नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के कुछ सदस्यों ने ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों के विनियमन के लिए सरकार द्वारा तय किए गए नए नियमों पर सवाल उठाए. सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों के लिए नियम कड़े करते हुए केंद्र ने पिछले महीने व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब और अमेजन प्राइम वीडियो आदि के लिए इंटरमीडियरी गाइडलाइन एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता की घोषणा की थी.
संसदीय समिति के समक्ष सोमवार को सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पेश हुए. समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर हैं. समिति के सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों और अध्यक्ष ने अधिकारियों से कई सवाल पूछे, जिनमें यह भी पूछा गया कि क्या नियम कानूनी ढांचे के अनुरूप है.
पढ़ें : HC: ओटीटी प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया पर दिशानिर्देशों को चुनौती, केंद्र से जवाब तलब
समिति में अलग-अलग दलों के सांसदों ने अधिकारियों से पूछा कि नियामक व्यवस्था में केवल नौकरशाह ही क्यों हैं और नागरिक समाज, न्यायपालिका तथा पेशेवर लोगों का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं है. समिति के सदस्यों को सरकारी अधिकारियों ने इस तरह के नियमों की जरूरत और इसे लाने के बारे में तर्क पेश किए.