शाजापुर। जिले के अकोदिया थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन स्कूल में तिलक लगाने को लेकर विवाद सामने आया है. अल्फोंसा हायर सेकंडरी स्कूल के एक छात्र को तिलक लगा कर स्कूल में आने पर एंट्री नहीं दी गई. छात्र का आरोप है कि ''वह तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा था, तभी उसे गेट पर रोक कर स्कूल प्रबंधन ने उसे तिलक मिटाकर कल स्कूल में आने की बात कही. जब उसने तिलक नहीं मिटाया तो शिक्षक ने क्लास में उसका तिलक मिटा दिया और यीशु को भगवान मानने की बात कही.''
स्कूल में ईसाई धर्म के प्रचार के आरोप: बच्चों का आरोप है कि ''टीचर ने सनातन धर्म के खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी की थी.'' साथ ही स्कूल में ईसाई धर्म का प्रचार करने के भी आरोप लगाए हैं. मामले की जानकारी लगते हैं बच्चे के परिजन, ABVP और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में जाकर जमकर हंगामा किया. जिस पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और मामले को शांत करवाया.
स्कूल में हुआ सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ: तिलक लगाकर छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं देने के मामले में जब हंगामा बढ़ गया तो उसके बाद स्कूल प्रशासन ने सामूहिक रूप से सभी छात्र छात्राओं से माफी मांगी और प्रार्थना के साथ-साथ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इस दौरान हिंदूवादी संगठन एवं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर में जय श्रीराम के नारे भी लगाए. तब जाकर सभी बच्चों का गुस्सा शांत हुआ.
टीचर्स के निलंबन पर अड़े छात्र: जिन शिक्षकों ने बच्चों का तिलक मिटाया था और दूसरे धर्म के भगवान को मानने की बात कही, बच्चे उन दोनों शिक्षकों को स्कूल से निलंबित कर बाहर निकालने की बात पर अड़े रहे. सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. बता दें कि इससे पहले इंदौर में भी तिलक लगाने पर छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया था. जिसको लेकर भी विवाद सामने आया था.
टीचर ने दी सफाई: वहीं टीचर निधि अर्पित ने सफाई देते हुए कहा कि बच्चे माथे पर बहुत बड़ा तिलक और शिवलिंग बनाकर आते हैं. मैंने उनसे कहा कि छोटा तिलक लगाकर आया करो, उन्हें तिलक लगाकर आने से मना नहीं किया था. मैं खुद हिंदू धर्म से हूं तो क्यों तिलक का विरोध करूंगी.''