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मां ने किया अपने कलेजे के टुकड़े का अंतिम संस्कार, लोगों की आंखें हुईं नम - Anju Kishori Justice Board Member

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिले देखकर सभी की आंखें नम हो गईं. रामघाट पर एक मां ने बेटे को मुखाग्नि दी. यह तस्वीर सोशल मीडिया में छा गई है. युवक की एक्सीडेंट के बाद लखनऊ में मौत हो गई थी.

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मां ने किया अपने कलेजे के टुकड़े का अंतिम संस्कार
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Published : Jul 19, 2022, 1:11 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 2:05 PM IST

जौनपुर: जिले में पिछले 12 घंटे में सोशल मीडिया में एक तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है. जौनपुर के रामघाट पर आज एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसे देखने के बाद सभी की आंखें नम हो गईं. दरअसल, रामघाट पर आज एक महिला एक नौजवान युवक को मुखाग्नि दे रही थी. महिला जिसे मुखाग्नि दे रही थी वो नौजवान कोई और नहीं बल्कि उसका इकलौता बेटा था. सोमवार को मां को बेटे की चिता में आग लगाते देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं.

हमेशा देखा जाता है कि जरूरत पड़ने पर ही पत्नी अपने पति की चिता को आग देती है या फिर बेटियां अपने माता -पिता की चिता को आग देती है. लेकिन, आज पहली बार ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें एक मां अपने बेटे की चिता को आग देती नज़र आयी. चिता को आग लगा रही महिला का नाम अंजू पाठक है. अंजू जौनपुर की शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली हैं. अंजू किशोरी न्याय बोर्ड की सदस्य भी हैं. समाजसेवी अंजू पाठक को जिले में एक तेज तर्रार और व्यवहार कुशल महिला के रूप में जाना जाता है. पति की मौत के बाद एकलौता बेटा हिमांशु ही अंजू का सहारा था. 32 वर्षीय हिमांशु, उसकी पत्नी और एक पोती के साथ अंजू पाठक खुशी-खुशी अपना जीवन गुजार रही थीं.

इसे भी पढ़े-जौनपुर और सुलतानपुर में भीषण सड़क हादसा, दंपति सहित 4 की मौत, 9 घायल

लखनऊ में हिमांशु का एक्सीडेंट हो गया. दुर्घटना में घायल हिमांशु को लखनऊ के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. आरोप है कि वहां इलाज के दौरान जो दवाइयां हिमांशु को दी गई थीं, वह ज्यादा हार्ड थीं. इसके कारण हिमांशु का लीवर खराब हो गया. इसके चलते सोमवार को हिमांशु की मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद अंजू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. रिश्तेदार ने बताया कि इस परिवार में कोई पुरुष नहीं है, इसलिए मां अंजू ने अपने एकलौते बेटे हिमांशु को मुखाग्नि दी.

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जौनपुर: जिले में पिछले 12 घंटे में सोशल मीडिया में एक तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है. जौनपुर के रामघाट पर आज एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसे देखने के बाद सभी की आंखें नम हो गईं. दरअसल, रामघाट पर आज एक महिला एक नौजवान युवक को मुखाग्नि दे रही थी. महिला जिसे मुखाग्नि दे रही थी वो नौजवान कोई और नहीं बल्कि उसका इकलौता बेटा था. सोमवार को मां को बेटे की चिता में आग लगाते देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं.

हमेशा देखा जाता है कि जरूरत पड़ने पर ही पत्नी अपने पति की चिता को आग देती है या फिर बेटियां अपने माता -पिता की चिता को आग देती है. लेकिन, आज पहली बार ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें एक मां अपने बेटे की चिता को आग देती नज़र आयी. चिता को आग लगा रही महिला का नाम अंजू पाठक है. अंजू जौनपुर की शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली हैं. अंजू किशोरी न्याय बोर्ड की सदस्य भी हैं. समाजसेवी अंजू पाठक को जिले में एक तेज तर्रार और व्यवहार कुशल महिला के रूप में जाना जाता है. पति की मौत के बाद एकलौता बेटा हिमांशु ही अंजू का सहारा था. 32 वर्षीय हिमांशु, उसकी पत्नी और एक पोती के साथ अंजू पाठक खुशी-खुशी अपना जीवन गुजार रही थीं.

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लखनऊ में हिमांशु का एक्सीडेंट हो गया. दुर्घटना में घायल हिमांशु को लखनऊ के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. आरोप है कि वहां इलाज के दौरान जो दवाइयां हिमांशु को दी गई थीं, वह ज्यादा हार्ड थीं. इसके कारण हिमांशु का लीवर खराब हो गया. इसके चलते सोमवार को हिमांशु की मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद अंजू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. रिश्तेदार ने बताया कि इस परिवार में कोई पुरुष नहीं है, इसलिए मां अंजू ने अपने एकलौते बेटे हिमांशु को मुखाग्नि दी.

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Last Updated : Jul 19, 2022, 2:05 PM IST
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