रोत्साहित करेगी. हालांकि हेरिटेज शराब ब्रांड का कॉन्सेप्ट दूसरे राज्यों में भी है. अब दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार भी हेरीटेज शराब अपने ब्रांड नेम के साथ बेचेगी. इसके जहां प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा, वहीं महुआ से होने वाली आदिवासियों की आय भी बढ़ेगी.

भोपाल : अब शराब दुकानों में शराब खरीदने पर दुकानदार को ग्राहकों को कैश मेमो यानि बिल देना जरूरी होगा. प्रदेश की सभी शराब दुकानों (Madhya Pradesh Liquor Sellers) के लिए एक सितंबर से यह आदेश प्रभावी होगा. आबकारी आयुक्त ने इस संबंध में 19 अगस्त को आदेश जारी कर दिया है.

ओवर रेटिंग की शिकायतों के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है. सभी सहायक आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश की सभी शराब दुकानों में शराब खरीदने के प्रमाण की सुलभ उपलब्धता की दृष्टि से एक सितंबर से बिल (Liquor Bill) दिया जाना अनिवार्य किया गया है.

ये नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू होगी.
ये नई व्यवस्था एक सितंबर से लागू होगी.

31 मार्च तक रखनी होगी कैश मेमो कॉपी

कैश मेमो बुक को संबंधित जिले के जिला आबकारी कार्यालय से प्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा, बिल बुक (Bill Book) का उपयोग होने पर उसके काउंटर पार्ट अथवा कार्बन कॉपी लाइसेंसधारी शराब की ठेका अवधि समाप्त होने तक 31 मार्च 2022 तक रखना जरूरी होगा.

सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शराब दुकान (Madhya Pradesh Liquor Shop) पर उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए, जिससे दुकानदार द्वारा बेची जा रही शराब का बिल या कैश मेमो (Cash Memo) नहीं दिए जाने की स्थिति में खरीददार अपनी शिकायत उस नंबर पर दर्ज करा सकें.

जहरीली शराब से मौत के मामले
जहरीली शराब से मौत के मामले

नए कानून से कसा शिकंजा

जहरीली शराब (Madhya Pradesh Poisonous Liquor) से होने वाली मौत की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी संशोधन विधेयक 2021 ( (Excise Amendment Act 2021)) को हरी झंडी दे दी है. जिसके तहत जहरीली शराब बनाने-बेचने वालों को फांसी तक का प्रावधान किया गया है. विधेयक में हुए संशोधन के बाद अब राज्य सरकार अपने ब्रांड नेम के साथ हेरिटेज शराब भी बेच सकेगी.

नए एक्ट के मुताबिक जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और मौत की सजा होगी. खास बात यह है कि प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में शराब की बिक्री से ही बम्पर रेवेन्यू कमाया है. हालांकि, जहरीली शराब से हो रही मौतों पर रोक लगाने के लिए ये संशोधन किया गया है. एक नजर हाल में हुई मौत के आंकड़ों पर.

शराब माफिया सुन लें...'फंसे तो फांसी'
मध्यप्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 (Excise Amendment Act 2021) के मुताबिक- अब जहरीली शराब (Poisonous Liquor Seller) बेचने और उसे पीने से होने वाली मौत के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और फांसी की सजा होगी. विधेयक में आबकारी अधिनियम की धारा 49 क में नए खंड जोड़े गए हैं. इसके मुताबिक यदि शराब उपयोग के लायक नहीं पाई जाती है, तब भी आरोपी को छह माह से लेकर 6 साल तक की सजा होगी. इसके साथ ही एक लाख का जुर्माना भी भरना होगा. ऐसी मिलावटी या जहरीली शराब पीने से किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो आरोपी को 8 साल तक की सजा और 2 लाख रुपए के जुमाने का प्रावधान किया गया है.

खास बात यह है कि सजा 2 साल से कम नहीं होगी. शराब पीने से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख का जुर्माना. आरोपी यदि फिर इसी तरह का अपराध करता है तो आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामले में जुर्माना राशि 20 लाख रुपए से कम नहीं होगा.

सरकार बेचेगी हेरिटेज शराब
मध्यप्रदेश में देसी मदिरा और विदेशी मदिरा के साथ अब हेरिटेज श्रेणी (Heritage Wine) भी जोड़ी गई है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा है कि इसके जरिए सरकार प्रदेश में उत्पादित स्वदेशी मदिरा के ब्रांड को भी प्रोत्साहित करेगी. हालांकि हेरिटेज शराब ब्रांड का कॉन्सेप्ट दूसरे राज्यों में भी है. अब दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश सरकार भी हेरीटेज शराब अपने ब्रांड नेम के साथ बेचेगी. इसके जहां प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा, वहीं महुआ से होने वाली आदिवासियों की आय भी बढ़ेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.