भोपाल। एमपी के खंडवा में पोस्टल बैलेट की वोटिंग को लेकर कलेक्टर और एसपी पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. पूरा मामला चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की तीन दिन बाद वोटिंग कराए जाने का है. मामला सामने आने के बाद मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने चुनाव आयोग को पूरी रिपोर्ट भेज दी है. फिलहाल चुनाव आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है. माना जा रहा है कि इस मामले में खंडवा कलेक्टर-एसपी पर कार्रवाई हो सकती है.
यह है पूरा मामला: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से 17 नवंबर से पहले किए जाने थे, लेकिन खंडवा में पोस्टल बैलेट की वोटिंग 20 नवंबर को कराई गई. 20 नवंबर को 123 डाक मत पत्र डलवाए गए थे. यह सभी डाक मत पत्र उन पुलिसकर्मियों के थे, जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अपनी चुनावी ड्यूटी करने खंडवा जिले में आए थे. सभी मतपत्रों के जरिए किया जाने वाला मतदान 17 नवंबर के पहले ही किया जाना था, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाया तो नोडल अधिकारी को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को बताए बिना 20 नवंबर को 123 लोगों का मतदान डाक मतपत्रों से करा दिया.
इसकी जानकारी लगते ही कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. कांग्रेस ने आयोग से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
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चुनाव आयोग की कार्रवाई की इंतजार: उधर मामला सामने आने के बाद मुख्य चुनाव पदाधिकारी की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में इन वोटों को शून्य करने को कहा है. साथ ही चुनाव आयोग को पूरी रिपोर्ट भेज दी है. हालांकि जब इस संबंध में मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'आयोग को रिपोर्ट भेज दी है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.'