ETV Bharat / bharat

बिहार के फुलवरिया डैम में डूबी मस्जिद पानी से आई बाहर, देखने आ रहे लोग - फुलवरिया डैम में डूबी मस्जिद पानी से आई बाहर

बिहार के नवादा जिले के रजौली प्रखंड स्थित फुलवरिया डैम में वर्षों पहले डूबी मस्जिद पानी से बाहर आ गई है. यह लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गई है. दूर-दूर से लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं.

Mosque  came out of water
Mosque came out of water
author img

By

Published : Sep 3, 2022, 4:37 PM IST

नवादा : रजौली प्रखंड स्थित फुलवरिया डैम के दक्षिण में स्थित चिरैला गांव के पास कई वर्ष से पानी में डूबी हुई मस्जिद पूरी तरह से दिखने लगी है (Mosque came out of water in Nawada). मस्जिद दिखने की खबर शुक्रवार को पूरे इलाके में आग की तरफ फैल गई. जिले के विभिन्न इलाकों से मुस्लिम परिवार अपने सगे संबंधी के साथ इस मस्जिद का दीदार करने के लिए डैम के किनारे पहुंचने लगे. पूरे दिन ये मस्जिद कौतुहल का विषय बनी रही. दूसरी तरफ फुलवरिया डैम में पानी की हो रही लगातार कमी (Phulwaria Dam water crisis) चिंता का विषय बन गया है.

ये भी पढ़ें :- नवादा: प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने अधिकारियों के साथ की बैठक, बोले सुखाड़ से निपटने को हैं तैयार

120 साल पुरानी मस्जिद 30 साल से डूबी थी : कई युवा हाथ में चप्पल लेकर कीचड़ में घुसकर मस्जिद के नजदीक पहुंचकर देखते दिखे. मस्जिद देखने के लिए पहुंचे कई मुस्लिम परिवार की महिलाओं ने भी मस्जिद के नजदीक जाने की कोशिश की लेकिन कीचड़ और बीच-बीच में पानी होने की वजह से वहां तक नहीं पहुंच सकीं. दूर से ही दीदार कर लौट गईं. जानकारी के लिए बता दें कि यह मस्जिद लगभग 120 वर्ष पुराना है. तीन दशक से ये पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ था. उसके बाद भी इस मस्जिद को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचा है.

चिंता का विषय है फुलवरिया डैम का जल स्तर कम होना : फुलवरिया डैम का निर्माण वर्ष 1984 में कराया गया था. उससे पहले इस जगह पर बड़ी आबादी होती थी. एरिया का अधिग्रहण डैम निर्माण के लिए किया गया था. तब इन स्थानों पर रहने वाले लोगों को विस्थापित कर हरदिया में बसाया गया था. डैम बनने के बाद मस्जिद यूं ही छोड़ दी गई थी. पानी भरा रहने की स्थिति में मस्जिद का सिर्फ गुम्बद दिखाई पड़ता था. जलाशय के सूखा रहने की स्थिति में पूरी मस्जिद दिख रही है. इस वर्ष वर्षा कम होने या यूं कहें कि सुखाड़ के कारण फुलवरिया डैम का जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है.लोगों के लिए यह भी एक चिंता का विषय है.

90 गांवों को पहुंचाया जाता है पानी : आने वाले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो भविष्य में इस इलाके में बड़ा जल संकट हो सकता है. इसी जलाशय में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. डैम का पानी शोधन कर जंगली क्षेत्र के 90 गांवों के लोगों तक पहुंचाया जाता है. जब जलाशय सूख जाएगा तो इन गांवों तक पानी पहुंचना बंद हो जायेगा. जिससे बड़ी आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. फिलहाल, डैम का जलस्तर घटने से मस्जिद का दिखाना कौतूहल का विषय जरूर है, लेकिन भविष्य के खतरे का भी संकेत है.

ये भी पढ़ें :- बारिश के कारण मंडराया बाढ़ का खतरा, DM ने किया औचक निरीक्षण

नवादा : रजौली प्रखंड स्थित फुलवरिया डैम के दक्षिण में स्थित चिरैला गांव के पास कई वर्ष से पानी में डूबी हुई मस्जिद पूरी तरह से दिखने लगी है (Mosque came out of water in Nawada). मस्जिद दिखने की खबर शुक्रवार को पूरे इलाके में आग की तरफ फैल गई. जिले के विभिन्न इलाकों से मुस्लिम परिवार अपने सगे संबंधी के साथ इस मस्जिद का दीदार करने के लिए डैम के किनारे पहुंचने लगे. पूरे दिन ये मस्जिद कौतुहल का विषय बनी रही. दूसरी तरफ फुलवरिया डैम में पानी की हो रही लगातार कमी (Phulwaria Dam water crisis) चिंता का विषय बन गया है.

ये भी पढ़ें :- नवादा: प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने अधिकारियों के साथ की बैठक, बोले सुखाड़ से निपटने को हैं तैयार

120 साल पुरानी मस्जिद 30 साल से डूबी थी : कई युवा हाथ में चप्पल लेकर कीचड़ में घुसकर मस्जिद के नजदीक पहुंचकर देखते दिखे. मस्जिद देखने के लिए पहुंचे कई मुस्लिम परिवार की महिलाओं ने भी मस्जिद के नजदीक जाने की कोशिश की लेकिन कीचड़ और बीच-बीच में पानी होने की वजह से वहां तक नहीं पहुंच सकीं. दूर से ही दीदार कर लौट गईं. जानकारी के लिए बता दें कि यह मस्जिद लगभग 120 वर्ष पुराना है. तीन दशक से ये पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ था. उसके बाद भी इस मस्जिद को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचा है.

चिंता का विषय है फुलवरिया डैम का जल स्तर कम होना : फुलवरिया डैम का निर्माण वर्ष 1984 में कराया गया था. उससे पहले इस जगह पर बड़ी आबादी होती थी. एरिया का अधिग्रहण डैम निर्माण के लिए किया गया था. तब इन स्थानों पर रहने वाले लोगों को विस्थापित कर हरदिया में बसाया गया था. डैम बनने के बाद मस्जिद यूं ही छोड़ दी गई थी. पानी भरा रहने की स्थिति में मस्जिद का सिर्फ गुम्बद दिखाई पड़ता था. जलाशय के सूखा रहने की स्थिति में पूरी मस्जिद दिख रही है. इस वर्ष वर्षा कम होने या यूं कहें कि सुखाड़ के कारण फुलवरिया डैम का जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है.लोगों के लिए यह भी एक चिंता का विषय है.

90 गांवों को पहुंचाया जाता है पानी : आने वाले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो भविष्य में इस इलाके में बड़ा जल संकट हो सकता है. इसी जलाशय में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. डैम का पानी शोधन कर जंगली क्षेत्र के 90 गांवों के लोगों तक पहुंचाया जाता है. जब जलाशय सूख जाएगा तो इन गांवों तक पानी पहुंचना बंद हो जायेगा. जिससे बड़ी आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. फिलहाल, डैम का जलस्तर घटने से मस्जिद का दिखाना कौतूहल का विषय जरूर है, लेकिन भविष्य के खतरे का भी संकेत है.

ये भी पढ़ें :- बारिश के कारण मंडराया बाढ़ का खतरा, DM ने किया औचक निरीक्षण

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.