भोपाल। राजधानी में हुई दुनिया की सबसे भयवाह त्रासदी भोपाल गैस कांड मामले में आज जिला अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान डाऊ केमिकल कंपनी की तरफ से 17 साल बाद कोर्ट के आदेश पर कोई हाजिर हुआ. इससे पहले साल 2005 में जिला अदालत ने नोटिस जारी किया था. जिसमें अदालत ने कंपनी को हाजिर होने को कहा था. इसके लिए शो कॉज नोटिस भी अदालत की तरफ से जारी किया गया था.
डाऊ केमिकल की तरफ से हाजिर हुए प्रतनिधि लगातार अदालत से कहते रहे कि भारत की अदालत उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई जूरिडिक्शन नहीं रखती है. वे उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं, क्योंकि वे एक अमेरिकन कंपनी है.
अदालत ने सुनवाई 6 जनवरी को की तय: भोपाल की जिला अदालत ने सीबीआई सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई 6 जनवरी के लिए तय की है. इन याचिकाओं में मांग की गई कि 1984 की गैस त्रासदी के लिए डॉव केमिकल पर मुकदमा चलाया जाए. भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा माना जाता है. बता दें, डॉव केमिकल का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के मिशिगन में है. इसी ने यूनियन कार्बाइड को खरीदा था. इसके भोपाल स्थित यूनिट साल 2 और 3 दिसंबर की मध्यरात्रि को हुए रिसाव से कई हजार लोग मारे गए थे.
अदालत ने क्यों की सुनवाई जनवरी तक स्थगित: प्रथम श्रेणी विधान महेश्वरी ने शनिवार को हुई सुनवाई को 6 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया है. इसमें अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निगम ने दलील दी है कि मामला भोपाल अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. इधर, गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठनों के वकील अवि सिंह ने कहा, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 2012 में क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर फैसला किया था. इस प्रकार डॉव केमिकल को मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव और संदीप गुप्ता के नेतृत्व में वकीलों ने कंपनी का पक्ष रखा. इधर, डॉव केमिकल का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने बताया कि मामला भोपाल अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. बहुराष्ट्रीय कंपनी अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा शासित थी. उन्होंने कहा, "हमने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उच्च न्यायालय द्वारा तय नहीं किया गया है।"
केंद्रीय जांच ब्यूरो, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन और अन्य संगठनों ने अपनी दलीलों में तर्क दिया कि चूंकि डॉव केमिकल यूनियन कार्बाइड का मालिक है. इसलिए उसे आपराधिक मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए.