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MP: भोपाल से होगी 7 राज्यों की बिजली ऑपरेट, पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन राजधानी में बनाएगा लोड डिस्पैच सेन्टर

मध्य प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिली है. प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिजली सप्लाई का वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर बनाया जा रहा है. भोपाल अब एमपी के साथ ही देश के 7 राज्यों की बिजली कंट्रोल करेगा. यह प्रोजेक्ट 3 साल में तैयार हो जाएगा. दरअसल मुंबई स्थित सेंटर अब छोटा पड़ने लगा है, जिस वजह से भोपाल में लोड डिस्पैच सेंटर बनाया जा रहा है. भोपाल में सेंटर बनने के बाद मुंबई के सेंटर को बैकअप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा.

Electricity of 7 states will be operated from Bhopal
भोपाल से होगी 7 राज्यों की बिजली ऑपरेट
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Published : Apr 5, 2023, 4:24 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 4:50 PM IST

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सिर्फ एमपी को नहीं बल्कि देश के 7 राज्यों की बिजली कंट्रोल करेगा. इसकी सौगात केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को दी है. भोपाल में बिजली सप्लाई का वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर बनाया जा रहा है. जिसके लिए केंद्र सरकार की पावर ग्रिड द्वारा 300 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन द्वारा तैयार किया जा रहा रीजनल सेंटर भोपाल एयरपोर्ट के पास करीब 11 एकड़ में बनेगा. इसकी बिल्डिंग निर्माण में ही तकरीबन ₹50 करोड़ लगेंगे.

मुंबई सेन्टर में लोड कम करने भोपाल में स्थापित होगा सेन्टर: देश के ज्यादातर राज्यों में लोड शैडिंग की शिकायत लगातार बढ़ रही है. इसकी वजह से बिजली कंपनियों के ट्रांसमिशन पर लगातार लोड बढ़ रहा है अभी तक यह सेंटर मुंबई में था लेकिन उसकी क्षमता भी उतनी नहीं है. लिहाजा अब एक सेंटर को और मंजूरी मिल गई है, जिसे भोपाल में बनाया जा रहा है. इसको लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को चुना: ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ''मध्य प्रदेश के लिहाज से ये बड़ी सौगात है. इसके लिए हमने जमीन भी चिन्हित कर ली है. केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को चुना, ये हमारे लिए गर्व की बात है. इसके पीछे चुनने की वजह यहां पर मिलने वाली सुविधाएं हैं, अब मप्र विकसित राज्यों की श्रेणी में है.''

मुंबई सेंटर का क्या रहेगा रोल: भोपाल में सेंटर बनने के बाद मुंबई के सेंटर को बैकअप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. दो अलग-अलग जगह सेंटर होने के कारण भूकंप या अन्य किसी आपदा से किसी सेंटर को नुकसान पहुंचता है या उसमें तकनीकी खराबी आती है तो दूसरे सेंटर से बिजली सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकेगा. इस तरह अतिरिक्त रीजनल लोड डिस्पैच सेन्टर तैयार कर कोई भी तरह की इमरजेंसी से निपटने की तैयारी कर ली गयी है.

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MP को लोड डिस्पैच सेन्टर मिलने से खुलेंगे नए आयाम: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल बिजली क्षेत्र में भी एक नया आयाम स्थापित कर सकेगी. खासतौर से सरकारी जमीन इतनी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने से बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े अन्य सेंटर, इंस्टिट्यूट भी राजधानी भोपाल की ओर रुख कर सकते हैं. अभी तक 250 केवी या उससे अधिक की बिजली लाइनों का ट्रांसमिशन, ट्रांसफार्मर इंस्टॉल करना, लाइन चार्ज आदि के लिए मुंबई से कंट्रोल होता था, लेकिन अब यह फैसले भोपाल में होंगे.

5 से ज्यादा राज्यों की बिजली कंट्रोल करेगा भोपाल: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, दादर नगर हवेली, दमन दीव इन राज्यों की बिजली भोपाल से कंट्रोल होगी. यह प्रोजेक्ट 3 साल में तैयार हो जाएगा.

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सिर्फ एमपी को नहीं बल्कि देश के 7 राज्यों की बिजली कंट्रोल करेगा. इसकी सौगात केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को दी है. भोपाल में बिजली सप्लाई का वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर बनाया जा रहा है. जिसके लिए केंद्र सरकार की पावर ग्रिड द्वारा 300 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन द्वारा तैयार किया जा रहा रीजनल सेंटर भोपाल एयरपोर्ट के पास करीब 11 एकड़ में बनेगा. इसकी बिल्डिंग निर्माण में ही तकरीबन ₹50 करोड़ लगेंगे.

मुंबई सेन्टर में लोड कम करने भोपाल में स्थापित होगा सेन्टर: देश के ज्यादातर राज्यों में लोड शैडिंग की शिकायत लगातार बढ़ रही है. इसकी वजह से बिजली कंपनियों के ट्रांसमिशन पर लगातार लोड बढ़ रहा है अभी तक यह सेंटर मुंबई में था लेकिन उसकी क्षमता भी उतनी नहीं है. लिहाजा अब एक सेंटर को और मंजूरी मिल गई है, जिसे भोपाल में बनाया जा रहा है. इसको लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को चुना: ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ''मध्य प्रदेश के लिहाज से ये बड़ी सौगात है. इसके लिए हमने जमीन भी चिन्हित कर ली है. केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को चुना, ये हमारे लिए गर्व की बात है. इसके पीछे चुनने की वजह यहां पर मिलने वाली सुविधाएं हैं, अब मप्र विकसित राज्यों की श्रेणी में है.''

मुंबई सेंटर का क्या रहेगा रोल: भोपाल में सेंटर बनने के बाद मुंबई के सेंटर को बैकअप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. दो अलग-अलग जगह सेंटर होने के कारण भूकंप या अन्य किसी आपदा से किसी सेंटर को नुकसान पहुंचता है या उसमें तकनीकी खराबी आती है तो दूसरे सेंटर से बिजली सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकेगा. इस तरह अतिरिक्त रीजनल लोड डिस्पैच सेन्टर तैयार कर कोई भी तरह की इमरजेंसी से निपटने की तैयारी कर ली गयी है.

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MP को लोड डिस्पैच सेन्टर मिलने से खुलेंगे नए आयाम: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल बिजली क्षेत्र में भी एक नया आयाम स्थापित कर सकेगी. खासतौर से सरकारी जमीन इतनी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने से बिजली ट्रांसमिशन से जुड़े अन्य सेंटर, इंस्टिट्यूट भी राजधानी भोपाल की ओर रुख कर सकते हैं. अभी तक 250 केवी या उससे अधिक की बिजली लाइनों का ट्रांसमिशन, ट्रांसफार्मर इंस्टॉल करना, लाइन चार्ज आदि के लिए मुंबई से कंट्रोल होता था, लेकिन अब यह फैसले भोपाल में होंगे.

5 से ज्यादा राज्यों की बिजली कंट्रोल करेगा भोपाल: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, दादर नगर हवेली, दमन दीव इन राज्यों की बिजली भोपाल से कंट्रोल होगी. यह प्रोजेक्ट 3 साल में तैयार हो जाएगा.

Last Updated : Apr 5, 2023, 4:50 PM IST
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