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MP: सिंगरौली जिले में एंबुलेंस नहीं मिली, तो पिता को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा मासूम, मचा हड़कंप

पीएम मोदी से लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जितना गंभीर हैं, उससे कहीं अधिक लापरवाह रहता उनका सरकारी स्वास्थ्य महकमा. इसकी जीती जागती तस्वीर एमपी के सिंगरौली जिले सामने आई है. जहां एंबुलेंस न मिलने पर एक मासूम अपनी मां के साथ पिता को ठेले पर लिटाकर अस्पताल पहुंचता है.

Careless health department could not provide ambulance
पिता को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा मासूम
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Published : Feb 11, 2023, 9:46 PM IST

पिता को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा मासूम

सिंगरौली। स्वास्थ्य को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा कड़े निर्देश के बावजूद भी मध्य प्रदेश सिंगरौली जिले का ट्रामा सेंटर लापरवाही को लेकर हमेशा से सुर्खियों में आता रहा है. अभी सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें मरीज के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला और मासूम बच्चे द्वारा मरीज को ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर पहुंचाया जा रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

मरीज की तबीयत बिगड़ने पर ठेले लिटाकर निकलेः दरअसल सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल का एक बेहद शर्मनाक वीडियो सामने आया है. यहां लगभग 7 वर्ष का लड़का अपनी माता के साथ मिलकर अपने पिता को ठेले में लिटाकर करीब 3 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल उपचार हेतु पहुंचा था. बताया जा रहा है कि शाह परिवार के एक व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब हुई और 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई, लेकिन 20 मिनट बीत जाने के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद जब मरीज की हालत गंभीर होने लगी तो पास में खड़े ठेले पर उसकी पत्नी एवं उसका 7 वर्ष का मासूम बेटा पिता को ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल उपचार कराने के लिए तत्काल निकल पड़ा.

सीएम शिवराज के गृह जिले में बदहाल अस्पताल, निजी लैब में जाने को मजबूर लोग

एडीएम की जांच टीम गठित कीः यह देखकर रास्ते में किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल पर वीडियो कैद करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. इसके बाद अब अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं. आपको बता दें कि स्वास्थ्य महकमे को बेहतर बनाने के लिए सरकारे अनेक व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाती हैं. बैढ़न जिला अस्पताल की बात करें तो यहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद डॉक्टरों एवं सीएमएचओ की उदासीनता की वजह से मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना उठाना पड़ रहा है. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पूर्व में भी करीब ऐसी चार से पांच घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन उन दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है. इस पूरे मामले पर एडीएम डीपी बर्मन को जैसे ही जानकारी लगी तो तुरंत ही एडीएम ने एक टीम गठित कर कर दी है. जांच के उपरांत जो भी रिपोर्ट में आएगा उस पर ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

पिता को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा मासूम

सिंगरौली। स्वास्थ्य को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा कड़े निर्देश के बावजूद भी मध्य प्रदेश सिंगरौली जिले का ट्रामा सेंटर लापरवाही को लेकर हमेशा से सुर्खियों में आता रहा है. अभी सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें मरीज के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला और मासूम बच्चे द्वारा मरीज को ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर पहुंचाया जा रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

मरीज की तबीयत बिगड़ने पर ठेले लिटाकर निकलेः दरअसल सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल का एक बेहद शर्मनाक वीडियो सामने आया है. यहां लगभग 7 वर्ष का लड़का अपनी माता के साथ मिलकर अपने पिता को ठेले में लिटाकर करीब 3 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल उपचार हेतु पहुंचा था. बताया जा रहा है कि शाह परिवार के एक व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब हुई और 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई, लेकिन 20 मिनट बीत जाने के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद जब मरीज की हालत गंभीर होने लगी तो पास में खड़े ठेले पर उसकी पत्नी एवं उसका 7 वर्ष का मासूम बेटा पिता को ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल उपचार कराने के लिए तत्काल निकल पड़ा.

सीएम शिवराज के गृह जिले में बदहाल अस्पताल, निजी लैब में जाने को मजबूर लोग

एडीएम की जांच टीम गठित कीः यह देखकर रास्ते में किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल पर वीडियो कैद करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. इसके बाद अब अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं. आपको बता दें कि स्वास्थ्य महकमे को बेहतर बनाने के लिए सरकारे अनेक व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाती हैं. बैढ़न जिला अस्पताल की बात करें तो यहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद डॉक्टरों एवं सीएमएचओ की उदासीनता की वजह से मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना उठाना पड़ रहा है. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पूर्व में भी करीब ऐसी चार से पांच घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन उन दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है. इस पूरे मामले पर एडीएम डीपी बर्मन को जैसे ही जानकारी लगी तो तुरंत ही एडीएम ने एक टीम गठित कर कर दी है. जांच के उपरांत जो भी रिपोर्ट में आएगा उस पर ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

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