भोपाल। प्रदेश की आधी युवा पीढ़ी दसवीं की परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के बाद भी आर्मी में भर्ती नहीं हो पाएगी. इसके साथ ही इस युवा पीढ़ी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित आईटीआई के कई ट्रेड्स में प्रवेश नहीं मिल रहा है. यह सब हुआ है मध्यप्रदेश की बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत, जिसमें बच्चों का रिजल्ट तो सुधरा लेकिन मध्यप्रदेश के बच्चे गणित और अंग्रेजी में कमजोर हो गए हैं. अब कांग्रेस इस योजना को बंद करने की मांग कर रही है. इस मामले में मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के कोई भी उच्च अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं, उनका सिर्फ इतना कहना है कि यह शासन स्तर पर लिया गया फैसला है और शासन ही इसे दूर करेगा.
सर्वाधिक पांच अंक वाले विषयों के नंबर जोड़कर रिजल्ट घोषित: 2017 की परीक्षाओं में माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबंधित स्कूलों में अधिकतर बच्चे फेल हो गए थे. जिसके बाद सरकार ने प्रदेश के बच्चों का रिजल्ट सुधारने के लिए बेस्ट ऑफ फाइव योजना की शुरुआत की. इस योजना के 2018 में अच्छे परिणाम आए और अधिकतर बच्चे मध्यप्रदेश में 10वीं में पास हो गए. लेकिन इसका खामियाजा भी इन बच्चों को भुगतना पड़ा, क्योंकि जो बच्चे फेल हुए उनमें सबसे ज्यादा अंग्रेजी और गणित विषय के शामिल थे. दरअसल इस योजना में परीक्षार्थी सभी छह विषय की परीक्षा में शामिल होगा, लेकिन सर्वाधिक पांच अंक वाले विषयों के नंबर जोड़कर रिजल्ट घोषित किया जाएगा. जबकि सबसे कम अंक आने वाले विषय को रिजल्ट में शामिल नहीं किया जाएगा, इससे विद्यार्थियों ने अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पढ़ना बंद कर दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता संगीत शर्मा की की माने तो सरकार ने योजना शुरू की, लेकिन इस योजना से मध्य प्रदेश के बच्चे गणित और अंग्रेजी के शेयर मूल्य विषयों में कमजोर हो गए हैं. जिससे मध्य प्रदेश को शिक्षा में बेहतर स्थान पहुंचाने का सपना, सपना रह जाता है. इसको तुरंत बंद किया जाना चाहिए
- संगीत शर्मा, प्रवक्ता कांग्रेस
बेस्ट ऑफ फाइव के कारण कई परीक्षाओं में अयोग्य हुए छात्र: पिछले सालों में दसवीं की परीक्षा में गणित व अंग्रेजी में सबसे ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए हैं. गणित, विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों में फेल होने के बाद भी विद्यार्थियों के पांच विषयों में पास होने पर पास की अंकसूची जारी की गई. लेकिन इसका नतीजा यह निकला कि, यह छात्र आर्मी में भर्ती के लिए अयोग्य हो गए. अब ये छात्र भारत सरकार द्वारा लिए जाने वाले आर्मी (जीडी) के फार्म को नहीं भर सकते. क्योंकि उस फार्म में छात्रों को दसवीं प्रणाली में विज्ञान, गणित एवं हिंदी जैसे विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है. मध्य प्रदेश में संचालित आईटीआई में भी यदि छात्र गणित व विज्ञान के साथ दसवीं उत्तीर्ण नहीं करता है, तो कई ट्रेड्स में प्रवेश के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है. इसको लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा है.
जानिए किस वर्ष में कितने बच्चे गणित और अंग्रेजी में फेल हुए:
दसवीं का वर्ष 2022 का रिजल्ट: एमपी माध्यमिक शिक्षा मंडल के दसवीं के परिणाम वर्ष 2022 में बेस्ट फाइव से दसवीं की गणित व अंग्रेजी में सवा तीन लाख विद्यार्थी फेल हुए हैं. दसवीं की गणित की परीक्षा में 9 लाख 19 हजार विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें 3 लाख 20 हजार विद्यार्थी फेल हो गए. वहीं अंग्रेजी में 9 लाख 17 हजार विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें 3 लाख 32 हजार विद्यार्थी फेल हो गए हैं. पास प्रतिशत 63.74 फीसदी रहा है. विज्ञान में 9 लाख 18 हजार विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें 6 लाख 53 हजार विद्यार्थी पास हुए हैं.
दसवीं का वर्ष 2019 का रिजल्ट: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के वर्ष 2019 के दसवीं परिणाम में बेस्ट फाइव के कारण दसवीं की गणित परीक्षा में करीब चार लाख व अंग्रेजी में तीन लाख विद्यार्थी फेल हुए. दसवीं की गणित परीक्षा में 8 लाख 54 हजार विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें 3 लाख 88 हजार विद्यार्थी फेल हो गए. वहीं अंग्रेजी में 7 लाख 55 हजार विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें 2 लाख 93 हजार विद्यार्थी फेल हो गए.
दसवीं का वर्ष 2018 का रिजल्ट: गणित विषय की परीक्षा में 8 लाख 9 हजार 477 विद्यार्थी शामिल हुए, इनका पास प्रतिशत 63.07 रहा. सामान्य अंग्रेजी के पेपर में 7 लाख 20 हजार 458 विद्यार्थी शामिल हुए. विज्ञान विषय में 8 लाख 8 हजार 611 विद्यार्थी शामिल हुए, इसमें करीब दो लाख विद्यार्थी फेल हुए.