नई दिल्ली : वनवासियों के सशक्तिकरण तथा उनकी आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से 87 लघु वन उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs) द्वारा खरीदा जाता है.
वन में पाए जाने वाली जड़ी बूटियां जैसे तेंदु पत्ता, कुल्लू, शहद, चिरौंजी गुठली, साल बिज आदि को मंत्रालय द्वारा संचालित ट्राइफेड की राज्य इकाइयां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वन उत्पादों की खरीद करती हैं. इसके अलावा जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा गठित मूल्य सेल के द्वारा लघु वन उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य व हर उत्पाद की कीमत तय की जाती है.
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लघु वन उपज एवं उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात करें तो सरसों 40, महुआ के बीज 29, कुसुमी लाख 275, नागरमोथा 30, गिलोय 40, तेज पत्ता 40, जामुन के सूखे बीज 42, सूखा आंवला 60, सूखी सुपारी 200, राजा मिर्च 300, वन जीरा 70, चिरौंजी की फली 126, लाख के बीज 677, शतावरी की जड़ 107 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलता है.
इतना ही नहीं ट्राइफेड के द्वारा आदिवासियों को उनके लघु वन उत्पादों की मार्केटिंग एवं पैकेजिंग में भी सहायता की जाती है. इसी के तहत 23 राज्यों व 2 केंद्र शासित प्रदेश में 2224 वन धन विकास केंद्र बनाए गए हैं. वहीं हर जिलें में 300 आदिवासियों के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाता है, जहां इन लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
साथ ही हर जिले में 15 केंद्र स्थापित करने के लक्ष्य के साथ प्रत्येक पंचायत में 20 लोगों का एक स्वयं सहायता समूह भी बनाया जाता है. इसके अलावा राज्यों ने वन धन केंद्रों को बाजारों से लघु वन उपज की खरीद के लिए प्राथमिक खरीद एजेंट भी नियुक्त किया हुआ है.