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MP Danish Ali Interview: भाजपा सांसद को उकसाने के आरोप पर दानिश अली बोले- विक्टिम तो बने ही, अब क्रिमिनल बनाया जा रहा - बीजेपी सांसद बिधूड़ी अपशब्द प्रयोग

लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के अपशब्दों का निशाना बने बसपा के सांसद दानिश अली अब चर्चा में हैं. वहीं, भाजपा के एक और सांसद ने लोकसभा स्पीकर को चिट्टी लिखकर आरोप लगाया है कि दानिश अली ने सदन में प्रधानमंत्री के लिए 'नीच' शब्द का इस्तेमाल किया. ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी ने इस विवाद पर बसपा सांसद दानिश अली से बात की.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2023, 3:28 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद के खिलाफ कहे गए अपशबदों को लेकर जारी राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. बिधूड़ी द्वारा असंसदीय भाषाओं के इस्तेमाल के बाद जहां दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निवेदन किया था. वहीं, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा के नेताओं ने भी दानिश अली के आचरण को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के बाद सांसद रवि किशन ने भी दानिश अली के खिलाफ पत्र लिखा और इसकी लोकसभा अध्यक्ष द्वारा जांच की मांग की. इस पर दानिश अली ने कहा है कि उन पर निराधार आरोप लगाकर उन्हें क्रिमिनल बनाने की कोशिश की जा रही है. इस बारे में दानिश अली से चंद सवाल किये गए, जिसके अंश कुछ इस प्रकार हैं-

सवाल : भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि आपने प्रधानमंत्री के लिए 'नीच' शब्द का इस्तेमाल किया और कहा, "नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे." इससे सांसद रमेश बिधूड़ी भड़क गए. इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : कोई सवाल ही नहीं उठता. मैं भारतीय जनता पार्टी और लोकसभा सेक्रेटेरियेट को चुनौती देता हूं. वो साबित करें कि मैनें ऐसे कोई अल्फाज उन दिन प्रधानमंत्री के लिए कहें हों तो...

सवाल : तो आपका कहना है कि आपके खिलाफ उठे ये आरोप गलत हैं?

जवाब : मुझ पर ऐसे आरोप दो दिन बाद तब सामने आए जब उन्हें (भाजपा सांसदों को) लगा कि उनका पक्ष हल्का पड़ रहा है. उन्होंने देखा कि अब इनका जनाजा निकल रहा है, तब मुझपर आरोप लगाना शुरू कर दिया. दरअसल, रमेश बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए 'कुत्ते की मौत' जैसे अल्फाज इस्तेमाल करते हुए कहा था कि लोग चाहते हैं कि 'मोदी कुत्ते की मौत मरेगा'. ऐसे अल्फाज हम भी नहीं कह सकते हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापति जी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की थी, जो कि ऑन-रिकॉर्ड है. यहां तक कि उनके द्वारा बोले गए अल्फाज भी उस वीडियो में है. जब सभापति से मैने कहा कि बिधूड़ी को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालें, क्योंकि माननीय प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के अल्फाज का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, तब वो भड़क उठे.

सवाल : निशिकांत दूबे का आप पर आरोप है कि आपकी जिन बातों पर बिधूड़ी भड़के, उसकी भी जांच होनी चाहिए. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

जवाब : निशिकांत दूबे ने जो आरोप लगा रहे हैं, उसे साबित करें. कहीं तो कुछ होगा, कोई रिकॉर्डिंग या कहीं पर कोई आवाज होगी. मुझ पर गंदा और भद्दा आरोप लगा रहे हैं, तो फिर उन भाजपा सांसदों का क्या, जो आगे की कुर्सियों पर बैठकर इसे एन्जॉय कर रहे थे. देश के प्रधानमंत्री के लिए आपकी ऐसी सोच और मानसिकता हो सकती है, लेकिन हमारी नहीं है.

सवाल : क्या आप इस बात से इनकार कर रहे हैं कि आपने ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल किया?

जवाब : सारी बातें ऑन-रिकॉर्ड है. ऐसा पहली बार हुआ है. मुझे अफसोस इस बात का है कि भाजपा रमेश बिधूड़ी का साथ दे रही है. अब उनकी ट्रोल आर्मी है. लोकसभा क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने तय कर निशिकांत दूबे के जरिये एक चिट्ठी रिलीज कराई. भाजपा से बस इतना कहना है कि लोकसभा में आपने हमारी वर्बल लिंचिंग तो करा दी. अब फिजिकल लिंचिंग के लिए लोगों को आप इंस्टीगेट कर रहे हैं. विक्टिम तो हम बने ही, अब इस तरह से निराधार आरोप लगा कर क्रिमिनल भी हमें ही बनाने की कोशिश की जा रही है.

नई दिल्ली : लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद के खिलाफ कहे गए अपशबदों को लेकर जारी राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. बिधूड़ी द्वारा असंसदीय भाषाओं के इस्तेमाल के बाद जहां दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निवेदन किया था. वहीं, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा के नेताओं ने भी दानिश अली के आचरण को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के बाद सांसद रवि किशन ने भी दानिश अली के खिलाफ पत्र लिखा और इसकी लोकसभा अध्यक्ष द्वारा जांच की मांग की. इस पर दानिश अली ने कहा है कि उन पर निराधार आरोप लगाकर उन्हें क्रिमिनल बनाने की कोशिश की जा रही है. इस बारे में दानिश अली से चंद सवाल किये गए, जिसके अंश कुछ इस प्रकार हैं-

सवाल : भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि आपने प्रधानमंत्री के लिए 'नीच' शब्द का इस्तेमाल किया और कहा, "नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे." इससे सांसद रमेश बिधूड़ी भड़क गए. इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : कोई सवाल ही नहीं उठता. मैं भारतीय जनता पार्टी और लोकसभा सेक्रेटेरियेट को चुनौती देता हूं. वो साबित करें कि मैनें ऐसे कोई अल्फाज उन दिन प्रधानमंत्री के लिए कहें हों तो...

सवाल : तो आपका कहना है कि आपके खिलाफ उठे ये आरोप गलत हैं?

जवाब : मुझ पर ऐसे आरोप दो दिन बाद तब सामने आए जब उन्हें (भाजपा सांसदों को) लगा कि उनका पक्ष हल्का पड़ रहा है. उन्होंने देखा कि अब इनका जनाजा निकल रहा है, तब मुझपर आरोप लगाना शुरू कर दिया. दरअसल, रमेश बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लिए 'कुत्ते की मौत' जैसे अल्फाज इस्तेमाल करते हुए कहा था कि लोग चाहते हैं कि 'मोदी कुत्ते की मौत मरेगा'. ऐसे अल्फाज हम भी नहीं कह सकते हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बचाने का काम किया और सभापति जी को मोदी जी से संबंधित घोर आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की थी, जो कि ऑन-रिकॉर्ड है. यहां तक कि उनके द्वारा बोले गए अल्फाज भी उस वीडियो में है. जब सभापति से मैने कहा कि बिधूड़ी को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालें, क्योंकि माननीय प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के अल्फाज का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, तब वो भड़क उठे.

सवाल : निशिकांत दूबे का आप पर आरोप है कि आपकी जिन बातों पर बिधूड़ी भड़के, उसकी भी जांच होनी चाहिए. इस बारे में आप क्या कहेंगे?

जवाब : निशिकांत दूबे ने जो आरोप लगा रहे हैं, उसे साबित करें. कहीं तो कुछ होगा, कोई रिकॉर्डिंग या कहीं पर कोई आवाज होगी. मुझ पर गंदा और भद्दा आरोप लगा रहे हैं, तो फिर उन भाजपा सांसदों का क्या, जो आगे की कुर्सियों पर बैठकर इसे एन्जॉय कर रहे थे. देश के प्रधानमंत्री के लिए आपकी ऐसी सोच और मानसिकता हो सकती है, लेकिन हमारी नहीं है.

सवाल : क्या आप इस बात से इनकार कर रहे हैं कि आपने ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल किया?

जवाब : सारी बातें ऑन-रिकॉर्ड है. ऐसा पहली बार हुआ है. मुझे अफसोस इस बात का है कि भाजपा रमेश बिधूड़ी का साथ दे रही है. अब उनकी ट्रोल आर्मी है. लोकसभा क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने तय कर निशिकांत दूबे के जरिये एक चिट्ठी रिलीज कराई. भाजपा से बस इतना कहना है कि लोकसभा में आपने हमारी वर्बल लिंचिंग तो करा दी. अब फिजिकल लिंचिंग के लिए लोगों को आप इंस्टीगेट कर रहे हैं. विक्टिम तो हम बने ही, अब इस तरह से निराधार आरोप लगा कर क्रिमिनल भी हमें ही बनाने की कोशिश की जा रही है.

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