श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को चीता धीरा की अचानक मौत हो गई. कूनो में अभी तक यह तीसरे चीते की मौत है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर में चीतों की आपसी लड़ाई में फीमेल चीता धीरा की मौत हुई है. अब तक एमपी में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से कुल 20 चीते दो बार में आए हैं. अब 3 चीतों की मौत के साथ सिर्फ 17 चीते ही बचे हैं.
कब कब हुई चीतों की मौत: इससे पहले एमपी में 2 चीते जिसमें उदय और साशा शामिल हैं. किडनी की बीमारी के चलते मौत का शिकार हो गए. चीता उदय 23 अप्रैल को अस्त हो गया था. आज ही उसकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आई, उसके मुताबिक किडनी का फेलियर मौत का कारण बताया जा रहा है. कूनो नेशनल पार्क (KNP) के भीतर महज 3 महीने में ही 3 नामीबियाई चीतों की मौत से पूरा वन अमला सकते में है. मार्च, अप्रैल और अब मई में भी बुरी खबर ही आई है.
साशा की हुई थी मौत: 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई पहली चीता साशा की मौत हुई थी. किडनी में इंफेक्शन के चलते वो दुनिया को अलविदा कह गई थी. उसके बाद दूसरी बुरी खबर 23 अप्रैल को आई. अब 9 मई को तीसरी मौत की खबर से लोग हैरान हैं. चीते की मौत को लेकर अभी भी आधिकारिक बयान का इंतजार है. मगर जो जानकारी अब तक निकल कर सामने आई है उसके मुताबिक चीते की मौत सुबह 12 बजे हुई. चीता की सुरक्षा में लगे विशेष दल ने मादा चीते को घायल हालत में देखा और उसका रेस्क्यू किया. मगर मेडिकल टीम उसे बचा नहीं पाई. अब तक जो जानकारी निकल रही है उसके मुताबिक मादा चीते धीरा के शरीर पर नर चीते के हमले के निशान मिले हैं. दोनों को बाड़े में मेटिंग के लिए साथ रखा गया था. मगर इस दौरान ही यह खबर सामने आई है. चीता के व्यवहार पर जो जानकारी अब तक सार्वजनिक तौर पर सामने आई है उसके मुताबिक कई बार मेटिंग के दौरान आपस में साथ रहने के दौरान चीते हिंसक हो जाते हैं.
सियाया ने दिया 4 शावकों को जन्म: हालांकि एक अच्छी खबर यह भी है कि चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया था, जो अब बड़े हो रहे हैं. ये पूरी तरह से भारतीय वातावरण में पल बढ़ रहे हैं लिहाजा वंश में बढ़ोत्तरी की सारी उम्मीद ब्रीडिंग पर ही टिकी हैं और चीता रिलोकेशन प्रोजेक्ट की सफलता भी.